Analysis :अलवर बना BJP की राजनीति का गढ़ , क्या होगा इससे फायदा, 5 मई को बड़े प्रदर्शन की तैयारी h3>
जयपुर: राजस्थान के अलवर जिले में 300 साल पुराने मंदिर को तोड़े जाने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। बीजेपी और अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद अलवर में मंदिर तोड़े जाने के विरोध में उतर आई है । इस मामले में खुद पार्टी के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह 2 दिन से अलवर प्रवास पर है और मंदिर स्थल का दौरा करके अपनी नाराजगी राजस्थान सरकार के खिलाफ जता रहे हैं। फिलहाल राजस्थान में बीजेपी की राजनीति अलवर की ओर केंद्रित है। ऐसे में सवाल उठ रहे है कि प्रदेश में बिजली संकट जैसे बड़े मुद्दे को छोड़कर आखिर बीजेपी का फोकस अलवर राजगढ़ की ओर क्यों बढ़ता जा रहा है।
हिंदुत्व की छवि का मिल सकता है फायदा
राजनीति के जानकारों की मानें, तो राजस्थान के अलवर जिले के राजगढ़ में मंदिर तोड़े जाने की घटना को बीजेपी कई वजहों से भुनाना चाहती है। इसमें हिंद का मुद्दा सबसे बड़ा है। यूपी चुनाव में मिली सफलता के बाद बीजेपी सभी राज्यों में अपनी हिदुत्व की छवि के जरिए ही आगे बढ़ना चाहती है। यही वजह है कि भाजपा ने अलवर में मंदिर तोड़ने की घटना को बिजली कटौती से अधिक प्राथमिकता दी है।
राजगढ़ में बीजेपी का हिल गया गढ़, कांग्रेस ने सभापति की कुर्सी भी हथिया ली
जानकारों का यह भी कहना है कि बीजेपी के लिए अलवर की राजगढ़ नगर पालिका वर्चस्व की लड़ाई बन गई है। दरअसल राजगढ़ नगर पालिका में 35 पार्षद में 32 पार्षद बीजेपी के हैं। वहीं चुनाव के बाद यहां बीजेपी का बोर्ड ही बना था, लेकिन राजगढ़ में डवलपमेंट प्लान के तहत हटाए गए अतिक्रमण , मंदिर, मकान और दुकानों को हटाए जाने की घटना के बाद सत्तारूढ़ कांग्रेस से इसका सियासी लाभ उठाते हुए सभापति की कुर्सी पर कब्जा जमा लिया है। ऐसे में बीजेपी रणनीति बनाकर इस मामले में कांग्रेस को शिकस्त देना चाहती है।
5 मई को बीजेपी करेगी यहां बड़ा प्रदर्शन
अलवर राजगढ़ में मंदिर तोड़े जाने के बाद बीजेपी लगातार इस मुद्दे पर सरकार को घेरे हुए हैं। इस क्रम में जहां बीते बुधवार को अलवर में बीजेपी और हिंदूवादी संगठनों ने आक्रोश रैली निकालकर गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला दिया। यहां साधु -संतों सहित एक बड़े जनसैलाब ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की । वहीं इसी कड़ी में 5 मई को अलवर में प्रदर्शन कार्यक्रम रखा गया है। इसके जरिए पार्टी अपना विरोध पूरी ताकत से दर्ज कराएगी। इस विरोध प्रदर्शन में पार्टी के कई बड़े नेता शामिल होंगे।
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हिंदुत्व की छवि का मिल सकता है फायदा
राजनीति के जानकारों की मानें, तो राजस्थान के अलवर जिले के राजगढ़ में मंदिर तोड़े जाने की घटना को बीजेपी कई वजहों से भुनाना चाहती है। इसमें हिंद का मुद्दा सबसे बड़ा है। यूपी चुनाव में मिली सफलता के बाद बीजेपी सभी राज्यों में अपनी हिदुत्व की छवि के जरिए ही आगे बढ़ना चाहती है। यही वजह है कि भाजपा ने अलवर में मंदिर तोड़ने की घटना को बिजली कटौती से अधिक प्राथमिकता दी है।
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5 मई को बीजेपी करेगी यहां बड़ा प्रदर्शन
अलवर राजगढ़ में मंदिर तोड़े जाने के बाद बीजेपी लगातार इस मुद्दे पर सरकार को घेरे हुए हैं। इस क्रम में जहां बीते बुधवार को अलवर में बीजेपी और हिंदूवादी संगठनों ने आक्रोश रैली निकालकर गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला दिया। यहां साधु -संतों सहित एक बड़े जनसैलाब ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की । वहीं इसी कड़ी में 5 मई को अलवर में प्रदर्शन कार्यक्रम रखा गया है। इसके जरिए पार्टी अपना विरोध पूरी ताकत से दर्ज कराएगी। इस विरोध प्रदर्शन में पार्टी के कई बड़े नेता शामिल होंगे।
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