AIBE-19 पास वकील भी कर सकेंगे वोटिंग: 15 को होगा मतदान; इंदौर बार एसोसिएशन चुनाव में कई दावेदार – Indore News h3>
बार एसोसिएशन के चुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई।
इंदौर बार एसोसिएशन के 15 अप्रैल को होने वाले चुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई है। इस बार चुनाव में मुख्य पांच पदों सहित कुल 11 पदों के लिए प्रत्याशियों के नाम सामने आने लगे हैं। चुनावी प्रक्रिया अप्रैल के पहले सप्ताह में शुरू होगी, जिसमें अध्यक्ष और सचिव
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अध्यक्ष पद के लिए मुकाबला अध्यक्ष पद के लिए एल.एल. यादव, राकेश पाल और गोपाल कचोलिया के नाम सामने आए हैं। वहीं, एसोसिएशन के 13 बार अध्यक्ष रह चुके सुरेंद्र कुमार वर्मा का रुख अभी स्पष्ट नहीं है।
अन्य प्रमुख पदों के प्रत्याशी
- उपाध्यक्ष पद: जितेंद्र नीम, अनूप बाथम, राजीव पंवार और राम भदौरिया
- सचिव पद: संदीप शर्मा, विशाल रामटेके, राजीव पंवार, अमित पाठक और कपिल बिरथरे
- सह-सचिव पद: श्रवण मिश्रा, विजय व्यास, अतुल त्रिवेदी और जयदीप सिंह गौड
- कोषाध्यक्ष पद: मुकेश तोमर, शिवशंकर वर्मा, विजय व्यास, अतुल त्रिवेदी और जयदीप सिंह गौड
इसके अलावा, कार्यकारिणी के छह पदों के लिए भी कई प्रत्याशियों के नाम चर्चाओं में हैं, जिनकी स्थिति जल्द स्पष्ट होगी।
चुनाव प्रक्रिया का कार्यक्रम
- 2 अप्रैल – 4 अप्रैल: नामांकन पत्र वितरण
- 5 अप्रैल – 8 अप्रैल: नामांकन पत्र जमा करने की अवधि
- 9 अप्रैल: नामांकन पत्रों की जांच
- 11 अप्रैल: वैध नामांकन पत्रों की सूची का प्रकाशन
- 12 अप्रैल: नाम वापसी की अंतिम तिथि और प्रत्याशियों की अंतिम सूची का प्रकाशन
- 15 अप्रैल: मतदान (सुबह 11 बजे से शाम 4:30 बजे तक)
- वोटों की गिनती: मतदान समाप्त होते ही प्रारंभ होगी और देर रात तक नतीजे घोषित किए जाएंगे।
AIBE-19 पास अभिभाषकों को मतदान का अधिकार
अखिल भारतीय बार परीक्षा-19 (AIBE-19) उत्तीर्ण करने वाले नए अभिभाषकों को इस चुनाव में मतदान का अधिकार मिलेगा। 24 मार्च 2025 को मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद, जबलपुर की कार्यकारी सचिव गीता शुक्ला ने अधिसूचना जारी कर सभी जिला अभिभाषक संघों के अध्यक्ष, सचिव और निर्वाचन अधिकारियों को सूचित किया।
इसके तहत, 21 मार्च को घोषित परीक्षा परिणाम के आधार पर परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभिभाषकों को प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने, अभिभाषक संघ की सदस्यता ग्रहण करने और बार काउंसिल ऑफ इंडिया के “प्लेस ऑफ प्रैक्टिस वेरिफिकेशन रूल्स 2015” के अनुसार आवश्यक डिक्लेरेशन फॉर्म भरने के बाद मतदान की पात्रता दी जाएगी।
पूर्व अध्यक्ष गोपाल कचोलिया ने इस संबंध में मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद से मांग की थी, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया।