Bengal Coal Mining Scam: ममता बनर्जी के भतीजे-बहू ED के राडार पर, कहां गए 1,352 करोड़? क्या है बंगाल का कोयला घोटाला

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Bengal Coal Mining Scam: ममता बनर्जी के भतीजे-बहू ED के राडार पर, कहां गए 1,352 करोड़? क्या है बंगाल का कोयला घोटाला

Bengal Coal Mining Scam: ममता बनर्जी के भतीजे-बहू ED के राडार पर, कहां गए 1,352 करोड़? क्या है बंगाल का कोयला घोटाला

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) के भतीजे और बहू ईडी (ED) की राडार पर हैं। पश्च‍िम बंगाल के कोयला खनन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने तृलमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद अभ‍िषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) और उनकी पत्‍नी रुजिरा बनर्जी को समन भेजा है। रुजिरा को 30 मार्च को एजेंसी के सामने पेश होने को कहा है। उन्‍हें पहले भी पेश होने के लिए कहा गया था।

अभिषक बनर्जी को भी 29 मार्च को पेश होना था। लेकिन वे पेश नहीं हुए। इससे पहले 21 मार्च को उनसे लगभग आठ घंटे पूछताछ हुई थी। ईडी ने सबसे पहले उन्‍हें सितंबर में तलब किया था। पूरा मामला कोयला खनन घोटाले से जुड़ा है। इस मामले में अनूप माझी उर्प्‍फ लाला मुख्‍य आरोपी हैं। जांच एजेंसी दो लोगों को ग‍िरफ्तार भी कर चुकी है। एक नाम विकास मिश्र का है जो टीएमसी युवा शाखा के नेता विनय मिश्र के भाई हैं। दूसरा नाम बांकुरा थाने का पूर्व इंस्‍पेक्‍टर अशोक कुमार मिश्र का है। बताया जा रहा क‍ि मुख्‍य आरोपी देश छोड़ फरार हो चुका है।

क्या है बंगाल का कोयला घोटाला?
27 नवंबर 2021 को सीबीआई की कोलकाता एंटी करप्‍शन ब्रांच ने पश्‍चिम बंगाल के कुछ ह‍िस्‍सों में ईस्‍टर्न कोलफील्‍ड्स लिमिटेड के लीजहोल्‍ड एरिया से कोयले के अवैध खनन और उठाव में भ्रष्‍टाचार को लेकर मामला दर्ज किया। ईस्‍टर्न कोलफील्‍ड्स लिमिटेड सार्वजनिक उपक्रम की कंपनी है जो कोल इंडिया लिमिटेड के स्‍वामित्‍व की है जो पश्चिम बंगाल और झारखंड में कोयला खनन करती है।

मामला तब सामने आया जब मई से अगस्‍त 2021 के बीच सतर्कता विभाग और ईसीएल टास्‍क फोर्स ने जांच में पाया क‍ि ईसीएल के पट्टे पर अवैध रूप से खनन और उसकी ढुलाई हो रही है। जांच टीम ने मौके से कई खनन मशीन और कोयला जब्‍त किया।

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घोटाले का पूरा कारोबार बंगाल के आसनसोल से लेकर पुरुलिया और बाकुंडा तक और झारखंड में धनबाद में लेकर रामगढ़ तक फैला है। इन क्षेत्रों में कई ऐसी खदाने हैं जो बंद हैं। लेकिन वहां माफिया अब भी खनन कर रहे हैं। नवंबर 2020 में सीबीआई ने इसी मामले को लेकर ईसीएल और सीआईएसएफ के अध‍िकारियों पर मामला भी दर्ज किया। सीबीआई के अनुसार अनूप मांझी इस पूरे घोटाले का सरगना है। इसके अलावा ईसीएल के महाप्रबंधक अमित धर और जयेश चंद्र राय सह‍ित कोई लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। कुल घोटाला 1,352 करोड़ रुपये का बताया जा रहा।

अभि‍षेक बनर्जी और उनकी पत्‍नी रुजिरा का नाम कैसे आया?
सीबीआई ने 28 नवंबर 2021 को पश्‍चिम बंगाल में 45 जगहों पर छापा मारा। टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी के करीबी विनय मिश्रा ये यहां भी छापा पड़ा। इसके बाद कुछ गहावों ने रुजिरा की फर्म लीप्‍स एंड बाउंड्स मैनेजमेंट सर्विस एलएलपी का नाम लिया।

अभ‍िषेक बनर्जी ने 2010 में अपनी मां लता के नाम पर इस फर्म की शुरूआत की थी। कंपनी का रिजस्‍ट्रेशन 4 मई 2011 को हुआ था। 19 अप्रैल 2012 को अभ‍िषेक ने एक कंपनी लीप्स एंड बाउंड्स प्राइवेट लिमिटेड शुरू की। तीसरी कंपनी 2017 में शुरू हुई थी जिसमें उनके साथ उनकी पिता अमित भी पार्टनर थे। माकपा ने 2013 में आरोप लगाया था कि ममता बनर्जी की मदद से अभिषेक बनर्जी ने अपनी फर्म का इस्तेमाल पोंजी योजनाओं के लिए किया। माकपा ने आरोप लगाया कि दो वर्षों में अभिषेक बनर्जी की फर्म का कारोबार 300 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।आरोपों के तुरंत बाद अभिषेक ने निदेशक पद को छोड़ दिया था।

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सीबीआई रूजिरा बनर्जी से कोयला चोरी मामले की जांच में पूछताछ कर चुकी है। रुजिरा बनर्जी का नाम इस केस में उस वक्त आया जब सीबीआई की टीम ने पिछले साल दिसंबर के अंत में टीएमसी नेता विनय मिश्रा के छापेमारी की। बाद में सुवेंदु अधिकारी ने रूजिरा का नाम लिया था जिसके बाद सीबीआई ने रूजिरा को नोटिस जारी किया।



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