Baba Bageshwar: अचानक भावुक हो गए बाबा धीरेंद्र शास्त्री, कहा- बेइज्जती के डर से परिवार वाले ऐसा करते थे

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Baba Bageshwar: अचानक भावुक हो गए बाबा धीरेंद्र शास्त्री, कहा- बेइज्जती के डर से परिवार वाले ऐसा करते थे

Baba Bageshwar: अचानक भावुक हो गए बाबा धीरेंद्र शास्त्री, कहा- बेइज्जती के डर से परिवार वाले ऐसा करते थे

गोपालगंज जिले के भोरे प्रखंड की हुस्सेपुर पंचायत के रामनगर गांव स्थित राम जानकी मठ परिसर में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री के हनुमंत कथा में शनिवार को दिव्य दरबार लगेगा। रामनगर स्थित राम-जानकी मठ में दिव्य दरबार को लेकर यूपी-बिहार के अलावा नेपाल से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हुए हैं। शुक्रवार की रात में कथा स्थल पर ही काफी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। वहीं पंडित धीरेंद्र शास्त्री रामनगर में हनुमंत कथा के दौरान अपने बचपन के संघर्षों को याद करते हुए भावुक हो गए। उन्होंने कहा, जब मैं छोटा था और हमारे परिवार में शादियां होती थीं, तो पिताजी का नाम शादी कार्ड पर इसलिए नहीं छपवाते थे, क्योंकि उन्हें डर था कि फटे कपड़े पहनकर जाने से उनकी इज्जत खराब हो जाएगी। लेकिन मां हमेशा कहा करती थी, कभी भी भगवान की शरण मत छोड़ना, तुम्हारे दिन जरूर बदलेंगे।

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बागेश्वर धाम वाले बाबा ने कहा, अमीरों के हजारों गुरू होते हैं, लेकिन गरीबों का भगवान होता है। धीरेंद्र शास्त्री ने हनुमंत कथा के दौरान भावुक होकर अपने भक्तों से कहा, बिहार के लोग हमारी आत्मा हैं। हम चाहते हैं कि आपकी जिंदगी में रामजी की कृपा ऐसी हो कि आपकी जिंदगी में भी बहार आ जाए। उन्होंने दोहा कहा, मुझे कौन पूछता था, तेरी बंदगी से पहले, मैं खुद को ढूंढता था इस जिंदगी से पहले।

गरीब का बस एक भगवान होता है

साथ ही धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, यह दुनिया बड़ी विचित्र है। इस दुनिया में इज्जत वही पाता है, जो अमीर हो, फेमस हो या नेता हो मंचों पर भी वही चढ़ते हैं, जो अमीर होते हैं। गरीब तो सिर्फ ताली बजाते हैं। गरीबों को कोई नहीं पूछता। मिलने-मिलाने और फोटो भी उन्हीं का खिंचता है, जो बड़े होते हैं। गाड़ी में वही बैठते हैं, जो बड़े होते हैं। उन्होंने कहा, हमने बचपन में यह सब अपनी आंखों से देखा है। इसलिए गरीब का बस एक भगवान होता है।

पहली बार भावुक दिखे पंडित धीरेंद्र शास्त्री

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर ने कहा कि छोटे से गांव में दीनहीनता में जन्मे एक साधारण व्यक्ति को अगर रामजी अपनी कृपा से बोलने लायक बना सकते हैं, तो आप लोगों को भी भगवान के चरण पकड़ लेनी चाहिए। आपकी जिंदगी में भी चार चांद लग जाएंगे। यह तीसरी हनुमंत कथा है, जो धीरेंद्र शास्त्री ने बिहार में कर रहें है, लेकिन पहली बार गोपालगंज के मंच से उन्होंने हनुमंत कथा के दौरान अपनी आंखों में आंसू लिए और भावुक होकर अपने बचपन की उन सच्चाईयों को भक्तों के बीच साझा किया, जो उन्होंने दिल में संजोकर रखी थीं। हनुमंत कथा में अब श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने शुरू हो गई है। प्रशासन भी अलर्ट मोड में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखें है। उम्मीद है कि शनिवार को 10 बजे से लगने वाले दिव्य दरबार में अधिक श्रद्धालु पहुंच सकते हैं।

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