Barren Mountain Become Green Forest : साधु के जज्बे को सलाम, 11 साल में बंजर पहाड़ का बना दिया हरा-भरा जंगल

94
Barren Mountain Become Green Forest : साधु के जज्बे को सलाम, 11 साल में बंजर पहाड़ का बना दिया हरा-भरा जंगल

Barren Mountain Become Green Forest : साधु के जज्बे को सलाम, 11 साल में बंजर पहाड़ का बना दिया हरा-भरा जंगल

ह्रदेश तिवारी, निवाड़ी : विरान पहाड़ को एमपी के निवाड़ी (Sadhu Purushottam Das did wonderful job) जिले में एक साधुने हरे-भरे जंगल में तब्दील कर दिया है। इस जगह पर गांव के लोग कभी गंदगी की वजह से नहीं जाना चाहते थे। हरियाली के कारण आज यह जगह गुलजार है। अब चैन के दो पल व्यतीत करने के लिए लोग यहां आते हैं। यह सब एक साधु की कड़ी मेहनत की वजह से संभव हुआ है। अब पहाड़ एक सुंदर बगिया बन गया है, जिसकी खूबसूरती देखते बनती है।


ये जो आप तस्वीर देख रहे हैं, यही तस्वीर पूरी कहानी कहने के लिए काफी है। दरअसल, इस तस्वीर में एक तरफ बंजर पहाड़ दिखाई दे रहा है और दूसरी तरफ हरा-भरा जंगल है। 11 साल पहले तक यह पूरा पहाड़ बंजर ही था। ग्वालियर के एक साधु पुरुषोत्तम दास यहां रहने आए थे। साधु की मेहनत और जज्बे का ही नतीजा है कि बंजर पहाड़ का अधिकतर हिस्सा आज हरे भरे जंगल में तब्दील हो गया है।

Bundelkhand Expressway: तैयार हो गया बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, अब चित्रकूट से ‘नजदीक’ हुई दिल्ली, जानिए कब उद्घाटन करेंगे PM मोदी
हम बात कर रहे हैं कि निवाड़ी जिले की पृथ्वीपुर तहसील के अतर्रा गांव की। गांव के एक छोर पर पहाड़ी पर मंदिर बना है। यहां 11 साल पहले ग्वालियर के साधु जहां 11 साल पहले ग्वालियर के साधु पुरुषोत्तम दास ने आकर डेरा डाला था। साधु ने मेहनत से इस बंजर पहाड़ को हरा-भरा बना दिया है। खास बात ये है कि निवाड़ी बुंदेलखंड का हिस्सा है और यह इलाका भीषण सूखे की चपेट में है।

Drinking Water Problem In Chhindwara: शिव ‘राज’ में कमलनाथ के गढ़ की हकीकत, झिरिया के मटमैले पानी से प्यास बुझा रहे आदिवासी
बूंद-बूंद के लिए जनमानस और जानवर परेशान हैं। ऐसे मुश्किल हालात में प्रकृति से अपने प्रेम के चलते ही साधु पुरुषोत्तम दास ने मंदिर के पास पहाड़ी पर पेड़ लगाने शुरू किए। साधु ने पहाड़ी के 12 हेक्टेयर इलाके में पेड़ लगाने शुरू किए थे और बाल्टियों में पानी लाकर पेड़ों को उगाना शुरू किया। कड़ी मेहनत और लग्न का ही फल है कि आज यह पहाड़ हरा-भरा हो चुका है।

पहाड़ी इलाकों में आपदा में फंसे लोगों के बचाने के लिए और तेजी से पहुंचेगी ITBP, 3000 ड्राइवरों को दी जा रही है ‘खास’ ट्रेनिंग
अब यहां आम, नींबू, आंवला, अमरूद के अलावा सैकड़ों तरह के औषधीय पेड़ हैं। जैसे सफेद, लाल चंदन, सिंदूर, अश्वगंधा, सतावर और नारियल आदि के पेड़ लगे हैं। गांव के लोगों का कहना है कि पहले यहां गंदगी का आलम था, लोग यहां जाना भी पसंद नहीं करते थे। बाबा की कड़ी मेहनत के कारण आज पहाड़ हरी भरी बगिया में तब्दील हो गया है।

Bundelkhand News: पानी की किल्लत झेल रहे बुदेलखंड से आई राहत की खबर, बबेरू का बढ़ा जलस्तर…जानिए कैसे काम आई मोदी की नसीहत
गांव के लोगों ने कहा कि बाबा ने मंदिर के पास के तालाब को जन सहयोग से गहरा भी कराया है। बाबा की बदौलत आज गांव का माहौल धार्मिक नजर आने लगा है। अब बाहर के लोग भी यहां प्रकृति का आनंद लेते हैं। कोरोना काल में औषधीय पौधों के लिए भी लोग आते थे।

उमध्यप्रदेश की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Madhya Pradesh News