श्रद्धा की बातें सुन खौल गया था आफताब का खून, 18 मई की रात उस ‘आखिरी लड़ाई’ की पूरी कहानी
एक के बाद एक झूठ… खुला श्रद्धा के कत्ल का राज
दिल्ली पुलिस ने रविवार को आफताब को अरेस्ट किया। जांच के शुरुआती दिनों में आफताब ने मुंबई और दिल्ली, दोनों जगह की पुलिस को छकाया। सारे फिजिकल एविडेंस मिटाकर आफताब ने श्रद्धा का मर्डर छिपाने की खूब कोशिश की। हालांकि, डिजिटल एविडेंस के सहारे पुलिस मामले की सच्चाई तक पहुंची। दिल्ली पुलिस को शुरू में आफताब ने बताया कि श्रद्धा लड़ाई के बाद 22 मई को घर छोड़ गई थी। उसने कहा कि वह केवल अपना फोन ले गई और बाकी सामान फ्लैट में छोड़ गई। जब पुलिस ने दोनों के फोन रेकॉर्ड्स चेक किए और लोकेशंस जांची तो सच सामने आ गया।
पुलिस को सबसे बड़ा सबूत मिला कपल के बैंक अकाउंट से। श्रद्धा के नेट बैंकिंग अकाउंट से 26 मई को आफताब के खाते में 54,000 रुपये ट्रांसफर किए गए थे। इससे आफताब का वह झूठ पकड़ा गया कि श्रद्धा 22 मई से अनट्रेसेबल थी और उसका कोई संपर्क नहीं रहा। बैंक ट्रांसफर की लोकेशन भी महरौली थाना इलाके में मिली। फिर 31 मई को श्रद्धा के इंस्टाग्राम अकाउंट से एक दोस्त से चैट की गई। जब पुलिस ने श्रद्धा के फोन की लोकेशन पता करी तो वह महरौली थाना इलाके की निकली। अब पुलिस के सवालों का जवाब देना आफताब के लिए मुश्किल होता जा रहा था। आखिरकार उसने सच कबूल लिया।
पुलिस को मिली अहम सीसीटीवी फुटेज
पुलिस का कहना है उन्हें एक सीसीटीवी फुटेज मिली है, जिसमें आफताब नजर आ रहा है। यह पुरानी फुटेज है। इसकी छानबीन की जा रही है। आफताब ने पुलिस को यह भी बताया कि एक बार उनका ब्रेकअप भी हो गया था लेकिन बाद में फिर दोनों साथ रहने लगे। उसने श्रद्धा से कहा था कि वह मुंबई जाकर घर का सामान ले आए लेकिन वह तैयार नहीं हुई। मामले में पुलिस एक डेटिंग ऐप कंपनी से भी इस बात की जानकारी मांग रही है कि आफताब ने किस-किस से दोस्ती की थी और उनके अकाउंट की डिटेल क्या है। बताया जाता है कि आफताब ऐप के माध्यम से 15 से 20 लड़कियों के संपर्क में था। बताया जाता है कि पुलिस ने श्रद्धा के पिता और भाई का सैंपल ले लिया है, जिसे एफएसएल को दिया जाना है।