सावधान! डेंगू पीड़ितों को कोरोना का खतरा, ज्यादा कमजोरी वाले मरीज करें यह काम h3>
डेंगू में बुखार से यदि अधिक कमजोरी हो तो मरीजों को कोरोना का खतरा है। विशेषज्ञ डॉक्टरों के अनुसार दोनों के लक्षण समान हैं। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), पटना के विशेषज्ञ चिकित्सकों के अनुसार डेंगू पीड़ित को स्पर्श करने से डेंगू नहीं होता। डेंगू वायरल बीमारी नहीं है। डॉक्टरों के अनुसार डेंगू पीड़ित को कोरोना भी हो सकता है। बुखार से ज्यादा कमजोरी महसूस होने पर कोरोना जांच कराने से बीमारी की स्पष्ट पहचान हो सकती है। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि डेंगू मरीजों को अगर ज्यादा कमजोरी हो तो तुरंत कोरोना जांच करा लें।
विशेषज्ञों के मुताबिक बिहार में अभी डेंगू के मौजूदा वेरिएंट-1 का प्रकोप अधिक है। इसमें तेज बुखार के बाद तीसरे दिन से प्लेटलेट्स में कमी आ रही है। साथ ही, डेंगू बुखार के दौरान पहले पीड़ित मरीज के शरीर में श्वेत रक्त कणिका (डब्ल्यूबीसी) की कमी हो जा रही है। इसके कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी होना शुरू हो रहा है। फिर 3 दिन बाद प्लेटलेट्स घटने लग रहा है। एनएमसीएच, पटना के उपाधीक्षक और कोरोना के नोडल ऑफिसर रहे डॉ. अजय सिन्हा के अनुसार हालांकि बिहार में डेंगू के जो चार वेरिएंट पाए जा रहे हैं, उनमें यह वेरिएंट-1 माइल्ड किस्म का है, लेकिन बिहार में इसका अधिक प्रकोप है। इसका असर शरीर पर ज्यादा हो रहा है। उन्होंने कहा कि डेंगू के इस वेरिएंट से मौत के मामलों में कोई बढ़ोतरी नही हुई है, इसके बावजूद मरीज को इलाज के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है।
पटना में 475 नए डेंगू मरीज मिले
पटना में डेंगू का प्रकोप थम नहीं रहा है। यह बड़ी संख्या में बच्चों को चपेट में ले रहा है। इसे देखते हुए आईजीआईएमएस शिशु रोग विभाग ने 14 बेड सुरक्षित कर दिया है। वहीं, शुक्रवार को पटना में 475 नए मरीज मिले हैं। पीडियाट्रिक डेंगू आईसीयू में 8 और डेंगू वार्ड में 6 बेड सुरक्षित किए गए हैं। पटना में शुक्रवार को डेंगू के 475 नये मरीज मिले हैं। मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। पीएमसीएच में 109 डेंगू के मरीज मिले हैं। वहीं आईजीआईएमस में 64, एनएमसीएच में 41, अजीमाबाद अंचल में 58, कंकड़बाग में 14, बांकीपुर में 55, पाटलिपुत्र में 20, नूतन राजधानी अंचल में 13, पटना सिटी में 9 और पटना में 70 मिले हैं।
इन जिलों में अबतक मिले डेंगू पीड़ित
पटना 4893
नालंदा 281
मुंगेर 228
वैशाली 88
गया 82
गोपालगंज 62
पूर्वी चंपारण 54
भागलपुर 15
बेगूसराय 15
10 हजार से कम प्लेटलेट्स चिंताजनक
डेंगू मरीजों में 10 हजार से कम तक प्लेटलेट्स पहुंच जा रहा है। डॉक्टरों के अनुसार यदि ऐसा हो तो यह चिंता का विषय है। 20 हजार प्लेटलेट्स तक अतिरिक्त प्लेटलेट्स की जरूरत नहीं होती है। निजी अस्पतालों में प्लेटलेट्स को लेकर ज्यादा गंभीरता प्रदर्शित की जाती है, जबकि सरकारी अस्पतालों में ऐसे कम मरीज हैं।
केंद्रीय टीम ने पीएमसीएच में डेंगू का लार्वा पकड़ा
भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के निर्देश पर चार दिवसीय दौरे पर पटना पहुंची विशेषज्ञों की टीम ने शुक्रवार को पीएमसीएच पटना में डेंगू का लार्वा पकड़ा। इस टीम ने डेंगू वार्ड का निरीक्षण किया, मरीजों के इलाज की जानकारी ली। इसके बाद ब्लड बैंक व जांच लैब का भी निरीक्षण किया। केंद्रीय टीम ने बाजार समिति स्थित मुहल्लों में जाकर पीड़ित परिवारों व मरीजों से मुलाकात की। इसके बाद केंद्रीय टीम एनएमसीएच गयी और वहां डेंगू मरीजों से इलाज की जानकारी ली। अस्पताल के समीप स्थित बजरंग पुरी में जाकर घर घर पीड़ितों से मिली। चार सदस्यीय केंद्रीय टीम का नेतृत्व डॉ. संजीव कर रहे हैं। इस टीम के साथ राज्य सर्वेक्षण पदाधिकारी डॉ. रंजीत कुमार भी थे। इसके पूर्व टीम ने पहले दिन आईजीआईएमएस, पटना का भ्रमण किया था। जबकि दूसरे दिन नालन्दा के पावापुरी मेडिकल कॉलेज, राजगीर स्थित अस्पताल और जिला अस्पताल, बिहारशरीफ का निरीक्षण कर डेंगू मरीजों के इलाज की विस्तृत जानकारी ली थी।
