अफसर बनने की हसरत पूरी न हो पाई तो बन गया ‘ठग’, लोगों को लगाया लाखों का चूना

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देहरादून: मेधावी एकैडमिक रिकार्ड, तेज दिमाग, और तमाम विषयों की गहरी जानकारी रखने वाला एक शख्स जब अधिकारी नहीं बन पाया तो उसने फर्जी दस्तावेज़ों के सहारे ख़ुद को पीसीएस अधिकारी बता कर लोगों को ठगने का काम शुरू कर दिया. कई लोगों को अपना ‘शिकार’ बना चुका यह शक्स आख़िरकार पुलिस की गिरफ़्त में आ गया. इसकी करतूतों के बारे में पुलिस ने जो खुलासे किए हैं उन्हें देखने के बाद हर कोई हैरान है. पकड़ा गया शक्स एक बार पीसीएस की मुख्य परीक्षा भी पास कर चुका है और इंटरव्यू में चयनित न हो पाने के चलते अधिकारी नहीं बन पाया.

एक शक्स ने ठेकेदारी का लाइसेंस दिलाने के नाम पर डीलर से दो लाख रूपए ठग लिए

मामला उत्तराखंड की आस्थाई राजधानी देहरादून का है जहां ख़ुद को श्रम विभाग में पीसीएस अफसर बता कर एक शक्स ने ठेकेदारी का लाइसेंस दिलाने के नाम पर डीलर से दो लाख रूपए ठग लिए. संदेह होने पर डीलर ने पुलिस में इसकी शिकायत की जिसके बाद इसका भांडा फूट गया. पकड़े गए व्यक्ति का नाम सुधांशु पांडे है जो कानपुर, उत्तर प्रदेश का मूल निवासी है. पुलिस ने इसके पास से अलग-अलग विभागों की फर्जी मुहरें और कई दस्तावेज बरामद किये हैं. देहरादून के एक प्रापर्टी डीलर ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि सुधांशु पांडे नाम के एक व्यक्ति ने ख़ुद को श्रम विभाग में पीसीएस अफसर बताया और ठेकेदारी का लाइसेंस दिलाने के नाम पर उससे दो लाख रुपए ले लिए. इस शिकायत के बाद पुलिस ने फर्जी पीसीएस को धर लिया. सुधांशु पांडेय इससे पहले भी बहुत से लोगों को ठग चुका है. अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक़ उसने अकेले देहरादून शहर के ही लगभग दर्जनभर लोगों को 15 लाख रुपये से ज्यादा का चूना लगाया है. पुलिस ने उस पर धारा 420 के तहत मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुर कर दी है.

सुधांशु ने 2014 में पीसीएस की परीक्षा क्वालीफाई की थी

पुलिस के मुताबिक सुधांशु ने 2014 में पीसीएस की परीक्षा क्वालीफाई की थी, जिसके बाद से ही वह लोगों को बताता रहा कि वो पीसीएस अफसर बन गया है. सुधांशु अपनी दिनचर्या और बाडी लैंग्वेज का विशेष ध्यान रखता था ताकि किसी को भी उस पर संदेह न हो. लेकिन उसकी इस चालाकी का खेल आख़िरकार खुल ही गया. ऐसे में यह कहना ठीक होगा कि अधिकारी बनने के लिए केवल किताबी ज्ञान ही पर्याप्त नहीं होता, बल्कि अच्छी नीयत भी होनी चाहिए. सुधांशु के पीसीएस इंटरव्यू में बाहर होने का सबसे बड़ा कारण भी संभवत: यही बुरी नीयत रही होगी.