BHU में UGC ने PHD-प्रवेश प्रतिक्रिया पर तत्काल लगाया रोक: विश्वविद्यालय में लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन पर जताई नाराजगी‌, रजिस्ट्रार दिल्ली तलब – Varanasi News

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BHU में UGC ने PHD-प्रवेश प्रतिक्रिया पर तत्काल लगाया रोक:  विश्वविद्यालय में लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन पर जताई नाराजगी‌, रजिस्ट्रार दिल्ली तलब – Varanasi News

BHU में UGC ने PHD-प्रवेश प्रतिक्रिया पर तत्काल लगाया रोक: विश्वविद्यालय में लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन पर जताई नाराजगी‌, रजिस्ट्रार दिल्ली तलब – Varanasi News

कैंपस में छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन का फूंका था पुतला।

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश का मामला शुरू से ही विवादों के साथ घिरा रहा। दाखिले के नोटिफिकेशन से लेकर परिणाम आने के बाद भी विरोध प्रदर्शन का सिलसिला इस कदर जारी रहा कि अब यूजीसी को इस पूरे मामले में संज्ञान लेकर जांच करानी पड़ रही है।

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विश्वविद्यालय के छात्रों का कहना है कि हमारे साथ उचित न्याय हो हमारी यही मांग है। 15 से अधिक छात्रों ने इस मामले में जांच की मांग के लिए शिक्षा मंत्रालय को पत्र भी भेजा था। इसके अलावा यूजीसी को भी विश्वविद्यालय में चल रहे गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई थी यही वजह है कि अब यूजीसी ने बीएचयू की पीएचडी प्रवेश पर रोक लगा दी है। जांच और यूजीसी रेगुलेशन के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए एक कमेटी भी गठित कर दी है। वहीं, सूत्रों के अनुसार कार्यवाहक कुलपति और रजिस्ट्रार को दोबारा बातचीत के लिए दिल्ली बुलाया गया।

छात्र के समर्थन में आज पहुंचे थे BJP के नेता।

PhD प्रवेश पर लगी रोक

यूजीसी की ओर से सचिव मनीष आर. जोशी ने सोमवार को एक पत्र जारी कर कहा कि बीएचयू में पीएचडी प्रवेश से संबंधित कई मामले और विषमताएं संज्ञान में आई हैं। विश्वविद्यालयों को पहले अवगत कराया गया है कि पीएचडी डिग्री देने के लिए न्यूनतम मानक और प्रक्रिया विनियम, 2022 के अनुसार ही चलना होगा। पीएचडी कार्यक्रमों में छात्रों को प्रवेश देना और पीएचडी डिग्री देना जरूरी है। ऐसे में बीएचयू में शोध प्रवेश से संबंधित मुद्दों की जांच की जाएगी। बीएचयू को निर्देशित किया जाता है कि जब तक समिति की ओर से रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं कर दी जाती और जांच अधिकारी कोई फैसला नहीं ले लेते तब तक विश्वविद्यालय में सत्र 2024-25 के लिए पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया पर कोई भी अगली कार्रवाई न की जाए।

पिछले कई दिनों में विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश धांधली के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन।

कार्यवाहक कुलपति राजनीति पार्टियों के दबाव में आकर फैसला लेने का लगा आरोप

11 दिनों से वीसी लॉज पर धरने पर बैठे एबीवीपी के भास्करादित्य त्रिपाठी प्रवेश पाने के लिए धरनारत हैं। समर्थन में बड़ी संख्या में छात्रा पहुंचे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में राजनीतिक पार्टियों के दबाव में आकर कार्यवाहक कुलपति ने फैसला लिया। उन्होंने पूर्व में विश्वविद्यालय द्वारा बनाए गए कमेटी के एक फैसले का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने यह आरोप लगाया है कि कमेटी ने मेरे सभी कागज को सही बताते हुए एडमिशन करने की बात कही थी लेकिन उसके बाद भी मेरा एडमिशन नहीं किया गया।

छात्रों ने पीएम से की अपील – जल्द नियुक्त किए जायें वीसी

BHU की तात्कालिक स्थिति को लेकर छात्रसंघ संघर्ष समिति के सदस्यों में गहरी चिंता देखी गई। इसी क्रम में विश्वविद्यालय के छात्र नेता अभिषेक कुमार सिंह के नेतृत्व में दर्जनों छात्रों ने आज बीएचयू की विभिन्न समस्याओं को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए एक पत्र लिखा।

विश्वविद्यालय के तमामों छात्रों ने मिलकर पीएम को भेजा पत्र।

छात्रो ने कहा विश्वविद्यालय के मौजूदा समस्याओं की मूल वजह विश्वविद्यालय में स्थायी कुलपति की नियुक्ति न होना है। महामना पं. मदन मोहन मालवीय जी के पौत्र, पूर्व कुलाधिपति न्यायमूर्ति गिरधर मालवीय के निधन के बाद विश्वविद्यालय पूर्णतः नेतृत्वविहीन हो गया है। छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय में एक स्थायी कुलपति की नियुक्ति तत्काल आवश्यक है, ताकि शैक्षिक एवं प्रशासनिक कार्यप्रणाली को सुचारू रूप से संचालित किया जा सके।

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