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डेंगू में बुखार से यदि अधिक कमजोरी हो तो मरीजों को कोरोना का खतरा है। विशेषज्ञ डॉक्टरों के अनुसार दोनों के लक्षण समान हैं। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), पटना के विशेषज्ञ चिकित्सकों के अनुसार डेंगू पीड़ित को स्पर्श करने से डेंगू नहीं होता। डेंगू वायरल बीमारी नहीं है। डॉक्टरों के अनुसार डेंगू पीड़ित को कोरोना भी हो सकता है। बुखार से ज्यादा कमजोरी महसूस होने पर कोरोना जांच कराने से बीमारी की स्पष्ट पहचान हो सकती है। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि डेंगू मरीजों को अगर ज्यादा कमजोरी हो तो तुरंत कोरोना जांच करा लें।
विशेषज्ञों के मुताबिक बिहार में अभी डेंगू के मौजूदा वेरिएंट-1 का प्रकोप अधिक है। इसमें तेज बुखार के बाद तीसरे दिन से प्लेटलेट्स में कमी आ रही है। साथ ही, डेंगू बुखार के दौरान पहले पीड़ित मरीज के शरीर में श्वेत रक्त कणिका (डब्ल्यूबीसी) की कमी हो जा रही है। इसके कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी होना शुरू हो रहा है। फिर 3 दिन बाद प्लेटलेट्स घटने लग रहा है। एनएमसीएच, पटना के उपाधीक्षक और कोरोना के नोडल ऑफिसर रहे डॉ. अजय सिन्हा के अनुसार हालांकि बिहार में डेंगू के जो चार वेरिएंट पाए जा रहे हैं, उनमें यह वेरिएंट-1 माइल्ड किस्म का है, लेकिन बिहार में इसका अधिक प्रकोप है। इसका असर शरीर पर ज्यादा हो रहा है। उन्होंने कहा कि डेंगू के इस वेरिएंट से मौत के मामलों में कोई बढ़ोतरी नही हुई है, इसके बावजूद मरीज को इलाज के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है।
पटना में 475 नए डेंगू मरीज मिले
पटना में डेंगू का प्रकोप थम नहीं रहा है। यह बड़ी संख्या में बच्चों को चपेट में ले रहा है। इसे देखते हुए आईजीआईएमएस शिशु रोग विभाग ने 14 बेड सुरक्षित कर दिया है। वहीं, शुक्रवार को पटना में 475 नए मरीज मिले हैं। पीडियाट्रिक डेंगू आईसीयू में 8 और डेंगू वार्ड में 6 बेड सुरक्षित किए गए हैं। पटना में शुक्रवार को डेंगू के 475 नये मरीज मिले हैं। मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। पीएमसीएच में 109 डेंगू के मरीज मिले हैं। वहीं आईजीआईएमस में 64, एनएमसीएच में 41, अजीमाबाद अंचल में 58, कंकड़बाग में 14, बांकीपुर में 55, पाटलिपुत्र में 20, नूतन राजधानी अंचल में 13, पटना सिटी में 9 और पटना में 70 मिले हैं।
इन जिलों में अबतक मिले डेंगू पीड़ित
पटना 4893
नालंदा 281
मुंगेर 228
वैशाली 88
गया 82
गोपालगंज 62
पूर्वी चंपारण 54
भागलपुर 15
बेगूसराय 15
10 हजार से कम प्लेटलेट्स चिंताजनक
डेंगू मरीजों में 10 हजार से कम तक प्लेटलेट्स पहुंच जा रहा है। डॉक्टरों के अनुसार यदि ऐसा हो तो यह चिंता का विषय है। 20 हजार प्लेटलेट्स तक अतिरिक्त प्लेटलेट्स की जरूरत नहीं होती है। निजी अस्पतालों में प्लेटलेट्स को लेकर ज्यादा गंभीरता प्रदर्शित की जाती है, जबकि सरकारी अस्पतालों में ऐसे कम मरीज हैं।
केंद्रीय टीम ने पीएमसीएच में डेंगू का लार्वा पकड़ा
भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के निर्देश पर चार दिवसीय दौरे पर पटना पहुंची विशेषज्ञों की टीम ने शुक्रवार को पीएमसीएच पटना में डेंगू का लार्वा पकड़ा। इस टीम ने डेंगू वार्ड का निरीक्षण किया, मरीजों के इलाज की जानकारी ली। इसके बाद ब्लड बैंक व जांच लैब का भी निरीक्षण किया। केंद्रीय टीम ने बाजार समिति स्थित मुहल्लों में जाकर पीड़ित परिवारों व मरीजों से मुलाकात की। इसके बाद केंद्रीय टीम एनएमसीएच गयी और वहां डेंगू मरीजों से इलाज की जानकारी ली। अस्पताल के समीप स्थित बजरंग पुरी में जाकर घर घर पीड़ितों से मिली। चार सदस्यीय केंद्रीय टीम का नेतृत्व डॉ. संजीव कर रहे हैं। इस टीम के साथ राज्य सर्वेक्षण पदाधिकारी डॉ. रंजीत कुमार भी थे। इसके पूर्व टीम ने पहले दिन आईजीआईएमएस, पटना का भ्रमण किया था। जबकि दूसरे दिन नालन्दा के पावापुरी मेडिकल कॉलेज, राजगीर स्थित अस्पताल और जिला अस्पताल, बिहारशरीफ का निरीक्षण कर डेंगू मरीजों के इलाज की विस्तृत जानकारी ली थी।