Assembly Election 2022: चुनाव के वक्त पाकिस्तान की एंट्री संयोग या प्रयोग, राजनीतिक दलों को इसका कितना फायदा? h3>
हाइलाइट्स
- उत्तर प्रदेश चुनाव में पहले जिन्ना और अब पाकिस्तान की हुई एंट्री
- यूपी में ही नहीं पूर्व के चुनावों में भी हो चुका है पाकिस्तान का जिक्र
- पंजाब चुनाव में भी पाकिस्तान, कैप्टन ने साधा सिद्धू पर निशाना
नई दिल्ली: चुनाव लोकसभा का हो या राज्यों का, यह देखने में आया है कि इसमें पड़ोसी देश पाकिस्तान का जिक्र चला आता है। देश के 5 राज्यों की चुनावी प्रक्रिया शुरू है और सियासी दलों के लिहाज से सबसे महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश (UP Election) में पाकिस्तान (Pakistan) की एंट्री हो चुकी है। सिर्फ यूपी ही नहीं बल्कि पंजाब (Punjab Election) में भी। ऐसा नहीं है कि यह पहली बार हुआ है यह पहले भी होता आया है और आगे भी होता रहेगा। कोई एक दल इस मुद्दे को उठाए ऐसा भी नहीं है बीजेपी, कांग्रेस, सपा अधिकांश दलों के नेताओं की ओर से इसका जिक्र होता रहा है। यूपी चुनाव में इस बार एक बार फिर पाकिस्तान का जिक्र जोर-शोर से हो रहा है। क्या वाकई यह मुद्दे सियासी दलों को फायदा पहुंचाते हैं।
यूपी में पहले जिन्ना और अब पाकिस्तान की एंट्री
सपा चीफ अखिलेश यादव ने एक इंटरव्यू में कहा कि पाकिस्तान हमारा दुश्मन नंबर वन नहीं है और इसके साथ ही बीजेपी को लेकर तमाम बातें कहीं। पाकिस्तान का जिक्र होते ही बीजेपी ने इस पूरे मुद्दे को लपक लिया और वह अखिलेश यादव पर निशाना साध रही है। इसके पहले भी अखिलेश यादव की ओर से जिन्ना का जिक्र हो चुका है। अखिलेश यादव ने कहा कि राम मनोहर लोहिया और नेताजी मुलायम सिंह यादव का स्पष्ट मत था कि हमारा असली दुश्मन चीन है। पाकिस्तान हमारा राजनीतिक शत्रु है और भाजपा वोट की राजनीति के लिए सिर्फ पाकिस्तान को निशाना बनाती है।
अखिलेश यादव ने जो बातें कही हैं ऐसा नहीं है कि वो पूर्व में उनकी पार्टी और नेता की ओर से न कही गई हो। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की ओर से यह बातें कई बार कही गई हैं। मुलायम सिंह यादव ने हमेशा चीन को ही दुश्मन नंबर वन बताया है। उन्होंने हमेशा इस बात पर जोर दिया कि भारत को पाकिस्तान से नहीं चीन से खतरा है। जिन्ना विवाद अभी चल ही रहा था कि उसके बाद पाकिस्तान को लेकर बयान आता है। अखिलेश के बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने करारा हमला बोलते हुए कहा कि वह पाकिस्तान को देश का दुश्मन नहीं मानते हैं। मुस्लिम दागी कैंडिडेट, कैराना यह वो मुद्दे हैं जिनको लेकर अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी पर बीजेपी निशाना साध रही है। वहीं दूसरी ओर सपा की ओर से जो लिस्ट जारी की गई है उससे यह साफ है कि वो इसको लेकर बैकफुट पर नहीं आने वाले। सपा की ओर से नाहिद हसन को उम्मीदवार बनाकर यह संकेत दिए जा चुके हैं। एक बात तो तय है कि पूरे चुनाव के दौरान यह मुद्दे उठते रहेंगे।
जब पाकिस्तान से आया मंत्री बनाने के लिए फोन
