Akhilesh Shivpal Clash: क्या एक बार फिर अखिलेश VS शिवपाल? रामायण और महाभारत का जिक्र करके छलका ‘चाचा’ का दर्द

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Akhilesh Shivpal Clash: क्या एक बार फिर अखिलेश VS शिवपाल? रामायण और महाभारत का जिक्र करके छलका ‘चाचा’ का दर्द

Akhilesh Shivpal Clash: क्या एक बार फिर अखिलेश VS शिवपाल? रामायण और महाभारत का जिक्र करके छलका ‘चाचा’ का दर्द

इटावा/लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Utttar Pradesh) में विपक्ष की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) से विधायक बने शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) की अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से नाराजगी की अटकलें तेज हो गई हैं। इटावा में एक कार्यक्रम में शिवपाल यादव शनिवार को समाजवादी पार्टी विधायक दल की बैठक में आमंत्रित नहीं किए जाने से परेशान दिखे और उन्होंने अपनी भावनाओं को जाहिर करने के लिए महाभारत और रामायण के पात्रों का इस्तेमाल किया।

‘हनुमान की वजह से ही राम युद्ध जीत सके थे’
इटावा में एक कार्यक्रम में शिवपाल यादव ने रामायण में भगवान हनुमान से खुद की तुलना करते हुए, कहा, ‘हमें हनुमान की भूमिका को याद रखना चाहिए क्योंकि उनकी वजह से ही भगवान राम ने लंका में युद्ध जीता था।’

हनुमान ने ही बचाई थी लक्ष्मण की जान- शिवपाल
सपा नेता ने आगे कहा कि हनुमान ने ही लक्ष्मण की जान बचाई थी। भगवान ने भी कठिन परिस्थितियों का सामना किया है लेकिन अंत में सत्य की ही जीत होती है।

शकुनि से जुआ नहीं खेलना चाहिए था- शिवपाल
शिवपाल यादव कहा ने महाभारत का जिक्र करते हुए कहा कि युधिष्ठिर को शकुनि के साथ जुआ नहीं खेलना चाहिए था। ‘अगर उसे खेलना था, तो उसे दुर्योधन के साथ खेलना चाहिए था। यह शकुनि था जिसने महाभारत के लिए एक स्थिति बनाई थी।’

शिवपाल सिंह यादव आमंत्रण नहीं मिलने से नाराज हो गए हैं। शिवपाल यादव सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के भाई और अखिलेश यादव के चाचा हैं। हालांकि, शिवपाल यादव ने अखिलेश के साथ राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के बाद 2017 में समाजवादी पार्टी से नाता तोड़ लिया था। उन्होंने प्रजातांत्रिक समाजवादी पार्टी बना ली थी। यूपी चुनाव 2022 में वे एक बार फिर अखिलेश यादव से जुड़े और जसवंतनगर सीट से सपा के सिंबल पर ही चुनाव लड़ा।

नाराजगी से बढ़ सकती है पार्टी की मुश्किलें
अखिलेश यादव ने यूपी चुनाव के बाद आजमगढ़ से सांसदी छोड़कर मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से विधायक बना रहना तय किया है। ऐसे में माना जा रहा है कि वे विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में दिखेंगे। हालांकि, पिछले दिनों इस पद को लेकर शिवपाल यादव का नाम भी उछला था। होली के मौके पर सैफई में मुलायम परिवार एक साथ नजर आया था। उस समय शिवपाल यादव को प्रो. रामगोपाल यादव का पैर छूते भी देखा गया था। इन दोनों की सियासी अदावत के किस्से काफी चर्चा में रहे हैं।

इन मामलों से माना जा रहा था कि मुलायम परिवार में सब कुछ ठीक हो गया है। लेकिन, अब एक बार फिर शिवपाल की नाराजगी की खबरें सामने आने लगी हैं। इससे विपक्ष को एक बड़ी ताकत के रूप में लेकर चलने की अखिलेश यादव की कोशिशों को झटका लगा सकता है। ऐसे में सपा की ओर से शिवपाल यादव को मनाने की कोशिश भी होती दिख सकती है।

चुनाव के समय में शिवपाल को दी गई थी तरजीह
शिवपाल यादव को समाजवादी पार्टी की ओर से यूपी चुनाव के समय में काफी तरजीह दी गई थी। जसवंतनगर का चुनाव समाप्त होने के बाद शिवपाल को सपा ने स्टार प्रचारक बनाया था। शिवपाल समाजवादी पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार करते भी नजर आए थे। हालांकि, प्रसपा के कार्यकर्ताओं को टिकट न मिलने की टीस भी उनके मन में थी। चुनाव से पहले उन्होंने प्रसपा के 100 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारने की घोषणा की थी। लेकिन, भाजपा को रोकने के लिए उन्होंने कुर्बानी देने की बात कही।

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