Amit Shah Purnia Rally: सीमांचल में शाह, मेरे दौरे से लालू-नीतीश के पेट में दर्द h3>
पटना: नीतीश कुमार ( Nitish Kumar ) के एनडीए से अलग होने के बाद पहली बार अमित शाह ( Amit Shah ) बिहार आए हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दो दिवसिय दौरे पर बिहार आए हैं। माना जा रहा है कि महागठबंधन सरकार ( Mahagathbandhan Sarkar ) के खिलाफ शंखनाद करने के लिए बिहार आए हैं। नीतीश कुमार के खिलाफ शंखनाद की शुरुआत करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार के उस सीमांचल इलाके को चुना है, जिसे अल्पसंख्यक बहुल होने के कारण महागठबंधन का मजबूत गढ़ माना जाता है। अमित शाह अपने इस दो दिवसीय दौरे के दौरान पूर्णिया में जन भावना महासभा यानी एक बड़ी रैली को संबोधित कर रहे हैं। इस दौरान वे महागठबंधन सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि मेरे दौरे से लालू-नीतीश के पेट में दर्द है।
हम बिहार को अनाथालय में नहीं जाने देंगे, नीतीश कुमार आश्रम जाएं’
संजय जायसवाल ने कहा यह धरती कभी अपराध की धरती थी। शाम 5 बजे के बाद यहां कोई बाहर नहीं निकलता था। बांग्लादेशी घुसपैठी अपराध कर रहे, बहू-बेटियां गायब हो जाती हैं। नीतीश कुमार ने अब ऐसे गठबंधन का चुनाव किया है जहां कोई अपराध पर पूछता नहीं है। हम बिहार को अनाथालय में नहीं जाने देंगे। नीतीश कुमार आश्रम जाएं।
लालू के पेट में दर्द हो गया क्या- अमित शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने भारत माता की जय के नारे के साथ सीमांचल में किया लोकसभा चुनाव 2024 का आगाज। कहा- सीमांचल के लोगों जोर से नारा लगाओ, लालू के पेट में दर्द हो गया क्या?
‘भारत माता की जय’ के नारे के साथ अमित शाह ने शुरू किया संबोधन
पूर्णिया में गृह मंत्री अमित शाह का संबोधन शुरू, ‘भारत माता की जय’ के नारे के साथ उन्होंने सीमांचल में किया लोकसभा चुनाव 2024 का आगाज। कहा- सीमांचल के लोगों जोर से नारा लगाओ। लालू यादव-नीतीश कुमार के पेट में दर्द हो रहा।
अमित शाह के सीमांचल के इस दो दिवसीय दौरे को कई मायनों में महत्वपूर्व माना जा रहा है। नीतीश कुमार के भाजपा से अलग होने के बाद अमित शाह पहली बार बिहार के दौरे पर आए हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में किशनगंज को छोड़कर पूरे सीमांचल में एनडीए को बड़ी जीत मिली थी लेकिन इस बार भाजपा अकेले दम पर सीमांचल के मुस्लिम बहुल किशनगंज के अलावा पूर्णिया, कटिहार और अररिया में भी अपनी ताकत साबित करना चाहती है।
कई नेताओं की हो सकती है घर वापसी
जेडीयू से गठबंधन के कारण सीट बंटवारे की समस्या की वजह से भाजपा के कई नेता जो अलग-अलग समय पर पार्टी छोड़ कर जा चुके हैं उन्हें भी इस यात्रा के दौरान फिर से भाजपा के साथ जोड़ने की कोशिश की जाएगी। अमित शाह के इस दौरे से एक दिन पहले पीएफआई के खिलाफ देश भर में उठाए गए सख्त कदम का भी सकारात्मक असर इस दौरे के दौरान दिखाई दे सकता है। दरअसल, 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अपने बल पर 35 प्लस सीट जीतने का लक्ष्य रखा है और अमित शाह के इस दौरे को लोकसभा चुनाव अभियान के श्रीगणेश यानी नीतीश-लालू महागठबंधन के खिलाफ शंखनाद के तौर पर भी देखा जा रहा है।
किशनगंज में पार्टी नेताओं के साथ करेंगे बैठक
