Air more dangerous in cities situated on river banks in Bihar What reason Know government action and plan – बिहार में नदी किनारे बसे शहरों में हवा ज्यादा खतरनाक; क्या है कारण? जानें सरकार का प्लान, बिहार न्यूज

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Air more dangerous in cities situated on river banks in Bihar What reason Know government action and plan – बिहार में नदी किनारे बसे शहरों में हवा ज्यादा खतरनाक; क्या है कारण? जानें सरकार का प्लान, बिहार न्यूज

Air more dangerous in cities situated on river banks in Bihar What reason Know government action and plan – बिहार में नदी किनारे बसे शहरों में हवा ज्यादा खतरनाक; क्या है कारण? जानें सरकार का प्लान, बिहार न्यूज

Bihar AQI: बिहार में में नदियों के किनारे स्थित शहरों की हवा ज्यादा प्रदूषित है। इन शहरों में एक्यूआई का स्तर ज्यादा देखा जा रहा है। सबसे बुरा हाल गंगा और गंडक नदी के किनारे के शहरों का है। सूबे में नदी किनारे के पटना समेत 11 शहरों बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने स्वचालित वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्र बनाया है। विशेषज्ञों के मुताबिक, नदी किनारे वायु प्रदूषण का मुख्य कारण हल्की मिट्टी है। इसके हवा के संपर्क में आने के बाद पीएम10 और पीएम2.5 की मात्रा अत्यधिक हो जाती है।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी बड़ी नदी के किनारे बसे शहरों की वायु गुणवत्ता का आकलन कर रहा है। इनमें पटना, भागलपुर, बेगूसराय, हाजीपुर, छपरा, मुंगेर, बक्सर, आरा, समस्तीपुर, कटिहार शामिल हैं। कटिहार शहर पर कोसी और गंगा का असर है। हाजीपुर गंडक और गंगा से नजदीक है। यहां सूचकांक 300 से 450 तक पहुंच जा रहा है। गंगा किनारे शहरों में बेगूसराय सबसे अधिक प्रदूषित शहर है। वहीं, पटना शहर में गांधी मैदान के आसपास का क्षेत्र सबसे अधिक प्रदूषित रहता है।

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उपाय क्याः  हरियाली विकसित करनी होगी

सड़क के खाली हिस्से को नजरअंदाज किया जाता है। जबकि धूलकण वहीं जमा होते हैं और सबसे अधिक हवा में फैलते हैं। नदी किनारे हरियाली विकसित कर और सड़कों के दोनों तरफ के खाली हिस्से का पक्कीकरण कर वायु प्रदूषण में कमी लायी जा सकती है।

वजह क्याः  तेजी से हवा में घुल रही हल्की मिट्टी

जब नदी शहर से दूर जाती है तो उस जगह बसावट शुरू हो जाती है। इसके लिए होने वाले निर्माण कार्यों और सड़क पर वाहन चलने से किनारे की मिट्टी हवा में उड़ती है। चूंकि नदियों की मिट्टी बहुत हल्की होती है इसलिए यह तेजी से हवा में प्रदूषक कण पीएम10 और पीएम 2.5 फैलाते हैं। -डॉ.अशोक कुमार घोष, पर्यावरण विशेषज्ञ

● गंगा किनारे 11 शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक सबसे खराब

● इन शहरों की हल्की मिट्टी पीएम 10 और पीएम2.5 बढ़ा रही है

विकल्प क्याः  एक्शन प्लान लागू करना होगा

प्राकृतिक कारणों में पश्चिम दिशा से आ रहे प्रदूषण रहित हवा तथा पूर्वी दिशा से प्रदूषित हवा की एंटीसाइक्लोन क्रिया से हवा में प्रदूषक कण जमा हो रहे हैं। स्थानीय स्तर पर ग्रेडेड एक्शन प्लान लागू करके प्रदूषण की मात्रा में कमी लायी जा सकती है। इसमें आमलोगों की भागीदारी आवश्यक है।

 

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