आंगनबाड़ी भर्ती में लेखपाल की मनमानी: अयोध्या में गलत आय प्रमाण पत्र जारी करने का मामला, SDM को शिकायत – Ayodhya News h3>
अयोध्या19 मिनट पहले
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अयोध्या जिले के मिल्कीपुर तहसील में आंगनबाड़ी कार्यकर्ती भर्ती में बड़ी अनियमितता का मामला सामने आया है। डीली गिरधर गांव की एक महिला ने स्थानीय लेखपाल पर गलत आय प्रमाण पत्र जारी करने का गंभीर आरोप लगाया है, जिसके चलते वह आंगनबाड़ी कार्यकर्ती के पद से वंचित रह गईं।
आवेदिका आसनी तिवारी ने एसडीएम मिल्कीपुर को शिकायती पत्र सौंपकर मामले की जांच की मांग की है। आसनी ने बताया कि लेखपाल ने उनका वार्षिक आय प्रमाण पत्र 48 हजार रुपये का जारी किया, जबकि दूसरी आवेदिका अंशिका सिंह के परिवार के पास एक हेक्टेयर से अधिक जमीन, दो पक्के मकान और दो मोटरसाइकिल होने के बावजूद उनका आय प्रमाण पत्र 48 हजार रुपये से कम का जारी किया गया। आसनी का दावा है कि उनकी शैक्षिक योग्यता भी अंशिका से बेहतर है, लेकिन लेखपाल ने अंशिका के प्रभाव में आकर गलत प्रमाण पत्र जारी किया, जिससे वह नौकरी से वंचित हो गईं।
यह मामला हरदोई जिले में हाल ही में सामने आए एक समान मामले की याद दिलाता है, जहां लेखपालों द्वारा फर्जी आय प्रमाण पत्र जारी करने के आरोप में जांच के बाद कई लेखपालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और कुछ को निलंबित किया गया।
अनियमितताएं रुकने का नाम नहीं ले रही स्थानीय लोगों का कहना है कि डीली गिरधर के लेखपाल के खिलाफ पहले भी ऐसी शिकायतें मिल चुकी हैं, जिसके चलते उनका स्थानांतरण मिल्कीपुर तहसील से दूसरी तहसील में किया गया था। बावजूद इसके, इस तरह की अनियमितताएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं।
आसनी तिवारी ने प्रशासन से इस मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। स्थानीय निवासियों का भी कहना है कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी और प्रभावशाली लोगों का दबाव इस तरह की अनियमितताओं को बढ़ावा दे रहा है।
अब सवाल यह है कि तहसील और जिला प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है। क्या पीड़िता आसनी तिवारी को न्याय मिलेगा, या यह मामला भी जांच के नाम पर ठंडे बस्ते में चला जाएगा? फिलहाल, सभी की निगाहें प्रशासन के अगले कदम पर टिकी हैं।
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अयोध्या19 मिनट पहले
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अयोध्या जिले के मिल्कीपुर तहसील में आंगनबाड़ी कार्यकर्ती भर्ती में बड़ी अनियमितता का मामला सामने आया है। डीली गिरधर गांव की एक महिला ने स्थानीय लेखपाल पर गलत आय प्रमाण पत्र जारी करने का गंभीर आरोप लगाया है, जिसके चलते वह आंगनबाड़ी कार्यकर्ती के पद से वंचित रह गईं।
आवेदिका आसनी तिवारी ने एसडीएम मिल्कीपुर को शिकायती पत्र सौंपकर मामले की जांच की मांग की है। आसनी ने बताया कि लेखपाल ने उनका वार्षिक आय प्रमाण पत्र 48 हजार रुपये का जारी किया, जबकि दूसरी आवेदिका अंशिका सिंह के परिवार के पास एक हेक्टेयर से अधिक जमीन, दो पक्के मकान और दो मोटरसाइकिल होने के बावजूद उनका आय प्रमाण पत्र 48 हजार रुपये से कम का जारी किया गया। आसनी का दावा है कि उनकी शैक्षिक योग्यता भी अंशिका से बेहतर है, लेकिन लेखपाल ने अंशिका के प्रभाव में आकर गलत प्रमाण पत्र जारी किया, जिससे वह नौकरी से वंचित हो गईं।
यह मामला हरदोई जिले में हाल ही में सामने आए एक समान मामले की याद दिलाता है, जहां लेखपालों द्वारा फर्जी आय प्रमाण पत्र जारी करने के आरोप में जांच के बाद कई लेखपालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और कुछ को निलंबित किया गया।
अनियमितताएं रुकने का नाम नहीं ले रही स्थानीय लोगों का कहना है कि डीली गिरधर के लेखपाल के खिलाफ पहले भी ऐसी शिकायतें मिल चुकी हैं, जिसके चलते उनका स्थानांतरण मिल्कीपुर तहसील से दूसरी तहसील में किया गया था। बावजूद इसके, इस तरह की अनियमितताएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं।
आसनी तिवारी ने प्रशासन से इस मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। स्थानीय निवासियों का भी कहना है कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी और प्रभावशाली लोगों का दबाव इस तरह की अनियमितताओं को बढ़ावा दे रहा है।
अब सवाल यह है कि तहसील और जिला प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है। क्या पीड़िता आसनी तिवारी को न्याय मिलेगा, या यह मामला भी जांच के नाम पर ठंडे बस्ते में चला जाएगा? फिलहाल, सभी की निगाहें प्रशासन के अगले कदम पर टिकी हैं।