Anil Ambani: अनिल अंबानी की इस दिवालिया कंपनी को मिला एक और दावेदार! LIC का है सबसे ज्यादा कर्ज
नागेश्वर राव ने ईटी के एक ईमेल के जवाब में इस बात की पुष्टि की है कि रिलायंस कैपिटल की नीलामी 11 अप्रैल को होगी। लेंडर्स को उम्मीद है कि अगली नीलामी में कंपनी को बेहतर ऑफर मिलेगा। इससे पहले टॉरेंट और ओकट्री ने संकेत दिया था कि वे रिलायंस कैपिटल की नीलामी में हिस्सा नहीं लेंगी। लेकिन सूत्रों के मुताबिक पिछले हफ्ते इन कंपनियों ने एडमिनिस्ट्रेटर को संकेत दिया है कि वे इस नीलामी में हिस्सा ले सकती हैं। लेंडर्स रिलायंस कैपिटल से ज्यादा से ज्यादा रिकवरी चाहते हैं। इसकी लिक्विडेशन वैल्यू 12,500 से 13,000 करोड़ रुपये है। लेकिन पहले राउंड में उन्हें इससे बहुत कम ऑफर मिला था।
एलआईसी का सबसे ज्यादा कर्ज
प्रस्तावित नीलामी के लिए लेंडर्स ने 9,500 करोड़ रुपये की लिमिट रखने का फैसला किया है। इसमें 8,000 करोड़ रुपये का अपफ्रंट कैश शामिल है। 21 दिसंबर को हुई पिछली नीलामी में टॉरेंट इनवेस्टमेंट्स ने 8,640 करोड़ रुपये का ऑफर दिया था जबकि हिंदूजा की बोली 8,110 करोड़ रुपये की थी। 24 घंटे के भीतर ही हिंदूजा ने अपनी बोली बढ़ाकर 9,000 करोड़ रुपये कर दी थी। टॉरेंट ने इसे एनसीएलटी में चुनौती दी थी। एनसीएलटी ने उसके हक में फैसला दिया था लेकिन अपील पर इसे पलट दिया गया। पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में लेंडर्स को चैलेंज मैकेनिज्म ऑक्शन करने की अनुमति दी थी लेकिन साथ ही कहा था कि वह अगस्त में मामले की सुनवाई करेगा।
एडमिनिस्ट्रेटर ने रिलायंस कैपिटल के फाइनेंशियल क्रेडिटर्स का 23,666 करोड़ रुपये के दावों को स्वीकार किया है। कंपनी पर एलआईसी (LIC) का सबसे ज्यादा कर्ज है। एलआईसी ने 3400 करोड़ रुपये का दावा किया है। इसके बाद जेसी फ्लावर्स (JC Flowers ARC) का नंबर है। आरबीआई (RBI) ने पिछले साल 30 नवंबर को रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को भंग कर दिया था। रिलायंस कैपिटल में 20 कंपनियां हैं। इनमें इंश्योरेंस, ब्रोकिंग और एसेट कंस्ट्रक्शन से जुड़ी कंपनियां शामिल हैं। सितंबर, 2021 में रिलायंस कैपिटल ने अपने शेयरहोल्डर्स को बताया था कि कंपनी पर 40,000 करोड़ रुपये से अधिक कर्ज है।