लॉकडाउन के कारण हुए कई फायदों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता

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कोरोना वायरस के आतंक को कम करने के लिए देशभर में केंद्र सरकार द्वारा लॉकडाउन के निर्देश जारी है , कोरोना वायरस के कारण फैली महामारी की चेन को तोड़ने के लिए लॉकडाउन ही एकमात्र तरीका है। लॉकडाउन के चलते लोग अपने घरों में हैं और बेहद जरूरी काम के लिए ही बाहर निकलते हैं। हालांकि लोगों में लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार भी बेसब्री से है। इस बीच लॉकडाउन से प्रदेश समेत देश में ऐसे फायदे देखने को मिले हैं, जिन्हे नज़र अंदाज़ नहीं किया जा सकता। लॉकडाउन कारण प्रदूषण से लेकर क्राइम रेट में काफी कमी आयी है , लॉकडाउन के चलते देश में काफी सकारात्मक प्रभाव देखने को मिले हैें।

लॉकडाउन के चलते सड़कों पर वाहनों का आवागमन बंद है, जिसके कारण प्रदूषण में कमी आई है। देशभर में कारखानों को बंद किया गया है, जिसके परिणाम स्वरूप वायु प्रदूषण में गिरावट हुई है। प्रदेश के तमाम हिस्सों में हवा एकदम स्वच्छ हो गई गई है। कई शहरों में एक्यूआई का स्तर पहले की तुलना में 90 प्रतिशत तक सुधर देखा गया है। जिन शहरों का एक्यूआई 300-400 पार होता था, उन शहरों की हवा भी अब साफ होकर 25-55 एक्यूआई के बीच आ गई है। जो काफी सकारात्मक प्रभाव है लॉकडाउन का.

लॉकडाउन के कारण सबसे बड़ा बदलाव वर्क सेक्टर में दिखा जहा आज लगभग 80 प्रतिशत से ज्यादा लोग घर से काम कर रहे है और उनका काम काफी अच्छा चल रहा है. गूगल और फेसबुक जैसी नामचीन कंपनी ने अपने कर्मचारियों को एक साल तक घर से काम करने कि सलाह दी है।

लॉकडाउन से धरती की सेहत में सुधार हुआ है। लोग पहले सड़कों पर कूड़ा कचरा फेंकते थे जो कि लॉकडाउन में घरों में रहने के कारण कम हो गया है। पर्यटन स्थल की स्थिति भी काफी हद तक सुधार देखने को मिला है। लॉकडाउन के बाद गंगा और यमुना के पानी में भी काफी सुधार देखने को मिला है।

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गंगा और यमुना में बड़े पैमाने पर कारखानों का दूषित पानी डाला जाता था, लेकिन अब इन दोनों ही नदियों की हालत में काफी सुधार देखने को मिला है। लॉकडाउन का आलम ये है कि गंगा का पानी 40 से 50 फीसदी निर्मल हो गया है। जो पहले कभी नहीं देखा गया। सरकार द्वारा इतने स्कीम और प्रोजेक्ट चलने के बाद भी इतना सुधार कभी नहीं देखा गया।