भगवान शिव शंकर का एक नाम भोलेनाथ भी है. इसका कारण यह है कि शंकर भगवान बहुत भोले हैं. वो अपने भक्तों से जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं तथा उनको इच्छा अनुसार वरदान दे देते हैं. भोलेनाथ सबकी मनोकामना पूरी करते हैं. शिवपुराण के अनुसार शिवलिंग को भगवान शिव का ही एक निराकार रूप माना जाता है. सावन के पवित्र महीने में तो हर रोज हजारों शिव मंदिरों में शिवलिंग पर जल चढ़ाया जाता है.
भोलेनाथ को जल चढाने के सबसे फलदायक यह होता है कि उस दिन आप व्रत रखें. यदि आप व्रत नहीं करते हैं. तो सादा भोजन ग्रहण करें. भोलेनाथ को जल चढाने के बाद मटन या चिकन को ग्रहण ना करें. जिससे भोलेनाथ आपके जीवन की सभी मनोकामनाएं पूरी करेगें तथा आपके जीवन में खुशहाली आएगी.
अगर सावन के अलावा भी प्रतिदिन शिवलिंग पर जल चढ़ाया जाता है, तो दुर्भाग्य भी सौभाग्य में बदल जाता है. आमतौर पर शिवलिंग पर जल चढ़ाने के फायदे प्रायः लोग जानते हैं. परंतु शिवलिंग पर जलाभिषेक के विशेष फायदे के बारे में बहुत कम लोग को ही पता होता है. शिवपुराण के अनुसार कुछ शिवलिंग ऐसे हैं जो अलग-अलग प्रकार के हैं. उनपर जल चढ़ाने के अलग-अलग लाभ होते हैं. शास्त्रों की मान्यता के अनुसार, शिवलिंग पर नियमित रूप से जल चढ़ाने से शारीरिक, मानसिक और वाचक पाप (बोले हुए शब्द) नष्ट हो जाते हैं.
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इसके अलावा शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद, घी, चीनी, ईत्र, चंदन, केसर, भांग आदि चीजों को एक जगह मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाए. जब आप शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं उस दिन व्रत रखना ज्यादा फलदायक होगा. इसके साथ ही अगर आप व्रत नहीं रखते हैं, तो सादा भोजन ग्रहण करें. जिससे आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी होगीं.