लुधियाना में किसान नेता दिलबाग हाउस अरेस्ट: बोले-सरकार हमारी आज आवाज दबा रही;शंभू थाना में कल करेंगे प्रदर्शन – Ludhiana News h3>
किसान मजदूर यूनियन के प्रधान दिलबाग सिंह जानकारी देते हुए।
पंजाब के लुधियाना में आज सुबह किसान मजदूर यूनियन के प्रधान दिलबाग सिंह को उनके घर जीवनपुर में पुलिस ने हाउस अरेस्ट कर दिया है। दिलबाग सिंह के घर किसी भी व्यक्ति को आने-जाने नहीं दिया जा रहा। घर के बाहर पुलिस कर्मचारी तैनात है।
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फेसबुक पर दी प्रधान दिलबाग ने जानकारी
सुबह दिलबाग सिंह ने फेसबुक के जरिए हाउस अरेस्ट की जानकारी साझा की। दिलबाग सिंह ने कहा कि किसान मोर्चा को धक्केशाही से प्रदेश सरकार ने उठवा दिया है। इस दौरान उनकी ट्रालियों आदि में लाखों रुपए का सामान खुर्द-बुर्द हो गया है।
कल 6 मई को देंगे शंभू थाने के बाहर धरना
दिलबाग सिंह ने कहा कि किसान मजदूर मोर्चा (भारत) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) ने 6 मई को शंभू थाने के बाहर ‘जबरदस्ती विरोधी धरना’ देने की घोषणा की हुई है। दिलबाग का आरोप है कि हालिया किसान आंदोलन के दौरान सरकार ने आंदोलन स्थलों को बलपूर्वक हटाया, नेताओं को धोखे से हिरासत में लिया और लगातार किसानों व मजदूरों पर दमन जारी रखा।
दिलबाग ने कहा कि लोगों से आग्रह है कि घरों से बाहर निकल कर किसानों का साथ दे। किसान लोगों की ही लड़ाई लड़ रहे है।
इन प्रमुख मांगों के लिए अड़े है किसान
- पुलिस पर कार्रवाई: 19-20 मार्च को किसानों, मजदूरों और महिलाओं पर लाठीचार्ज व दुर्व्यवहार करने वाले पुलिसकर्मियों, विशेषकर शंभू एसएचओ हरप्रीत सिंह को बर्खास्त किया जाए।
- राजनीतिक मुकदमों की वापसी: किसानों का सामान वापस दिलाने में मदद करने वाले युवाओं पर दर्ज राजनीति से प्रेरित मुकदमे तुरंत रद्द किए जाएं।
- चोरी और मुआवजे का मुद्दा: AAP विधायक गुरलाल सिंह घनौर व उनके समर्थकों पर ट्रैक्टर, ट्रॉली, सोलर पैनल, लंगर सामग्री चोरी करने के आरोप लगे हैं। इस मामले में एफआईआर दर्ज कर किसानों को मुआवजा दिया जाए।
- घायलों और शहीदों के लिए मुआवजा: गंभीर रूप से घायल किसानों को 25 लाख रुपये और सरकारी नौकरी, मध्यम रूप से घायल को 5 लाख, मामूली रूप से घायल को 1 लाख रुपये शहीद किसानों के परिवारों को मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए।
- भूमि अधिग्रहण का विरोध: गुरदासपुर, अमृतसर और तरनतारन में भारतमाला परियोजना के तहत बिना मुआवजा दिए जबरन जमीन अधिग्रहण का विरोध किया गया।
- हरियाणा सरकार पर आरोप: नेताओं ने आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार अदालती नोटिसों का दुरुपयोग कर किसान नेताओं को डराने की कोशिश कर रही है। चेतावनी दी गई कि अगर ये रणनीतियाँ जारी रहीं तो आंदोलन और तेज होगा।