Akhilesh Yadav: ED मतलब एग्जामिनेशन इन डेमोक्रेसी, अखिलेश ने राहुल की तीसरे दिन पेशी पर एजेंसी को दिया नया नाम h3>
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) पर करारा हमला बोला है। सपा प्रमुख का बयान ऐसे समय में आया जब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के साथ ईडी की लगातार तीसरे दिन पूछताछ चल रही है। इस पूछताछ को लेकर कांग्रेस की ओर से लगातार केंद्र सरकार और जांच एजेंसियों पर हमला हो रहा है। अब अखिलेश यादव ने ईडी का नया मतलब ही दे दिया है। ईडी का मतलब उन्होंने एक्जामिनेशन इन डेमोक्रेसी करार दिया है।
अखिलेश यादव ने बुधवार को ट्वीट कर जांच एजेंसियों की ओर से हो रही कार्रवाई पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि ईडी का मतलब अब ‘Examination in Democracy’ बन गया है। राजनीति में विपक्ष को ये परीक्षा पास करनी होती है। अखिलेश ने कहा कि जब सरकार स्वयं फेल हो जाती है, तब वह इस परीक्षा की घोषणा करती है। जिनकी तैयारी अच्छी होती है वो न तो लिखा-पढ़ी की परीक्षा से डरते हैं, न मौखिक से और कभी डरना भी नहीं चाहिए।
अखिलेश के बयान के निकाले जा रहे मतलब
अखिलेश यादव के बयान के मतलब निकाले जाने लगे हैं। दरअसल, यूपी चुनाव 2022 से पहले समाजवादी पार्टी के कई नेताओं और पार्टी से जुड़े लोगों के ठिकानों पर जांच एजेंसियों की कार्रवाई हुई थी। इस मामले को लेकर अखिलेश यादव अब ईडी के खिलाफ बयान देते दिख रहे हैं। साथ ही, राहुल गांधी के पक्ष में बयान देकर एक वर्ग को अपने साथ लाने की कोशिश करते दिख रहे हैं।
दरअसल, अभी यूपी में दो लोकसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। इन सीटों पर कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार नहीं खड़े किए हैं। इसे अखिलेश यादव की राह आसान करने के रूप में देखा जा रहा है। अखिलेश यादव और राहुल गांधी यूपी के चुनावी मैदान में वर्ष 2017 में साथ आ चुके हैं। इन तमाम परिस्थितियों को अखिलेश के राहुल गांधी के समर्थन में खड़ा होता दिखाने के रूप में देखा जा रहा है।
अखिलेश की अलग हो सकती है रणनीति
अखिलेश यादव अपनी अलग रणनीति के साथ चलते दिख रहे हैं। आने वाले राष्ट्रपति चुनाव से भी इसे जोड़कर देखा जा रहा है। ममता बनर्जी विपक्षी नेताओं की बैठक करने वाली हैं। इसमें समाजवादी पार्टी अध्यक्ष भी शामिल होने वाले हैं। इसके अलावा कांग्रेस भी इसमें शामिल हो सकती है। ऐसे में अखिलेश विपक्ष के एक उम्मीदवार के तौर पर ममता बनर्जी के पक्ष में खड़े दिख रहे हैं। कांग्रेस भी इसी पाले में आती दिख रही है। ऐसे में ईडी को लोकतंत्र में परीक्षा बताकर अखिलेश बड़ी रणनीति को साधने का प्रयास करते दिखते हैं।
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अखिलेश के बयान के निकाले जा रहे मतलब
अखिलेश यादव के बयान के मतलब निकाले जाने लगे हैं। दरअसल, यूपी चुनाव 2022 से पहले समाजवादी पार्टी के कई नेताओं और पार्टी से जुड़े लोगों के ठिकानों पर जांच एजेंसियों की कार्रवाई हुई थी। इस मामले को लेकर अखिलेश यादव अब ईडी के खिलाफ बयान देते दिख रहे हैं। साथ ही, राहुल गांधी के पक्ष में बयान देकर एक वर्ग को अपने साथ लाने की कोशिश करते दिख रहे हैं।
दरअसल, अभी यूपी में दो लोकसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। इन सीटों पर कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार नहीं खड़े किए हैं। इसे अखिलेश यादव की राह आसान करने के रूप में देखा जा रहा है। अखिलेश यादव और राहुल गांधी यूपी के चुनावी मैदान में वर्ष 2017 में साथ आ चुके हैं। इन तमाम परिस्थितियों को अखिलेश के राहुल गांधी के समर्थन में खड़ा होता दिखाने के रूप में देखा जा रहा है।
अखिलेश की अलग हो सकती है रणनीति
अखिलेश यादव अपनी अलग रणनीति के साथ चलते दिख रहे हैं। आने वाले राष्ट्रपति चुनाव से भी इसे जोड़कर देखा जा रहा है। ममता बनर्जी विपक्षी नेताओं की बैठक करने वाली हैं। इसमें समाजवादी पार्टी अध्यक्ष भी शामिल होने वाले हैं। इसके अलावा कांग्रेस भी इसमें शामिल हो सकती है। ऐसे में अखिलेश विपक्ष के एक उम्मीदवार के तौर पर ममता बनर्जी के पक्ष में खड़े दिख रहे हैं। कांग्रेस भी इसी पाले में आती दिख रही है। ऐसे में ईडी को लोकतंत्र में परीक्षा बताकर अखिलेश बड़ी रणनीति को साधने का प्रयास करते दिखते हैं।
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