ALERT: MP के इन 5 जिलों में शीतलहर का अलर्ट जारी, ‘खजुराहो’ देश में सबसे ठंडा शहर | madhya pradesh weather forecast top 5 coldest city in mp | Patrika News h3>
कई शहरों में चली शीतलहर
वहीं दूसरी ओर हिल स्टेशन पचमढ़ी का रात का तापमान पांच डिग्री सेल्सियस पर आ गया। नौगांव एवं उमरिया में न्यूनतम तापमान सात डिग्री दर्ज किया गया। छतरपुर, बैतूल एवं जबलपुर में शीतलहर चली। राजधानी भोपाल में रात का तापमान 10.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। जो सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस कम रहा। यह इस सीजन में शहर का सबसे कम तापमान है।
सबसे सर्द रात वाले इलाकों में बैतूल, खरगोन, पचमढ़ी, ग्वालियर, दतिया और रायसेन रहे। पचमढ़ी, रायसेन, बैतूल और नरसिंहपुर में दिन का पारा 25 डिग्री और कहीं कहीं उससे नीचे आ गया। इसके पूर्व 22 नवंबर 2020 को राजधानी का रात का तापमान 10.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक मौसम का मिजाज अभी इसी तरह बना रहने के आसार हैं। दो दिन के बाद सर्दी और जोर पकड़ सकती है।
शीतलहर का अलर्ट जारी
मंगलवार को पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत से आगे बढ़ने की संभावना है। इसके बाद मध्य प्रदेश में सर्दी और जोर पकड़ने लगेगी। वहीं मौसम विभाग ने जबलपुर, बैतूल, खरगोन, सिवनी और छतरपुर में शीतलहर का अलर्ट जारी किया गया है। 25 नवंबर के बाद कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि हिमालय में बर्फबारी और उत्तरी हवाओं के कारण मध्यप्रदेश में ठंडक बढ़ा दी है। बीते दो दिन से रात का पारा 10 से 12 डिग्री के बीच रहा। कहीं-कहीं यह 6 डिग्री तक आ गया है। पाकिस्तान से आने वाली हवाओं के कारण अगले 48 घंटे तक इसी तरह मौसम बना रहेगा।
हिमालय से सीधी आ रही हवा
मौसम विभाग का कहना है कि इस साल मानसून अक्टूबर तक सक्रिय रहा। इससे देर से शुरू होने वाली सर्दी जल्द शुरू हो गई। दूसरा हवा का पेटर्न भी इस बार बदला हुआ है। सर्दी में हवा अफगानिस्तान से पंजाब के रास्ते आती है। आम तौर पर यह उत्तर-पश्चिमी हवा उप्र-उड़ीसा से मप्र में आती है। इस साल प्रतिचक्रवाती असर से पेटर्न में बदलाव हुआ है। हवा हिमालय की ओर से सीधी आ रही है। गति भी तेज है। इससे पारे में गिरावट के साथ दिन में भी ज्यादा सर्दी महसूस हो रही है। वहीं, दशक में न्यूनतम तापमान में हो रहे बदलाव का बड़ा कारण क्लाइमेंट में बदलाव, प्रदूषण और जंगलों की कटाई होना है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है, क्लाइमेट चेंज का असर मालवा की गुलाबी सर्दी पर आया है।
25 नवंबर से पड़ेगी कड़ाके की ठंड
मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि अभी एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस सक्रिय है। इसके कारण अगले दो-तीन दिन इसी तरह ठंड बनी रहेगी। इसके साथ ही ईरान के ऊपर एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस बना हुआ है। इसके कारण 25 नवंबर से प्रदेश भर में न्यूनतम तापमान तेजी से गिरेंगे। भोपाल और इंदौर समेत अधिकांश इलाकों में यह 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे यानी 9 डिग्री तक गिर सकते हैं। यह स्थिति 25 नवंबर से 28 नवंबर तक रहेगी। उसके बाद दिसंबर के पहले सप्ताह से तेज ठंड की शुरुआत हो सकती है।
