कृषि मंत्री Narendra Singh Tomar ने किसानों को लिखा पत्र- ‘गुमराह करने वाले 1962 की भाषा बोल रहे’

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कृषि मंत्री Narendra Singh Tomar ने किसानों को लिखा पत्र- ‘गुमराह करने वाले 1962 की भाषा बोल रहे’

नई दिल्ली: कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Sigh Tomar) ने किसानों के नाम एक पत्र लिखा है. पत्र में केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि तीन कृषि सुधार कानून भारतीय कृषि में न अध्याय की नींव बनेंगे, किसानों को और स्वतंत्र करेंगे, सशक्त करेंगे. उन्होंने आगे कहा कि किसान भाई किसी भी बहकावे में आए बिना तथ्यों के आधार पर चिंतन मनन करें, हर आशंका को दूर करना सरकार का दायित्व है.

पत्र में कृषि मंत्री ने कहा कि विपक्ष किसानों में भ्रम पैदा कर रहा है. किसानों को गुमराह करने वाले 1962 की भाषा बोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि MSP जारी है और आगे भी जारी रहेगा. पत्र के जरिए कृषि मंत्री ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि राजनीति के लिए कुछ लोग झूठ फैला रहा हैं. MSP और मंडी को लेकर किसानों में भ्रम फैलाया जा रहा है.

कृषि मंत्री का किसानों के नाम पत्र

उन्होंने कहा, ‘जब लेह-लद्दाख में सीमा पर सुरक्षा की चुनौतियां बढ़ी हुई हों, जब कई फीट बर्फ गिरी हुई हो तो सीमा की तरफ जवानों के लिए जरूरी सामान ले जा रही ट्रेनें रोकने वाले ये लोग किसान नहीं हो सकते. जिन लोगों की राजनीतिक जमीन खिसक चुकी है वह किसानों में झूठ फैला रहे हैं कि उनकी जमीन चली जाएगी.’

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कृषि मंत्री ने आगे कहा कि किसान सतर्क रहें, इस आंदोलन में ऐसे लोग घुस गए हैं जिनका मकसद किसानों का हित नहीं है. बीते 6 सालों से एक ही गुट कभी दलितों को भड़काकर कभी दूसरी जातियों को भड़काकर देश में अराजकता पैदा करने की कोशिश कर रहा है.

कृषि मंत्री ने अपनी चिट्ठी में तथाकथित बुद्धिजीवियों पर भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा, ‘आज ये लोग 1962 की भाषा बोल रहे हैं. 1962 में भी यह लोग देश के साथ नहीं थे.’

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