गोरखपुर में बनेगी UP की पहली फारेस्ट यूनिवर्सिटी: 50 हेक्टेयर जमीन चिन्हित, 621 करोड़ की योजना तैयार – Gorakhpur News h3>
गोरखपुर को शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक बड़ी सौगात मिलने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा के अनुरूप जिले में उत्तर भारत का पहला फारेस्ट एवं औद्यानिकी यूनिवर्सिटी (फॉरेस्ट्री एंड हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी) स्थापित किया जाएग
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यह यूनिवर्सिटी गोरखपुर का पांचवां और प्रदेश का एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक संस्थान होगा। खास बात यह है कि यह न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे उत्तर भारत में अपनी तरह का पहला फारेस्ट यूनिवर्सिटी होगा। देश में यह दूसरा और विश्व में चौथा यूनिवर्सिटी होगा, जो पूरी तरह फारेस्ट शिक्षा और अनुसंधान को समर्पित होगा। वर्तमान में भारत का पहला फारेस्ट यूनिवर्सिटी तेलंगाना में स्थित है।
मुख्यमंत्री ने की थी घोषणा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 6 सितंबर 2024 को कैम्पियरगंज में विश्व के पहले जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र के उद्घाटन अवसर पर फारेस्ट यूनिवर्सिटी की घोषणा की थी। इसके बाद प्रशासन और वन विभाग ने तेज़ी से जमीन की तलाश शुरू की और कैम्पियरगंज रेंज के भारी वैसी ब्लॉक में आरक्षित वन क्षेत्र में 50 हेक्टेयर भूमि उपयुक्त पाई गई।
मई महीने में ही भूमि हस्तांतरण की अनुमति
चूंकि यह भूमि आरक्षित वन क्षेत्र है, इसलिए वन (संरक्षण एवं संवर्धन) अधिनियम 2023 के तहत केंद्र सरकार से अनुमति लेना आवश्यक है। DM कृष्णा करुणेश के अनुसार इस प्रक्रिया के तहत केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के परिवेश पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन भेजा जा चुका है। उम्मीद जताई जा रही है कि मई महीने में ही भूमि हस्तांतरण की अनुमति मिल जाएगी।
वन भूमि के बदले 50 हेक्टेयर गैर वन भूमि पर प्रतिपूरक वनारोपण कराना भी अनिवार्य होगा। साथ ही यूनिवर्सिटी के लिए बनाए जा रहे अधिनियम का मसौदा भी शासन को भेजा जा चुका है।
621 करोड़ रुपये की कार्ययोजना तैयार
वन विभाग की तरफ से लोक निर्माण विभाग (PWD) ने यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए 621 करोड़ 26 लाख रुपये की कार्ययोजना तैयार की है। इसे फरवरी माह में प्रमुख सचिव, वन एवं पर्यावरण को भेजा जा चुका है। इस योजना के अनुसार 6 हेक्टेयर भूमि पर मुख्य भवन और हॉस्टल बनाए जाएंगे, जबकि शेष 44 हेक्टेयर भूमि को खुले और हरित क्षेत्र के रूप में रखा जाएगा।
DM के मुताबिक यूनिवर्सिटी की DPR जल्द स्वीकृत हो जाएगी और अगले तीन-चार महीनों में निर्माण कार्य शुरू कराने का लक्ष्य है। वहीं, प्रभागीय वनाधिकारी विकास यादव ने बताया कि फारेस्ट यूनिवर्सिटी की स्थापना को लेकर प्रदेश शासन से सैद्धांतिक स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है।
युवाओं को मिलेंगे रोजगार के नए अवसर
इस यूनिवर्सिटी में फारेस्ट के अलावा कृषि फारेस्ट, सामाजिक फारेस्ट और औद्यानिकी से संबंधित डिग्री और डिप्लोमा कोर्स संचालित किए जाएंगे। इससे युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और वन, पर्यावरण एवं कृषि क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त करने का मार्ग खुलेगा।
गोरखपुर में पहले से संचालित हैं चार यूनिवर्सिटी
वर्तमान में गोरखपुर में चार यूनिवर्सिटी पहले से संचालित हैं—
• दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी
• मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी यूनिवर्सिटी
• महायोगी गोरखनाथ यूनिवर्सिटी (निजी क्षेत्र का पहला यूनिवर्सिटी)
• महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष यूनिवर्सिटी (राज्य का पहला आयुष यूनिवर्सिटी)