Banking Crisis: फ्राइडे से शुरू हो जाती है वीकेंड की मस्ती, फिर शुक्रवार से क्यों घबराते हैं बैंकर?
मार्केट कमेंटेटेर Kobeissi Letter ने एक ट्वीट में बताया कि अधिकांश बैंक शुक्रवार को ही डूबे हैं। मसलन 14 मार्च 2008 को Bear Stearns पर नकदी संकट आया। वह शुक्रवार का दिन था। इसी तरह लीमन ब्रदर्स (Lehman Brothers) के खुद को दिवालिया घोषित करने से पहले लास्ट ट्रेडिंग डे शुक्रवार ही था। यह 12 सितंबर, 2008 की बात है। अमेरिका के इतिहास में डूबने वाला सबसे बड़ा बैंक वॉशिंगटन म्यूचुअल को रेगुलेटर्स ने 26 सितंबर, 2008 को अपने कब्जे में लिया था। इत्तेफाक से उस दिन भी शुक्रवार ही था। हाल में 10 मार्च को अमेरिका के सिलिकॉन वैली बैंक (Silicon Valley Bank) को रेगुलेटर्स ने अपने कब्जे में किया था। उस दिन भी शुक्रवार था। यह अमेरिका के इतिहास में डूबने वाला दूसरा सबसे बड़ा बैंक है।
26,000 से ज्यादा बैंक डूबे
इसी तरह सिग्नेचर बैंक (Signature) से 10 मार्च को ही 10 अरब डॉलर विदड्रॉ किए गए। उस दिन शुक्रवार था। दो दिन बाद ही अमेरिका के रेगुलेटर्स ने इसे अपने कब्जे में ले लिया। क्रेडिट सुइस को डूबने से बचाने के लिए यूबीएस (UBS) ने 17 मार्च, 2023 को बोली लगाई। उस दिन भी शुक्रवार था। अमेरिकी फेड रिजर्व के आंकड़ों के मुताबिक 8 से 22 मार्च के दौरान अमेरिका बैंकों ने 225 अरब डॉलर का डिपॉजिट गंवाया। पिछले हफ्ते यह आंकड़ा 126 अरब डॉलर रहा। इससे साफ है कि बैंकिंग संकट अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। पिछले 100 साल में अमेरिका में 26,000 से अधिक बैंक डूब चुके हैं। 1920 में देश में बैंकों की संख्या 31,000 थी जो 2022 में घटकर 4,200 रह गई है। अब भी दुनिया में सबसे ज्यादा बैंक अमेरिका में ही हैं।
जब किसी बैंक की हालत खस्ता होती है तो रेगुलेटर्स कोई ऐसा काम नहीं करना चाहते जिससे ग्राहकों में अफरातफरी फैले। इसलिए वे तसल्ली से टेकओवर का प्लान बनाते हैं और वीकेंड में यह काम करते हैं। अमेरिका में डूबने वाले बैंकों को टेकओवर करने की जिम्मेदारी फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (FDIC) के पास है। इसके प्रवक्ता डेविड बार के मुताबिक पहले अधिकांश बैंक वीकेंड में बंद रहते थे। इससे एफडीआईसी को अपना काम करने के लिए 60 घंटे का समय मिल जाता था। तब 45 से 6 लोगों की टीम प्रिंटर्स, कंप्यूटर्स, कॉपीयर्स लेकर घुसती थी। लेकिन अब छोटी टीम साइट पर होती है। अधिकांश लोग घर या ऑफिस से काम करते हैं।
वीकेंड पर आफत
ये टीमें रातभर जागकर डूब चुके बैंक के अकाउंट्स को खंगालती हैं और यह पता लगाती है कि किस एसेट्स को बेचा जा सकता है। इस कवायद के पीछे मकसद यह होता है कि सोमवार को बाजार खुलने से पहले सबकुछ दुरुस्त कर लिया जाए। अमूमन सोमवार को बाजार खुलने से पहले बैंक का नया मालिक सामने आ जाता है। जैसा कि हमने क्रेडिट सुइस के मामले में देखा। स्विस सरकार इस कोशिश में लगी थी कि सोमवार को बाजार खुलने से पहले सबकुछ सही हो जाए। आखिरकार उसकी कोशिश रंग लाई और क्रेडिट सुइस अपने प्रतिद्वंद्वी यूबीएस के हाथों बिक गया।