यूपी ही नहीं पंजाब में भी पाकिस्तान की एंट्री हो चुकी है। बीजेपी से गठबंधन कर चुनाव लड़ रहे पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सिद्धू को लेकर कल बड़ा बयान दिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि प्रदेश में जब उनकी सरकार बनी तो नवजोत सिंह सिद्धू को मंत्रालय में रखने के लिए पाकिस्तान के पीएम का मैसेज आया। मुझसे कहा गया कि सिद्धू मेरा अच्छा दोस्त है। उसे सरकार में रख सकते हो तो रख लो। काम नहीं करेगा तो निकाल देना।
कैप्टन ने कहा कि पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने उन्हें फोन पर भेजे मैसेज में सिफारिश की थी। चूंकि मैं इमरान खान से न तो कभी मिला था और न ही व्यक्तिगत तौर उन्हें जानता था, इसलिए पंजाब में कांग्रेस की जीत के तुरंत बाद ऐसा संदेश देखकर मैं हैरान ही नहीं हुआ, बल्कि मुझे बड़ा झटका लगा कि एक व्यक्ति को राज्य का मंत्री पद दिलाने के लिए कैसे दूसरे देश का प्रधानमंत्री और उसके करीबी दबाव डाल रहे हैं। इससे पहले भी सिद्धू और पाकिस्तान की सीमा पंजाब से लगे होने लेकर कैप्टन अमरिंदर कई बातें कह चुके हैं।
चुनावों से पहले मणिशंकर अय्यर का बयान रहा चर्चा में
मणिशंकर अय्यर भी अपने विवादित बयानों के लिए जाते हैं। पिछले साल मणिशंकर अय्यर ने मुगलों की जमकर तारीफ की। उन्होंने बाबार और हुमायूं की तारीफ में न सिर्फ कसीदे कढ़े बल्कि मुगल शासनकाल में धर्म परिवर्तन और लोगों पर अत्याचारों की बात नकारते हुए उन्हें देशप्रेमी बताया। यहां तक कि जिन्ना की जी कहकर संबोधित किया। मणिशंकर अय्यर पाकिस्तान जाकर भी कई ऐसे बयान दिए हैं जिसको लेकर काफी विवाद हुआ। उन्होंने पाकिस्तान जाकर कहा कि भारत की मौजूदा हालत ठीक नहीं है।
पिछले साल मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का एक ऑडियो वायरल हुआ और उसके बाद काफी बवाल भी मचा। ‘क्लबहाउस’ ऐप पर चर्चा में कांग्रेस नेता ने कथित रूप से अनुच्छेद 370 रद्द करने के फैसले पर पुनर्विचार की बात कही।
हाइलाइट्स
- उत्तर प्रदेश चुनाव में पहले जिन्ना और अब पाकिस्तान की हुई एंट्री
- यूपी में ही नहीं पूर्व के चुनावों में भी हो चुका है पाकिस्तान का जिक्र
- पंजाब चुनाव में भी पाकिस्तान, कैप्टन ने साधा सिद्धू पर निशाना
यूपी में पहले जिन्ना और अब पाकिस्तान की एंट्री
सपा चीफ अखिलेश यादव ने एक इंटरव्यू में कहा कि पाकिस्तान हमारा दुश्मन नंबर वन नहीं है और इसके साथ ही बीजेपी को लेकर तमाम बातें कहीं। पाकिस्तान का जिक्र होते ही बीजेपी ने इस पूरे मुद्दे को लपक लिया और वह अखिलेश यादव पर निशाना साध रही है। इसके पहले भी अखिलेश यादव की ओर से जिन्ना का जिक्र हो चुका है। अखिलेश यादव ने कहा कि राम मनोहर लोहिया और नेताजी मुलायम सिंह यादव का स्पष्ट मत था कि हमारा असली दुश्मन चीन है। पाकिस्तान हमारा राजनीतिक शत्रु है और भाजपा वोट की राजनीति के लिए सिर्फ पाकिस्तान को निशाना बनाती है।
