दांव-पेंच : एग्जिट पोल के बाद सियासी गलियारों में हडकंप, बैठकों का दौर ज़ारी

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19 मई को आखिरी चरण की वोटिंग के बाद से ही विभिन्न न्यूज़ चैनल्स और एजेन्सियों ने एग्जिट पोल ज़ारी किये और कमोबेस हर एग्जिट पोल में भाजपा गठबंधन यानि की एनडीए को ही बढ़त बतायी जा रही है. इसके बाद से ही सियासी गलियारों में बैठकों और बात-चीत का दौर ज़ारी हो गया है. असल में सभी एग्जिट पोल्स में एनडीए की ही सरकार बनाने की भविष्यवाणी की जा रही है और इस वजह से विपक्षी दलों के खेमों में हलचल है.

इसके अलावा भाजपा ने भी एनडीए के घटक दलों की बैठक बुलाई है जिसमे भी नीतीश कुमार और समेत और भी कई बड़े नेताओं के आने की उम्मीद है. वहीं दूसरी तरह कांग्रेस के बड़े नेता भी मंगलवार को मिलेंगे और नतीजों के बाद की रणनीति पर चर्चा कर सकते हैं.

मालूम हो कि इसके पहले आन्ध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थी और आगे की रणनीति पर चर्चा की थी. मालूम हो कि चंद्रबाबू नायडू सभी दलों को इकठ्ठा करने की जद्दोजहद में हाथ-पैर मार रहे हैं.

इसके अलावा उत्तर प्रदेश में भी सपा-बसपा गठबंधन में मायावती और अखिलेश यादव की मुलाक़ात चर्चा का विषय बनी हुई थी. मालूम हो कि उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी ने मिलकर चुनाव लड़ा था और उन्हें उम्मीद है कि वे भाजपा के इस गढ़ में सेंध लगाने में कामयाब हो जायेंगे.

अब उम्मीद यही जताई जा रही है कि भाजपा को इस चुनाव में भी बढ़त हासिल होगी और एक बार फिर से भाजपा ही सरकार बनाएगी लेकिन 23 मई को चुनाव नतीजे आने तक कोई भी कयास लगाना बेमानी होगी क्योंकि चुनाव नतीजों में “साइलेंट वोटर्स” की भी भूमिका अहम होती है.