बिहार की शिक्षा-व्यवस्था पहले से ही सवालों के घेरे में थी, लेकिन एक बार फिर से सोशल मीडिया पर बिहार की शिक्षा-व्यवस्था को लेकर तरह-तरह के सवाल खड़े किये जा रहे है। एक साल पहले बिहार में बारहवीं क्लास के टॉपर का मामला सुर्खियों में था, जिसकी वजह से बिहार की शिक्षा पर न जाने कितने सवाल खड़े हुए थे? पहले बात सिर्फ स्कूल की होती थी लेकिन अब तो कॉलेज की शिक्षा व्यवस्था भी खुद को सवालों के घेरे से दूर नहीं रख पाई। जी हाँ, ग्रेजुएशन में छात्रों को अपने अच्छे-बुरे की समझ होती है, लेकिन क्या करें जब पका-पकाया खाना मिल रहा है तो क्यों मेहनत करें। जी हाँ, हम बात कर रहे बिहार में ग्रेजुएशन के छात्रों की। सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें वायरल हो रही है, जिसमें ग्रेजुएशन के छात्र परीक्षा देते हुए दिखाई दे रहे है। आईये खबर पर एक नजर डालते है…
आपको बता दें कि यूं तो बिहार में होने वाली परीक्षाओं को लेकर हमेशा से ही सवाल उठते रहे हैं, फिर बात चाहे मैट्रिक की परीक्षा की हो या फिर मौलवी य़ा फोकानिया की परीक्षा की नकल और नकल की वायरल होने वाली तस्वीरों से बिहार की परीक्षा व्यवस्था का पुराना रिश्ता रहा है। रिश्ता ही तो है, वरना हर नकल की फोटो यूं वायरल हो जाएं, कोई इत्तेफ़ाक तो नहीं है। अबकी बार जो तस्वीर वायरल हो रही है, वो बिहार के ग्रेजुएशन के बच्चों द्वारा परीक्षा के नाम पर मजाक की तस्वींरे है।
नकल की तस्वीरें कहाँ की है….
आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही नकल की ये तस्वीरें, जो कि बिहार के भोजपुर जिले की है। साथ ही आपको यह भी बता दें कि जिला मुख्यालय स्थित आरा के कई कॉलेजों में इन दिनों ग्रेजुएशन की परीक्षा हो रही है। दरअसल, बिहार के आरा स्थित वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में ग्रेजुएशन सेकेंड इयर की परीक्षा ली जा रही है, जिसके लिये कई केंद्र बनाये गये हैं।
ये क्लासरूम नहीं, परीक्षा केंद्र है….
आपको यह भी बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरस हो रही तस्वीरों में झुंड बनाकर परीक्षा देते हुए दिखाई दिये। साथ ही आपको यह बता दें कि शुक्रवार को हुई परीक्षा में एक सेंटर वीर कुंवर सिंह कॉलेज से ये तस्वीरें सामने आई। तस्वीर में यह साफ दिख रहा है कि बच्चें परीक्षा को मजाक के रूप में दे रहे है। और तो और न कोई रोकने वाला है और न ही कोई कार्रवाई हुई। हालांकि, प्रिसिंपल ने कहा है कि जमीन पर देने वाले बच्चों के परीक्षा रद्द कर दिये जाएंगे।