bank personal loan: व्यक्तिगत जरूरतों के लिए पर्सनल लोन लेना हो आखिरी पसंद | Taking a personal loan for personal needs is the last choice | Patrika News

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bank personal loan: व्यक्तिगत जरूरतों के लिए पर्सनल लोन लेना हो आखिरी पसंद | Taking a personal loan for personal needs is the last choice | Patrika News

bank personal loan: व्यक्तिगत जरूरतों के लिए पर्सनल लोन लेना हो आखिरी पसंद | Taking a personal loan for personal needs is the last choice | Patrika News

पर्सनल लोन ( personal loan ) लेने का फैसला सोच समझकर करना चाहिए, क्योंकि इन लोन की ब्याज दरें काफी ( best personal loan ) ऊंची होती हैं। इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि पर्सनल लोन उन्हीं हालातों में लें अगर आपके पास लोन लेने के लिए कोई ऐसेट या सिक्योरिटी ( bank personal loan ) ना हो।

जयपुर

Updated: April 14, 2022 12:09:45 pm

पर्सनल लोन लेने का फैसला सोच समझकर करना चाहिए, क्योंकि इन लोन की ब्याज दरें काफी ऊंची होती हैं। इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि पर्सनल लोन उन्हीं हालातों में लें अगर आपके पास लोन लेने के लिए कोई ऐसेट या सिक्योरिटी ना हो। उदाहरण के लिए अगर आपके पास कोई ऐसी प्रॉपर्टी है, जिसपर होम लोन नहीं लिया गया हो तो इसका उपयोग कर्ज लेने के लिए किया जा सकता है। अगर आपके पास पूंजी की कमी नहीं है और आपको भरोसा है कि आप ईएमआई समय पर चुका सकते हैं, वर्ना आप कर्ज के जाल में फंसते चले जा सकते हैं। अगर कोई आपात स्थिति है और आपको अचानक पैसे की जरूरत है। ऐसे हालात में पर्सनल लोन लिया जा सकता है, क्योंकि इसमें कम समय लगता है और दस्तावेजी प्रकिया भी छोटी होती है। पर्सनल लोन का विकल्प उसी हालत में लें अगर आपकी जरूरतें इंतजार नहीं कर सकती हैं। अपनी व्यक्तिगत जरूरतों के लिए पर्सनल लोन लेना आखिरी पसंद होनी चाहिए। जुआ खेलना, नई कार खरीदना आदि शौक के लिए पर्सनल लोन लेना भारी पड़ सकता है।

bank personal loan: व्यक्तिगत जरूरतों के लिए पर्सनल लोन लेना हो आखिरी पसंद

आपके लोन की लागत निकालने के प्रमुख तथ्य
पर्सनल लोन की ब्याज दर सिर्फ मूल राशि पर निर्भर नहीं होती है। कई अन्य शुल्क लोन की लागत को बढ़ा सकती हैं। इसलिए सिर्फ अलग—अलग बैंकों की ब्याज दरों को पैमाना मानकर पर्सनल लोन की तुलना ना करें।

ऐसे कुछ अतिरिक्त शुल्कों के बारे में समझिए
प्रोसेसिंग फीस: लोन की प्रक्रिया पूरी करने और कर्ज की अर्जी के लिए कर्जधारक से प्रोसेसिंग फीस ली जाती है। सामान्यतया लोन अमाउंट का 1.2 फीसदी इस मद में शुल्क के रूप में लिया जाता है। लोन लेने के समय अर्जी देते समय इस शुल्क को अदा करना होता है।

प्री—पेमेंट शुल्क: अगर ईएमआई लोन टेन्योर के समय से पहले चुका दी जाती हैं, तो बैंक इसके लिए लेनदार से प्री—पेमेंट फीस वसूल सकते हैं। अमूमन ये फीस बचे हुए लोन का 2.5 फीसदी के बीच होती है। अधिकांशतया प्री—पेमेंट फीस उसी सूरत में वसूली जाती है अगर लोन की लागत का कुछ निश्चित हिस्सा बचा हो।

विलंब पेमेंट पेनेल्टी: अगर आप अपनी मासिक ईएमआई चुकाने में देरी करते हैं तो बैंक ईएमआई के साथ लेट फीस भी वसूल सकते हैं। ये भी मुख्य तौर पर ईएमआई के 2 से 5 फीसदी के बीच होती है।

चैक बाउंस शुल्क: अगर आपने ईएमआई के रूप में कुछ चैक दिए और आपका चैक बाउंस हो गया तो आपको इसके लिए भी कुछ फीस देनी पड़ सकती है। आपको चैक बाउंस के लिए पेनेल्टी चुकानी पड़ सकती है। ये शुल्क 500 रुपए या इससे भी ज्यादा के हो सकता है।

डॉक्यूमेंटेशन चार्ज: लोन देने के लिए लेनदार के दस्तावेज को सत्यापित कराने की जरूरत पड़ती है। ज्यादतर बैंक इसके लिए किसी थर्ड—पार्टी वेंडर के जरिए ये काम कराते हैं। सामान्यतया इसके लिए चार्ज 500 से 1000 रुपये के बीच हो सकता है।

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