कई शहरों में चली शीतलहर
वहीं दूसरी ओर हिल स्टेशन पचमढ़ी का रात का तापमान पांच डिग्री सेल्सियस पर आ गया। नौगांव एवं उमरिया में न्यूनतम तापमान सात डिग्री दर्ज किया गया। छतरपुर, बैतूल एवं जबलपुर में शीतलहर चली। राजधानी भोपाल में रात का तापमान 10.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। जो सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस कम रहा। यह इस सीजन में शहर का सबसे कम तापमान है।
सबसे सर्द रात वाले इलाकों में बैतूल, खरगोन, पचमढ़ी, ग्वालियर, दतिया और रायसेन रहे। पचमढ़ी, रायसेन, बैतूल और नरसिंहपुर में दिन का पारा 25 डिग्री और कहीं कहीं उससे नीचे आ गया। इसके पूर्व 22 नवंबर 2020 को राजधानी का रात का तापमान 10.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक मौसम का मिजाज अभी इसी तरह बना रहने के आसार हैं। दो दिन के बाद सर्दी और जोर पकड़ सकती है।
शीतलहर का अलर्ट जारी
मंगलवार को पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत से आगे बढ़ने की संभावना है। इसके बाद मध्य प्रदेश में सर्दी और जोर पकड़ने लगेगी। वहीं मौसम विभाग ने जबलपुर, बैतूल, खरगोन, सिवनी और छतरपुर में शीतलहर का अलर्ट जारी किया गया है। 25 नवंबर के बाद कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि हिमालय में बर्फबारी और उत्तरी हवाओं के कारण मध्यप्रदेश में ठंडक बढ़ा दी है। बीते दो दिन से रात का पारा 10 से 12 डिग्री के बीच रहा। कहीं-कहीं यह 6 डिग्री तक आ गया है। पाकिस्तान से आने वाली हवाओं के कारण अगले 48 घंटे तक इसी तरह मौसम बना रहेगा।
हिमालय से सीधी आ रही हवा
मौसम विभाग का कहना है कि इस साल मानसून अक्टूबर तक सक्रिय रहा। इससे देर से शुरू होने वाली सर्दी जल्द शुरू हो गई। दूसरा हवा का पेटर्न भी इस बार बदला हुआ है। सर्दी में हवा अफगानिस्तान से पंजाब के रास्ते आती है। आम तौर पर यह उत्तर-पश्चिमी हवा उप्र-उड़ीसा से मप्र में आती है। इस साल प्रतिचक्रवाती असर से पेटर्न में बदलाव हुआ है। हवा हिमालय की ओर से सीधी आ रही है। गति भी तेज है। इससे पारे में गिरावट के साथ दिन में भी ज्यादा सर्दी महसूस हो रही है। वहीं, दशक में न्यूनतम तापमान में हो रहे बदलाव का बड़ा कारण क्लाइमेंट में बदलाव, प्रदूषण और जंगलों की कटाई होना है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है, क्लाइमेट चेंज का असर मालवा की गुलाबी सर्दी पर आया है।
25 नवंबर से पड़ेगी कड़ाके की ठंड
मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि अभी एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस सक्रिय है। इसके कारण अगले दो-तीन दिन इसी तरह ठंड बनी रहेगी। इसके साथ ही ईरान के ऊपर एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस बना हुआ है। इसके कारण 25 नवंबर से प्रदेश भर में न्यूनतम तापमान तेजी से गिरेंगे। भोपाल और इंदौर समेत अधिकांश इलाकों में यह 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे यानी 9 डिग्री तक गिर सकते हैं। यह स्थिति 25 नवंबर से 28 नवंबर तक रहेगी। उसके बाद दिसंबर के पहले सप्ताह से तेज ठंड की शुरुआत हो सकती है।