Banka Rape Murder Case : 8 साल की बच्ची से रेप…आंखें फोड़ीं…मर्डर किया, सीएम नीतीश से मांगा इंसाफ तो पुलिस ने दिखा दी औकात h3>
पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलना चाह रहे, बांका के रहनेवाले शख्स के आठ साल की बेटी के साथ कुछ दिन पहले हैवानियत (Banka Rape Murder Case) की गई थी। रेप के बाद उसकी आंखें निकाल कर हत्या कर दी गई। इसी सिलसिले में वो इंसाफ की गुहार लगाने बिहार सरकार के मुखिया (Nitish Kumar) के दरवाजे पर आया था। ताकि मासूम बेटी की आत्मा को यकीन दिला सके कि उसका पिता हाथ पर हाथ रखकर बैठा नहीं है। अपनी लाडली की इंसाफ की लड़ाई लड़ रहा है। उनके साथ सामाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना (Yogita Bhayana) भी थीं। उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार से मिलने का लगातार वक्त मांगा जा रहा है कि मगर मिलने का समय नहीं दिया जा रहा। जिसके बाद वो लोग सीएम आवास के चौखट पर आए हैं। मगर यहां पर बिहार की पुलिस बदतमीजी ( Bihar Police Misbehaved) पर उतर आई है।
पटना सीएम आवास के बाहर इंसाफ के लिए हंगामा
पटना सीएम आवास के बार सुरक्षाकर्मियों ने पीड़ित और सामाजिक कार्यकर्ता से बदसलूकी की। एक लाचार पिता रो-रो कर चीख रहा था। वो बता रहा था कि मेरी 8 साल की बेटी को उठा कर रेप किया गया। उसकी आंखें निकाल ली गई। उसका मर्डर कर दिया गया। पुलिस वाले अपराधी को नहीं पकड़ रहे, हमलोगों को ही परेशान कर रहे हैं। मेरे भाई को ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। कृपा कर हमको सीएम साहब से मिलवा दीजिए। उनसे मिलने का कई बार टाइम मांगे, लेकिन समय नहीं दिया जा रहा। हम यहीं मर जाएंगे लेकिन सीएम साहब से मिल कर ही वापस जाएंगे। मगर सीएम आवास के बाहर तैनात पुलिस वाले पीड़ित की बात को भी सुनने को तैयार नहीं थे। पीड़ित और सामाजिक कार्यकर्ता पर ही बहादुरी दिखाने लगे। बदतमीजी करने लगे। खदेड़ कर भगाने की कोशिश करने लगे। जोर-जबर्दस्ती पर उतर आए। मीडिया के कैमरे नहीं होते तो पता नहीं क्या-क्या करते।
रेप, मर्डर और आंख निकालने की घटना जानिए
बांका के रहनेवाले जिस बच्ची के पिता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने का गुहार लगा रहे थे, वो घटना रूह कंपा देनेवाली है। होली के दिन चान्दन थाना क्षेत्र में आठ साल की बच्ची का अपहरण कर लिया गया था। मासूम के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम देने के बाद उसकी दोनों आंखें फोड़ दी गई। फिर उसकी हत्या कर नाले में शव को फेंक दिया गया। बच्ची होली खेलने के लिए अपने घर से निकली थी। मगर उस क्या पता कि रास्ते में हैवान मिल जाएगा। इसी घटना की जानकारी देने और इंसाफ के लिए बांका से पटना, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने आए थे। लेकिन सीएम ऑफिस से टाइम नहीं दिया जा रहा था। पीड़ित के साथ दिल्ली से आई महिला एक्टिविस्ट योगिता भयाना भी थीं।
महिला हो महिला की तरह रहो- बिहार पुलिस
पीड़ित और सामाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना जब पटना के सीएम आवास के बाहर पहुंचे तो नीतीश कुमार की सुरक्षा में लगे पुलिसवालों ने उन्हें भगाने की कोशिश की। तब तक मीडिया के कैमरे तन गए। सचिवालय थाने के थानाध्यक्ष सीपी गुप्ता थोड़ी देर में वहां पहुंच गए। सचिवालय थानेदार ने वहां पहुंचते ही लड़की के पिता और महिला कार्यकर्ता से बदतमीजी करना शुरू कर दी। वीडियो बना रहे मीडियाकर्मियों के साथ भी धक्का-मुक्की हुई। थानाध्यक्ष सीपी गुप्ता बार-बार महिला एक्टिविस्ट योगिता भयाना को कह रहे थे कि महिला हो महिला की तरह रहो। वे लगातार योगिता भयाना के साथ जुबानी बदतमीजी कर रहे थे। मीडियाकर्मियों की मौजूदगी की वजह वो ज्यादा कुछ नहीं कर पा रहे थे। बाद में दोनों को पुलिस जीप में बिठाकर ले जाया गया।
अगला लेखBihar News : ‘मैं चिराग हूं…’, दिल्ली का बंगला खाली कर पहुंचे पटना, बोले- बेइज्जत करने की साजिश क्यों रची?
