Bhalswa Landfill News: 8 दिन से भलस्वा में धधक रहा कूड़े का पहाड़, जहरीले धुएं से घुट रहा दम, बीमारों की बढ़ी संख्या

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Bhalswa Landfill News: 8 दिन से भलस्वा में धधक रहा कूड़े का पहाड़, जहरीले धुएं से घुट रहा दम, बीमारों की बढ़ी संख्या

Bhalswa Landfill News: 8 दिन से भलस्वा में धधक रहा कूड़े का पहाड़, जहरीले धुएं से घुट रहा दम, बीमारों की बढ़ी संख्या

राजेश पोद्दार, नई दिल्ली: आज मंगलवार को भलस्वा लैंडफिल साइट (Bhalswa Landfill Site) पर लगी आग को 8 दिन पूरे हो गए, लेकिन अभी तक इस आग पर काबू नहीं पाया जा सका है। पिछले हफ्ते मंगलवार शाम को यहां लगी भीषण आग की लपटों पर फायर ब्रिगेड ने किसी तरह काबू तो पा लिया, लेकिन रुक-रुक कर सुलग रही आग और इससे लगातार निकल रहे धुएं पर रोक अभी भी नहीं लग सकी है। अब भी यहां आधा दर्जन के करीब फायर ब्रिगेड की गाड़ियां और दमकलकर्मी मौजूद हैं। जो 6 घंटे के अंतराल पर अपनी ड्यूटी बदलते रहते हैं। जहां से भी आग की चिंगारी या ज्यादा धुआं निकलता दिखता है वहां पर पानी डालकर उसे कंट्रोल करने की कोशिश की जा रही है।

भलस्वा के लोग धुएं से परेशान

ऐसे में भलस्वा और इसके आसपास के रिहायशी इलाकों में रहने वाले लोग धुएं से परेशान हैं। उन्हें सांस लेने में तकलीफों का सामना करना पड़ता है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पिछले एक हफ्ते से लगातार यहां पर अस्थमा और सांस संबंधित बीमारियों के मरीजों में बढ़ोतरी हो रही है। खासकर बुजुर्गों में सांस लेने की तकलीफ के मामले बड़े हैं।

जब से कूड़े के पहाड़ में आग लगी है, उसके बाद से धुएं का गुबार इलाके से छटा नहीं है। घरों के अंदर तक धुआं भर जाता है। सांस लेने में तकलीफ होती है। रात दिन लोग खांसते रहते हैं। बुजुर्ग लोगों को ज्यादा परेशानी हो रही है।

रामवीर

बीमार लोगों की भीड़
भलस्वा लैंडफिल के करीब दो से 3 किलोमीटर के दायरे में जो रेजिडेंशियल इलाका है, वह क्लस्टर कॉलोनियों की श्रेणी का है। ऐसे में यहां पर बड़े नर्सिंग होम या सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल तो मौजूद नहीं है। लेकिन यहां पर बड़ी तादाद में छोटे-छोटे क्लीनिकों में डॉक्टर मरीजों का उपचार करते हैं। इन डॉक्टरों का कहना है कि यहां पर सांस फूलना, गले में खराश, आंखों में लालपन और एलर्जी संबंधित मरीज अधिक आ रहे हैं।

कूड़े की आग से इलाके में लगातार गर्मी का स्तर भी बढ़ गया है। रोज सुबह से रात तक धुआं ही धुआं दिखाई देता है। लोगों में आंखों में जलन, गले में खराश और सांस फूल की परेशानी बढ़ गई है।

चंद्रवती

भलस्वा के आसपास बेहतर स्वास्थ्य सेवा नहीं
भलस्वा डेयरी, भलस्वा जेजे कॉलोनी, श्रद्धानंद कॉलोनी सहित आसपास के इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य सेवा न होने की वजह से यहां के ज्यादातर लोग केमिस्ट से ही दवाइयां लेते हैं। एक केमिस्ट की दुकान चलाने वाले सुमित प्रसाद ने बताया कि यहां पर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी है। ऐसे में ज्यादातर लोग आसपास के केमिस्ट की दुकानों से ही दवाइयों की डिमांड करते हैं। नोजल ड्राप, माउथ स्प्रे और कई जनरल मेडिसिन की डिमांड बढ़ गई है।

मेरी उम्र 54 साल की है, मैंने आज तक धुम्रपान नहीं किया। लेकिन यहां पर जो धुआं निकल रहा है उससे सांस की बीमारी का डर सता रहा है। मेरे उम्र के कई लोग अस्थमा से ग्रसित हो चुके हैं। लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है।

खड़क सिंह

कई साल से त्रस्त हैं लोग
दवाइयां खरीदने आए भलस्वा डेयरी इलाके में रहने वाले मिश्रीलाल ने बताया कि इसमें ज्यादातर दवाइयां सांस संबंधित बीमारियों की ही है जो कि डॉक्टर ने लिखी हैं। पिछले कई दिनों से यहां के हालात बिगड़ गए हैं। हालांकि इस इलाके में कूड़े के पहाड़ की समस्या से लोग पिछले कई साल से त्रस्त हैं। इलाके में रहने वाले दूसरे लोगों ने कहा कि सरकार को अब सख्ती से एक्शन लेना चाहिए। आज 8 दिन पूरे होने के बावजूद कूड़े के पहाड़ से धुआं निकलने का सिलसिला नहीं थम सका।

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