Agra Dog Attack: कुत्‍तों के हमले में जख्‍मी गुंजन हार गई जिंदगी की जंग, 5 घंटे चली सर्जरी भी मासूम को नहीं बचा पाई

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Agra Dog Attack: कुत्‍तों के हमले में जख्‍मी गुंजन हार गई जिंदगी की जंग, 5 घंटे चली सर्जरी भी मासूम को नहीं बचा पाई

Agra Dog Attack: कुत्‍तों के हमले में जख्‍मी गुंजन हार गई जिंदगी की जंग, 5 घंटे चली सर्जरी भी मासूम को नहीं बचा पाई

अनिल शर्मा, आगरा: आखिरकार आवारा कुत्तों के हमले (agra dog attack) में घायल हुई 10 साल की मासूम गुंजन जिंदगी की जंग हार गई। शरीर पर 26 घाव का दर्द लिए मूक-बधिर बच्ची ने मंगलवार रात जिला अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ (dog attack victim died) दिया। बच्ची की मौत पर परिजनों ने अस्पताल में हंगामा भी किया, लेकिन डाक्टरों के समझाने पर देर रात वह शव घर ले गए।

सिकंदरा क्षेत्र की रहने वाली 10 साल की मूक-बधिर बच्ची गुंजन को सोमवार सुबह आवारा कुत्तों के झुंड ने नोच खाया था। उसके शरीर पर 26 घाव थे। दोपहर में गुंजन को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां पांच घंटों तक चले आपरेशन में डाक्टरों ने 50 से ज्यादा टांके लगाए थे। आ

परेशन के बाद गुंजन बेहद दर्द में रही। लेकिन मूक बधिर होने के कारण वह अपना दर्द बयां नहीं कर पाई। मंगलवार रात लगभग सवा नौ बजे उसकी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि गलत इंजेक्शन लगाने से गुंजन की मौत हुई है। इसे लेकर परिजनों ने देर रात जिला अस्पताल पर हंगामा किया।

‘घावों में सेप्टिक हो गया था’
जिला अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अशोक अग्रवाल ने बताया कि गुंजन ऑक्सिजन सपोर्ट पर थी। 26 घावों के कारण शरीर में सेप्टिक फैल गया था। इस वजह से उसकी मृत्यु हुई। इंजेक्शन से उसकी मौत नहीं हुई। परिजनों ने लिखित दिया है कि उन्हें कोई शिकायत नहीं है। पोस्टमॉर्टम कराने से परिवार ने इनकार कर दिया। रात में ही उसके परिजन शव को घर ले गए।

नानी के घर रहती थी, मां नहीं थीं
10 साल की मूक-बाधिर गुंजन अपनी नानी के घर रहती थी। कुछ साल पहले उसकी मां का निधन हो चुका था, पिता भी बीमार रहते थे। सोमवार सुबह गुंजन अपने घर से बाहर निकली, घर से कुछ ही दूरी पर आवारा कुत्तों ने गुंजन को घेरकर उस पर हमला बोल दिया।

खून से लथपथ मिली थी
चूंकि गुंजन बोल नहीं सकती थी इसलिए शोर नहीं मचा सकी। काफी देर तक कुत्ते उसे काटते रहे। गुंजन के दिखाई न देने पर कुछ देर बाद परिजन आए। उन्होंने गुंजन को खून से लथपथ देखा। उसके शरीर पर कुत्ते के काटने के निशान थे। वह जमीन पर बेहोश हालत में पड़ी थी। सुबह करीब 9.30 बजे उसे बेहोश हालात में जिला अस्पताल लाया गया।

सर्जरी 5 घंटों तक चली
डॉक्‍टरों का कहना था कि जब उसे अस्पताल लाया गया था तो उसके शरीर से खून बह रहा था। उसके सिर पर 8 से 10 बड़े घाव थे। सर्जन डॉ धर्मवीर सिंह ने बताया कि बच्ची के दोनों बाजुओं और पैरों को कुत्तों ने बुरी तरह से जख्‍मी किया है। उसकी छाती और पेट को छोड़कर शरीर के हर हिस्से पर घाव हैं। जख्मों को सिलने में 5 घंटों का समय लग गया था। दोपहर एक बजे तक ऑपरेशन चलता रहा।

डॉक्‍टरों ने की थी मदद की अपील
बच्ची के इलाज में काफी दवाएं बाजार से मंगाई गई थी जो कि कीमती थीं। बच्ची के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी इसलिए जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने ही बच्ची के इलाज की व्यवस्था की। कई इंजेक्शन हजारों रुपए के थे। उन्होंने समाजसेवियों से अपील की थी कि बालिका की मदद के लिए आगे आएं।

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