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पटना सीएम आवास के बार सुरक्षाकर्मियों ने पीड़ित और सामाजिक कार्यकर्ता से बदसलूकी की। एक लाचार पिता रो-रो कर चीख रहा था। वो बता रहा था कि मेरी 8 साल की बेटी को उठा कर रेप किया गया। उसकी आंखें निकाल ली गई। उसका मर्डर कर दिया गया। पुलिस वाले अपराधी को नहीं पकड़ रहे, हमलोगों को ही परेशान कर रहे हैं। मेरे भाई को ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। कृपा कर हमको सीएम साहब से मिलवा दीजिए। उनसे मिलने का कई बार टाइम मांगे, लेकिन समय नहीं दिया जा रहा। हम यहीं मर जाएंगे लेकिन सीएम साहब से मिल कर ही वापस जाएंगे। मगर सीएम आवास के बाहर तैनात पुलिस वाले पीड़ित की बात को भी सुनने को तैयार नहीं थे। पीड़ित और सामाजिक कार्यकर्ता पर ही बहादुरी दिखाने लगे। बदतमीजी करने लगे। खदेड़ कर भगाने की कोशिश करने लगे। जोर-जबर्दस्ती पर उतर आए। मीडिया के कैमरे नहीं होते तो पता नहीं क्या-क्या करते।
रेप, मर्डर और आंख निकालने की घटना जानिए
बांका के रहनेवाले जिस बच्ची के पिता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने का गुहार लगा रहे थे, वो घटना रूह कंपा देनेवाली है। होली के दिन चान्दन थाना क्षेत्र में आठ साल की बच्ची का अपहरण कर लिया गया था। मासूम के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम देने के बाद उसकी दोनों आंखें फोड़ दी गई। फिर उसकी हत्या कर नाले में शव को फेंक दिया गया। बच्ची होली खेलने के लिए अपने घर से निकली थी। मगर उस क्या पता कि रास्ते में हैवान मिल जाएगा। इसी घटना की जानकारी देने और इंसाफ के लिए बांका से पटना, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने आए थे। लेकिन सीएम ऑफिस से टाइम नहीं दिया जा रहा था। पीड़ित के साथ दिल्ली से आई महिला एक्टिविस्ट योगिता भयाना भी थीं।
महिला हो महिला की तरह रहो- बिहार पुलिस
पीड़ित और सामाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना जब पटना के सीएम आवास के बाहर पहुंचे तो नीतीश कुमार की सुरक्षा में लगे पुलिसवालों ने उन्हें भगाने की कोशिश की। तब तक मीडिया के कैमरे तन गए। सचिवालय थाने के थानाध्यक्ष सीपी गुप्ता थोड़ी देर में वहां पहुंच गए। सचिवालय थानेदार ने वहां पहुंचते ही लड़की के पिता और महिला कार्यकर्ता से बदतमीजी करना शुरू कर दी। वीडियो बना रहे मीडियाकर्मियों के साथ भी धक्का-मुक्की हुई। थानाध्यक्ष सीपी गुप्ता बार-बार महिला एक्टिविस्ट योगिता भयाना को कह रहे थे कि महिला हो महिला की तरह रहो। वे लगातार योगिता भयाना के साथ जुबानी बदतमीजी कर रहे थे। मीडियाकर्मियों की मौजूदगी की वजह वो ज्यादा कुछ नहीं कर पा रहे थे। बाद में दोनों को पुलिस जीप में बिठाकर ले जाया गया।