AICC कांग्रेस अपने विस्तार नहीं, वजूद बचाने की रणनीति पर करेगी फोकस | AICC Congress will focus on survival strategy, not its expansion | Patrika News h3>
इस तीन दिवसीय मंथन में 2024 के लोकसभा चुनाव की रणनीति तो बनेगी ही, इससे पहले गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान सहित अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर भी मंथन होगा। वैसे पार्टी ने शिविर के लिए आधा दर्जन एजेंडा तय कर दिए हैं, जिन पर रणनीति बनाने के लिए 54 वरिष्ठ नेता जुटे हुए हैं। वहीं पार्टी की सोनिया गांधी अभी अंतरिम अध्यक्ष हैं। एेसे में कांग्रेस का ही एक धड़ा चुनाव के जरिए पार्टी का पूर्णकालिक अध्यक्ष चुने जाने की मांग कर रहा है। शिविर में भी यह मांग भी कुछ नेता उठा सकते हैं।
कांग्रेस की राजस्थान में कब-कब बनी राष्ट्रीय स्तर की रणनीति वर्ष 1948 – जयपुर में 55 वां राष्ट्रीय अधिवेशन
देश की आजादी के बाद कांग्रेस का पहला राष्ट्रीय अधिवेशन जयपुर में दिसंबर 1948 में हुआ था। इसके लिए जयपुर के गांधी नगर क्षेत्र का चुना गया था। इसका नाम भी गांधी नगर अधिवेशन के बाद पड़ा। उस समय यहां रेत के टीले थे। सभी प्रतिनिधियों के लिए टेंट लगाए गए थे। दरियों पर बैठकर पार्टी की रूपरेखा तय की गई थी। पार्टी अध्यक्ष पट्टाभि सीतारामैया थे। अधिवेशन में जवाहर लाल नेहरू सहित सभी देशभर के बड़े नेता आए थे।
वर्ष 1966 – जयपुर 70 वां राष्ट्रीय अधिवेशन
राजस्थान को एक बार फिर कांग्रेस की राष्ट्रीय रणनीति तय करने के लिए चुना गया था। पार्टी अध्यक्ष के. कामराज की अध्यक्षता में 70 वां राष्ट्रीय अधिवेशन जुलाई 1966 में हुआ था। इसमें पार्टी ने कई अहम निर्ण लिए।
वर्ष 2002 में 14 मुख्यमंत्रियों से लिया रिपोर्ट कार्ड
राजस्थान के माउंट आबू में वर्ष 2002 में 8 व 9 नवंबर को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मुख्यमंत्रियों से उनके कामकाज को लेकर रिपोर्ट कार्ड लिया था। उस समय देश के करीब 14 राज्यों में कांग्रेस के मुख्यमंत्री थे। इसमें एक-एक कर मुख्यमंत्रियों से उनके राज्यों के कामकाज को लेकर रिपोर्ट ली थी। इसके साथ ही संगठनात्मक मुद्दों को लेकर मंथन हुआ था।
वर्ष 2013 जयपुर में चिंतन शिविर, राहुल बने थे उपाध्यक्ष
कांग्रेस वर्ष 2013 में केन्द्र और राजस्थान के सत्ता पर काबिज थी। उस समय 18 व 19 जनवरी को दो दिवसीय चिंतन शिविर जयपुर में रखा गया था। इसमें वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव, महिला सशक्तिकरण, युवाओं की भागीदारी बढ़ाने, मंहगाई पर अंकुश लगाने और पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने को लेकर मंथन किया गया था। इसके साथ ही राहुल गांधी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में ताजपोशी की गई थी।
सीडब्ल्यूसी की बैठक 9 को
उदयपुर में होने वाले चिंतन शिविर की तैयारियों को लेकर 9 मई को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई गई है। कांग्रेस मुख्यालय पर शाम 4 बजे अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में होने वाले इस बैठक में चिंतन शिविर को लेकर बनाई गई छह कमेटियों से भी फीडबैक लिया जाएगा।
इस तीन दिवसीय मंथन में 2024 के लोकसभा चुनाव की रणनीति तो बनेगी ही, इससे पहले गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान सहित अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर भी मंथन होगा। वैसे पार्टी ने शिविर के लिए आधा दर्जन एजेंडा तय कर दिए हैं, जिन पर रणनीति बनाने के लिए 54 वरिष्ठ नेता जुटे हुए हैं। वहीं पार्टी की सोनिया गांधी अभी अंतरिम अध्यक्ष हैं। एेसे में कांग्रेस का ही एक धड़ा चुनाव के जरिए पार्टी का पूर्णकालिक अध्यक्ष चुने जाने की मांग कर रहा है। शिविर में भी यह मांग भी कुछ नेता उठा सकते हैं।
देश की आजादी के बाद कांग्रेस का पहला राष्ट्रीय अधिवेशन जयपुर में दिसंबर 1948 में हुआ था। इसके लिए जयपुर के गांधी नगर क्षेत्र का चुना गया था। इसका नाम भी गांधी नगर अधिवेशन के बाद पड़ा। उस समय यहां रेत के टीले थे। सभी प्रतिनिधियों के लिए टेंट लगाए गए थे। दरियों पर बैठकर पार्टी की रूपरेखा तय की गई थी। पार्टी अध्यक्ष पट्टाभि सीतारामैया थे। अधिवेशन में जवाहर लाल नेहरू सहित सभी देशभर के बड़े नेता आए थे।
वर्ष 1966 – जयपुर 70 वां राष्ट्रीय अधिवेशन
राजस्थान को एक बार फिर कांग्रेस की राष्ट्रीय रणनीति तय करने के लिए चुना गया था। पार्टी अध्यक्ष के. कामराज की अध्यक्षता में 70 वां राष्ट्रीय अधिवेशन जुलाई 1966 में हुआ था। इसमें पार्टी ने कई अहम निर्ण लिए।
वर्ष 2002 में 14 मुख्यमंत्रियों से लिया रिपोर्ट कार्ड
राजस्थान के माउंट आबू में वर्ष 2002 में 8 व 9 नवंबर को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मुख्यमंत्रियों से उनके कामकाज को लेकर रिपोर्ट कार्ड लिया था। उस समय देश के करीब 14 राज्यों में कांग्रेस के मुख्यमंत्री थे। इसमें एक-एक कर मुख्यमंत्रियों से उनके राज्यों के कामकाज को लेकर रिपोर्ट ली थी। इसके साथ ही संगठनात्मक मुद्दों को लेकर मंथन हुआ था।
वर्ष 2013 जयपुर में चिंतन शिविर, राहुल बने थे उपाध्यक्ष
कांग्रेस वर्ष 2013 में केन्द्र और राजस्थान के सत्ता पर काबिज थी। उस समय 18 व 19 जनवरी को दो दिवसीय चिंतन शिविर जयपुर में रखा गया था। इसमें वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव, महिला सशक्तिकरण, युवाओं की भागीदारी बढ़ाने, मंहगाई पर अंकुश लगाने और पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने को लेकर मंथन किया गया था। इसके साथ ही राहुल गांधी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में ताजपोशी की गई थी।
सीडब्ल्यूसी की बैठक 9 को
उदयपुर में होने वाले चिंतन शिविर की तैयारियों को लेकर 9 मई को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई गई है। कांग्रेस मुख्यालय पर शाम 4 बजे अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में होने वाले इस बैठक में चिंतन शिविर को लेकर बनाई गई छह कमेटियों से भी फीडबैक लिया जाएगा।