अमित शाह अपने इस दो दिवसीय दौरे के दौरान किशनगंज में पार्टी नेताओं के साथ बड़ी बैठक कर चुनावी जीत हासिल करने की रणनीति पर चर्चा भी करेंगे। अमित शाह किशनगंज में बिहार से जुड़े पार्टी के सभी सांसदों, विधायकों और पूर्व मंत्रियों के साथ बैठक कर राज्य के राजनीतिक हालात पर फीडबैक लेंगे और नीतीश कुमार के साथ छोड़ने के बाद पूरे राज्य में चलाए गए विश्वासघात अभियान की समीक्षा करने के साथ ही नेताओं को पूरे प्रदेश में पार्टी को अपने स्तर पर मजबूत बनाने का मंत्र भी देंगे। इसके साथ ही अमित शाह किशनगंज में ही भाजपा प्रदेश कोर समिति के नेताओं के साथ भी अलग से बैठक करेंगे। शुक्रवार को किशनगंज में ही रात्रि भोजन करेंगे। शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ऐतिहासिक बूढ़ी काली मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद एसएसबी के साथ बैठक के अलावा कई अन्य सरकारी कार्यक्रमों में भी शामिल होंगे।
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संजय जायसवाल ने कहा यह धरती कभी अपराध की धरती थी। शाम 5 बजे के बाद यहां कोई बाहर नहीं निकलता था। बांग्लादेशी घुसपैठी अपराध कर रहे, बहू-बेटियां गायब हो जाती हैं। नीतीश कुमार ने अब ऐसे गठबंधन का चुनाव किया है जहां कोई अपराध पर पूछता नहीं है। हम बिहार को अनाथालय में नहीं जाने देंगे। नीतीश कुमार आश्रम जाएं।
लालू के पेट में दर्द हो गया क्या- अमित शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने भारत माता की जय के नारे के साथ सीमांचल में किया लोकसभा चुनाव 2024 का आगाज। कहा- सीमांचल के लोगों जोर से नारा लगाओ, लालू के पेट में दर्द हो गया क्या?
‘भारत माता की जय’ के नारे के साथ अमित शाह ने शुरू किया संबोधन
पूर्णिया में गृह मंत्री अमित शाह का संबोधन शुरू, ‘भारत माता की जय’ के नारे के साथ उन्होंने सीमांचल में किया लोकसभा चुनाव 2024 का आगाज। कहा- सीमांचल के लोगों जोर से नारा लगाओ। लालू यादव-नीतीश कुमार के पेट में दर्द हो रहा।
अमित शाह के सीमांचल के इस दो दिवसीय दौरे को कई मायनों में महत्वपूर्व माना जा रहा है। नीतीश कुमार के भाजपा से अलग होने के बाद अमित शाह पहली बार बिहार के दौरे पर आए हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में किशनगंज को छोड़कर पूरे सीमांचल में एनडीए को बड़ी जीत मिली थी लेकिन इस बार भाजपा अकेले दम पर सीमांचल के मुस्लिम बहुल किशनगंज के अलावा पूर्णिया, कटिहार और अररिया में भी अपनी ताकत साबित करना चाहती है।
कई नेताओं की हो सकती है घर वापसी
जेडीयू से गठबंधन के कारण सीट बंटवारे की समस्या की वजह से भाजपा के कई नेता जो अलग-अलग समय पर पार्टी छोड़ कर जा चुके हैं उन्हें भी इस यात्रा के दौरान फिर से भाजपा के साथ जोड़ने की कोशिश की जाएगी। अमित शाह के इस दौरे से एक दिन पहले पीएफआई के खिलाफ देश भर में उठाए गए सख्त कदम का भी सकारात्मक असर इस दौरे के दौरान दिखाई दे सकता है। दरअसल, 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अपने बल पर 35 प्लस सीट जीतने का लक्ष्य रखा है और अमित शाह के इस दौरे को लोकसभा चुनाव अभियान के श्रीगणेश यानी नीतीश-लालू महागठबंधन के खिलाफ शंखनाद के तौर पर भी देखा जा रहा है।
किशनगंज में पार्टी नेताओं के साथ करेंगे बैठक
अमित शाह अपने इस दो दिवसीय दौरे के दौरान किशनगंज में पार्टी नेताओं के साथ बड़ी बैठक कर चुनावी जीत हासिल करने की रणनीति पर चर्चा भी करेंगे। अमित शाह किशनगंज में बिहार से जुड़े पार्टी के सभी सांसदों, विधायकों और पूर्व मंत्रियों के साथ बैठक कर राज्य के राजनीतिक हालात पर फीडबैक लेंगे और नीतीश कुमार के साथ छोड़ने के बाद पूरे राज्य में चलाए गए विश्वासघात अभियान की समीक्षा करने के साथ ही नेताओं को पूरे प्रदेश में पार्टी को अपने स्तर पर मजबूत बनाने का मंत्र भी देंगे। इसके साथ ही अमित शाह किशनगंज में ही भाजपा प्रदेश कोर समिति के नेताओं के साथ भी अलग से बैठक करेंगे। शुक्रवार को किशनगंज में ही रात्रि भोजन करेंगे। शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ऐतिहासिक बूढ़ी काली मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद एसएसबी के साथ बैठक के अलावा कई अन्य सरकारी कार्यक्रमों में भी शामिल होंगे।