Azam Khan: मुलायम और अखिलेश चाहते तो आजम जेल से बाहर होते…SP नेता से मिलकर आए शिवपाल का बड़ा आरोप

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Azam Khan: मुलायम और अखिलेश चाहते तो आजम जेल से बाहर होते…SP नेता से मिलकर आए शिवपाल का बड़ा आरोप

Azam Khan: मुलायम और अखिलेश चाहते तो आजम जेल से बाहर होते…SP नेता से मिलकर आए शिवपाल का बड़ा आरोप

सीतापुर: प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) ने सीतापुर जेल (Sitapur Jail) में आजम खान (Azam Khan) से मुलाकात के बाद बयान देकर राजनीतिक सरगर्मी पैदा कर दिया है। शिवपाल ने पहली बार भतीजे अखिलेश के साथ ही साथ बड़े भाई मुलायम सिंह यादव पर भी निशाना साधते हुए कहा कि अगर नेताजी और अखिलेश चाहते तो आजम खान जेल से बाहर होते। शिवपाल ने कहा कि मुलायम ने भी लोकसभा में इस मामले को नहीं उठाया। वे चाहते तो धरना दे सकते थे।

शिवपाल यादव ने शुक्रवार की सुबह सीतापुर जेल में आजम खान के साथ करीब डेढ़ घंटे मुलाकात की। शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच चल रही राजनीतिक खींचतान के बीच आजम खान की नाराजगी के मसले को भी गरमा दिया गया है। अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी की ओर से खुलकर समर्थन नहीं किए जाने के मसले पर आजम खान और उनके परिवार की नाराजगी की खबरें सामने आई हैं। इस मामले के गरमाने के बाद राष्ट्रीय लोक दल अध्यक्ष जयंत चौधरी ने रामपुर पहुंच कर आजम खान के परिजन ने मुलाकात की है। वहीं, आजम की नाराजगी की रिपोर्ट के साथ ही एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी उन पर डोरे डालना शुरू कर दिया है।

शिवपाल दे रहे हैं आजम से पुराने संबंधों का हवाला
शिवपाल यादव ने आजम खान के साथ पुराने संबंधों का हवाला देते हुए उनकी तबियत काफी खराब होने की बात कही थी। गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा था कि आजम खान साहब की तबियत काफी खराब है। आजम खान को साहब कहकर सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव भी संबोधित करते रहे हैं। मुलायम के कभी काफी करीबी रहे शिवपाल यादव भी उसी समय से आजम खान से जुड़े हैं। ऐसे में जब आजम खान और शिवपाल यादव दोनों ही समाजवादी पार्टी से नाराज चल रहे हैं तो यह एक नए राजनीतिक समीकरण की तरफ बढ़ते कदम की तरफ भी संकेत देता दिखाई दे रहा है।

सपा की राजनीति में उपेक्षित हो गए हैं शिवपाल
यूपी चुनाव 2022 के पहले समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव की ओर से शिवपाल यादव का गठबंधन में जोरदार स्वागत हुआ था। शिवपाल को सपा के स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया गया था। चुनाव परिणाम के बाद विधायक दल की बैठक हुई तो उन्हें बुलाया ही नहीं गया। ऐसे में कभी समाजवादी पार्टी के लिए निर्णय लेने वाले शिवपाल इस पार्टी से विधायक बनने के बाद भी आमंत्रित नहीं किए जाने से नाराज हो गए।

अब वे खुद को सपा के 111 में से एक विधायक बता रहे हैं। कुछ यही स्थिति आजम खान की बनी हुई है। आजम को किसी अन्य खेमे में जाने देने से बेहतर शिवपाल अपने साथ जोड़ने की रणनीति पर भी आगे बढ़ते दिख सकते हैं। इस मुलाकात के मायने कई निकाले जा रहे हैं।



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