अखिलेश यादव ने जो बातें कही हैं ऐसा नहीं है कि वो पूर्व में उनकी पार्टी और नेता की ओर से न कही गई हो। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की ओर से यह बातें कई बार कही गई हैं। मुलायम सिंह यादव ने हमेशा चीन को ही दुश्मन नंबर वन बताया है। उन्होंने हमेशा इस बात पर जोर दिया कि भारत को पाकिस्तान से नहीं चीन से खतरा है। जिन्ना विवाद अभी चल ही रहा था कि उसके बाद पाकिस्तान को लेकर बयान आता है। अखिलेश के बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने करारा हमला बोलते हुए कहा कि वह पाकिस्तान को देश का दुश्मन नहीं मानते हैं। मुस्लिम दागी कैंडिडेट, कैराना यह वो मुद्दे हैं जिनको लेकर अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी पर बीजेपी निशाना साध रही है। वहीं दूसरी ओर सपा की ओर से जो लिस्ट जारी की गई है उससे यह साफ है कि वो इसको लेकर बैकफुट पर नहीं आने वाले। सपा की ओर से नाहिद हसन को उम्मीदवार बनाकर यह संकेत दिए जा चुके हैं। एक बात तो तय है कि पूरे चुनाव के दौरान यह मुद्दे उठते रहेंगे।
जब पाकिस्तान से आया मंत्री बनाने के लिए फोन
यूपी ही नहीं पंजाब में भी पाकिस्तान की एंट्री हो चुकी है। बीजेपी से गठबंधन कर चुनाव लड़ रहे पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सिद्धू को लेकर कल बड़ा बयान दिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि प्रदेश में जब उनकी सरकार बनी तो नवजोत सिंह सिद्धू को मंत्रालय में रखने के लिए पाकिस्तान के पीएम का मैसेज आया। मुझसे कहा गया कि सिद्धू मेरा अच्छा दोस्त है। उसे सरकार में रख सकते हो तो रख लो। काम नहीं करेगा तो निकाल देना।
कैप्टन ने कहा कि पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने उन्हें फोन पर भेजे मैसेज में सिफारिश की थी। चूंकि मैं इमरान खान से न तो कभी मिला था और न ही व्यक्तिगत तौर उन्हें जानता था, इसलिए पंजाब में कांग्रेस की जीत के तुरंत बाद ऐसा संदेश देखकर मैं हैरान ही नहीं हुआ, बल्कि मुझे बड़ा झटका लगा कि एक व्यक्ति को राज्य का मंत्री पद दिलाने के लिए कैसे दूसरे देश का प्रधानमंत्री और उसके करीबी दबाव डाल रहे हैं। इससे पहले भी सिद्धू और पाकिस्तान की सीमा पंजाब से लगे होने लेकर कैप्टन अमरिंदर कई बातें कह चुके हैं।
चुनावों से पहले मणिशंकर अय्यर का बयान रहा चर्चा में
मणिशंकर अय्यर भी अपने विवादित बयानों के लिए जाते हैं। पिछले साल मणिशंकर अय्यर ने मुगलों की जमकर तारीफ की। उन्होंने बाबार और हुमायूं की तारीफ में न सिर्फ कसीदे कढ़े बल्कि मुगल शासनकाल में धर्म परिवर्तन और लोगों पर अत्याचारों की बात नकारते हुए उन्हें देशप्रेमी बताया। यहां तक कि जिन्ना की जी कहकर संबोधित किया। मणिशंकर अय्यर पाकिस्तान जाकर भी कई ऐसे बयान दिए हैं जिसको लेकर काफी विवाद हुआ। उन्होंने पाकिस्तान जाकर कहा कि भारत की मौजूदा हालत ठीक नहीं है।
पिछले साल मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का एक ऑडियो वायरल हुआ और उसके बाद काफी बवाल भी मचा। ‘क्लबहाउस’ ऐप पर चर्चा में कांग्रेस नेता ने कथित रूप से अनुच्छेद 370 रद्द करने के फैसले पर पुनर्विचार की बात कही।