नोएडा स्पोर्टस सिटी में थर्ड पार्टी जनरेट करना गैर कानूनी: बिल्डरों ने भूखंडों की 84 सबलीज की थी, प्राधिकरण को मिल रही शिकायत, जारी की गई एडवाइजरी – Noida (Gautambudh Nagar) News h3>
नोएडा के सेक्टर-150 स्थित स्पोर्टस सिटी।
स्पोर्टस सिटी मामले में हाइकोर्ट के आदेश पर सीबीआई जांच की जा रही है। यहां तीन बिल्डरों को जमीन आवंटित की गई। जिन्होंने भूखंडों को 84 सबडिवीजन में बांट दिया। आदेश के बाद से जानकारी मिली कि ये 84 सब लीज बिल्डर अपने प्रोजेक्ट में थर्ड पार्टी को जोड़ रहे
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ऐसी शिकायत हाल ही में प्राधिकरण के मिली थी। प्राधिकरण ने पब्लिक नोटिस जारी कर बायर्स को आगाह किया गया स्पोर्टस सिटी से संबंधित किसी भी मामले में थर्ड पार्टी जनरेट अमान्य माना जाएगा। ये प्रकार का फ्राड है। इससे बचने की जरूरत है।
प्राधिकरण ने पब्लिक नोटिस जारी कर कहा कि हाइकोर्ट के आदेश 24 फरवरी 2025 के बाद स्पोर्टस सिटी से संबंधित सेक्टर-78,79,एससी-01 सेक्टर-150, एससी-02 सेक्टर-150 और सेक्टर-152 में लैंड , फ्लैट, हाउस में कोई थी थर्ड पार्टी राइट्स जनरेट करता है तो पूरी तरह से इल्लीगल है।
ऐसे में प्राधिकरण ने सभी सबलीज होल्डर को नोटिस जारी किया कि यदि वो बिना प्राधिकरण के अप्रूवल के कोई भी ज्वाइंट डेवलेपमेंट, डेवलेपमेंट मैनेजमेंट एग्रीमेंट या निर्माण से संबंधित कोई थर्ड पार्टी लाते है या फिर वो संबंधित का विज्ञापन करते तो है अवैध माना जाएगा।
वो इस स्पोर्टस सिटी के किसी भी प्रोजेक्ट का पार्टनर नहीं माना जाएगा। ऐसा मिलने पर नोएडा प्राधिकरण संबंधित थर्ड पार्टी के खिलाफ लीगल एक्शन लेगी। प्राधिकरण ने एडवाइजरी जारी की है इस तरह से किसी के प्रचार में न फंसे। और न ही स्पोर्टस सिटी में प्लाट, फ्लैट नहीं खरीदे।
प्राधिकरण कर रहा कानूनी सलाहकार का चयन नोएडा स्पोर्टस सिटी मामले लीगल एक्शन के लिए प्राधिकरण एक कानूनी सलाहकार का चयन कर रहा है । ये लीगल एक्सपर्ट उच्च न्यायालय में विभिन्न रिट याचिकाओं में 24 फरवरी 2025 के आदेशों का पालन सुनिश्चित कराने और स्पोर्टस सिटी के विभिन्न प्रकरण में समय बद्ध कार्यवाही सुनिश्चित करने का काम करेगी। सीईओ लोकेश एम ने बताया कि हम जल्द ही एक लीगल एक्सपर्ट का चयन करेंगे। बता दे स्पोर्टस सिटी से संबंधित बिल्डरों ने हाइकोर्ट के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में भी रिट फाइल की है।
इसलिए यदि कोर्ट इस मामले से संबंधित कोई भी जवाब प्राधिकरण से मांगता है तो समय से ही इसे फाइल किया जा सके। वहीं स्पोर्टस सिटी से संबंधित सभी फाइल सीबीआई को भेजी जा चुकी है। फाइलों से संबंधित जवाब देने के लिए ओएसडी स्तर के एक अधिकारी को नोडल बनाया गया है। वही अधिकारी ही सीबीआई से इंट्रेक्ट होते है और जवाब भी दे रहे है।
सीबीआई ने दर्ज की है तीन एफआईआर इलाहाबाद हाइकोर्ट के आदेश पर नोएडा स्पोर्ट्स सिटी घोटाले में सीबीआई और ईडी जांच का आदेश दिया है। इस मामले में सीबीआई ने तीन एफआईआर दर्ज की है। पहली एफआईआर लॉजिक्स इंफ्रा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और दूसरी लोटस ग्रीन कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड और तीसरी एफआईआर जनायडु स्टेट पर की गई है । तीनों पर 2011 से 2017 तक बिल्डरों, कंसोर्टियम, और नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ मिलकर कथित तौर पर घर खरीदारों के पैसे हड़पने का आरोप है।
इन बिल्डर आवंटन की ले गई फाइल इस एफआईआर के बाद करीब 10 से ज्यादा बार सीबीआई प्राधिकरण आ चुकी है। यहां से दस्तावेज ले जा चुकी है। इसके अलावा फिजिकल दौरा भी किया गया। ऐसे में अब तक जनाडु इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड (कंसोर्टियम) सेक्टर-78, 79 ओर 101, लॉजिक्स इंफ्रा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड एससी-01/150 और लोटस ग्रीन्स कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (कंसोर्टियम) एससी-02/150 के आवंटन से संबंधित 44 फाइल ले जा चुकी है। इन फाइलों को खंगाला जा रहा है।
सीएजी ने 9000 करोड़ का बताया घोटाला बता दे सीएजी ऑडिट में स्पोर्ट्स सिटी आवंटन में बड़ी वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा किया था। जिससे नोएडा प्राधिकरण और राज्य सरकार को 9000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। ऑडिट में पाया गया कि डेवलपर्स को जमीन कम कीमत पर दी गई। डेवलपर्स द्वारा नोएडा प्राधिकरण को साइड लाइन करते हुए स्वामित्व का अनधिकृत हस्तांतरण किया गया। लीज प्रीमियम, जुर्माना और ट्रांसफर चार्ज तक नहीं दिए गए। साथ ही खेल के बुनियादी ढांचे के पूरा न होने के बावजूद अधिभोग प्रमाण पत्र जारी किए गए थे।