Atiq Ahmed: बाहुबली अतीक अहमद की मुश्किलें नहीं हुई कम, एमपी-एमएलए कोर्ट से मिला झटका

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Atiq Ahmed: बाहुबली अतीक अहमद की मुश्किलें नहीं हुई कम, एमपी-एमएलए कोर्ट से मिला झटका

Atiq Ahmed: बाहुबली अतीक अहमद की मुश्किलें नहीं हुई कम, एमपी-एमएलए कोर्ट से मिला झटका

प्रयागराज:बाहुबली अतीक अहमद (Atiq Ahmed) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। जहां एक ओर उनके दोनों बेटे एक मामले में फरार चल रहे हैं, जिसके पीछे प्रदेशभर की पुलिस पड़ी हुई है तो वहीं एक भाई और खुद गुजरात के साबरमती जेल में बंद है। अतीक अहमद को पूर्व बीएसपी विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह को धमकाने के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) ने जमानत की अर्जी को निरस्त कर दिया है। इस मामले में अतीक को एमपी एमएलए कोर्ट से 2009 में मिली जमानत को निरस्त कर दिया है। बीएसपी के पूर्व विधायक राजूपाल की हुई हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल को धमकाने के अलावा जानलेवा हमले के मामले में 10 फरवरी को 2019 को प्रभावी सत्र न्यायाधीश की ओर से दी गई जमानत को निरस्त कर दिया है।

2005 में हुई थी बीएसपी विधायक की हत्या
कभी प्रयागराज की शहर पश्चिमी की विधानसभा सीट पर बाहुबली अतीक अहमद का सिक्का चलता था। कहा जाता था कि बाहुबली अतीक अहमद जिस पर हाथ रख दे, वह शख्स शहर पश्चिमी से विधायक बन जाता था। अतीक अहमद के इस मिथक को साल 2005 में बीएसपी के कैंडिडेट राजू पाल ने प्रयागराज के शहर पश्चिमी विधानसभा सीट से जीत दर्ज कर तोड़ दिया। 25 जनवरी 2005 को बीच सड़क पर इसी विधायक की गोलियों से मारकर हत्या कर दी गई। जिसका आरोप बाहुबली अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ पर लगा। फिर क्या था बाहुबली अतीक अहमद पर हत्या का मामला चलने लगा और इसी मामले में मुख्य गवाह के तौर पर उमेश पाल को बाहुबली अतीक अहमद पर अगवा करने व जान से मारने का आरोप लगा। मामले में बाहुबली अतीक अहमद एमपी-एमएलए कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की थी, जिस मामले में बाहुबली अतीक अहमद को जमानत भी मिल गई थी, लेकिन सोमवार को इसी मामले की सुनवाई करते हुए एमपी-एमएलए कोर्ट में बाहुबली अतीक अहमद की जमानत अर्जी को निरस्त कर दिया।

कौन है उमेश पाल
उमेश पाल बीएसपी के पूर्व विधायक राजू पाल के बहुत खास दोस्तों में गिनती होती थी। उमेश पाल उस समय बीएसपी से जिला पंचायत सदस्य भी हुआ करते थे। साल 2005 में हुई बीएसपी विधायक की हत्या के बाद से ही उमेश पाल को फोन पर धमकी मिलने लगी। ऐसा बताया जाता है कि 28 फरवरी 2006 को विधायक राजू पाल की हुई हत्या वाली जगह से 500 मीटर की दूरी पर से गुजर रहे उमेश पाल को रोका गया। यही नहीं उनके साथ मारपीट भी की गई। बाहुबली अतीक अहमद पर वही से उमेश पाल को अगवाकर अपने कार्यालय पर लेजाकर इलेक्ट्रिक करंट भी दिए जाने का आरोप लगा। यही नहीं राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल को बुरी तरीके से मारने के बाद बीच रोड पर छोड़ दिया गया।



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