AES New Cases : चमकी बुखार का बढ़ा कहर, 18 बच्चों में AES की पुष्टि से हड़कंप, मुजफ्फरपुर में 8 मरीज संक्रमित h3>
संदीप कुमार, मुजफ्फरपुर : तपती गर्मी के साथ ही एक्यूट इंसेफ्लाइटस सिंड्रोम (AES) से संक्रमित बच्चों की संख्या भी बढ़ने लगी है। मुजफफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल (SKMCH) में भर्ती तीन बच्चों में एईएस ही पुष्टि हुई है। दो बच्चों के ब्लड सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। अब तक मुजफ्फरपुर के आठ, तीन मोतिहारी, पांच सीतामढ़ी, अररिया और वैशाली के एक-एक बच्चों में एईएस की पुष्टि हुई है।
इन बच्चों में AES की पुष्टि, क्या बोले डॉक्टर
SKMCH में शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि सीतामढ़ी के बैरगनिया निवासी ललन पासवान के बेटे 3 वर्षीय बेटे अंकुश में एईएस की पुष्टि हुई है। इनके अलावा नानपुर में जितेंद्र कुमार के 5 वर्षीय पुत्र आशीष कुमार और मुशहरी रजवाड़ा निवासी रंजीत कुमार की 5 वर्षीय बेटी सोनम कुमारी भी इसकी चपेट में आई हैं। उन्होंने बताया कि पीड़ित बच्चों की रिपोर्ट मुख्यालय भेजी गई है और उनका इलाज चल रहा है।
मुजफ्फरपुर में 8, सीतामढ़ी में 5 बच्चे संक्रमित
अब तक मुजफ्फरपुर के आठ, तीन मोतिहारी, पांच सीतामढ़ी और अररिया-वैशाली के एक-एक मरीजों में एईएस की पुष्टि हुई है। वहीं इलाज के दौरान सीतामढ़ी और वैशाली के एक-एक बच्चे की मौत हो चुकी है। वहीं एईएस पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़ते ही मुजफ्फरपुर के सदर अस्पताल में नियंत्रण कक्ष को पहले ही आनन-फानन में शुरू कर दिया गया था। नियंत्रण कक्ष के शुरू होने से चमकी बुखार से संबंधित जो भी जिज्ञासा और परेशानियां होंगी, उन्हें नियंत्रण कक्ष में मौजूद डॉक्टरों की ओर से फोन पर दूर कर बच्चे की बेहतर मेडिकल सर्विस सुनिश्चित कराने की व्यवस्था की गई है।
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एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) होता क्या है?
एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम यानी AES शरीर के मुख्य नर्वस सिस्टम यानी तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। वह भी खासतौर पर बच्चों में। इस बीमारी के लक्षणों की बात करें तो…
– शुरुआत तेज बुखार से होती है
– फिर शरीर में ऐंठन महसूस होती है
– इसके बाद शरीर के तंत्रिका संबंधी कार्यों में रुकावट आने लगती है
– मानसिक भटकाव महसूस होता है
– बच्चा बेहोश हो जाता है
– दौरे पड़ने लगते हैं
– घबराहट महसूस होती है
– अगर समय पर इलाज न मिले तो पीड़ित की मौत हो जाती है
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SKMCH में शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि सीतामढ़ी के बैरगनिया निवासी ललन पासवान के बेटे 3 वर्षीय बेटे अंकुश में एईएस की पुष्टि हुई है। इनके अलावा नानपुर में जितेंद्र कुमार के 5 वर्षीय पुत्र आशीष कुमार और मुशहरी रजवाड़ा निवासी रंजीत कुमार की 5 वर्षीय बेटी सोनम कुमारी भी इसकी चपेट में आई हैं। उन्होंने बताया कि पीड़ित बच्चों की रिपोर्ट मुख्यालय भेजी गई है और उनका इलाज चल रहा है।
मुजफ्फरपुर में 8, सीतामढ़ी में 5 बच्चे संक्रमित
अब तक मुजफ्फरपुर के आठ, तीन मोतिहारी, पांच सीतामढ़ी और अररिया-वैशाली के एक-एक मरीजों में एईएस की पुष्टि हुई है। वहीं इलाज के दौरान सीतामढ़ी और वैशाली के एक-एक बच्चे की मौत हो चुकी है। वहीं एईएस पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़ते ही मुजफ्फरपुर के सदर अस्पताल में नियंत्रण कक्ष को पहले ही आनन-फानन में शुरू कर दिया गया था। नियंत्रण कक्ष के शुरू होने से चमकी बुखार से संबंधित जो भी जिज्ञासा और परेशानियां होंगी, उन्हें नियंत्रण कक्ष में मौजूद डॉक्टरों की ओर से फोन पर दूर कर बच्चे की बेहतर मेडिकल सर्विस सुनिश्चित कराने की व्यवस्था की गई है।
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एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) होता क्या है?
एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम यानी AES शरीर के मुख्य नर्वस सिस्टम यानी तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। वह भी खासतौर पर बच्चों में। इस बीमारी के लक्षणों की बात करें तो…
– शुरुआत तेज बुखार से होती है
– फिर शरीर में ऐंठन महसूस होती है
– इसके बाद शरीर के तंत्रिका संबंधी कार्यों में रुकावट आने लगती है
– मानसिक भटकाव महसूस होता है
– बच्चा बेहोश हो जाता है
– दौरे पड़ने लगते हैं
– घबराहट महसूस होती है
– अगर समय पर इलाज न मिले तो पीड़ित की मौत हो जाती है