‘पेंडेंसी जल्द खत्म होगी’: पंजाब में 10 लाख कार्ड रुके, विभाग 10 हजार ही छाप पाया – Amritsar News h3>
विक्की कुमार | अमृतसर पंजाब ट्रांसपोर्ट विभाग में ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी की प्रिंटिंग की रफ्तार अब भी बेहद धीमी है। नवंबर 2024 में स्मार्ट चिप कंपनी का ठेका खत्म होने के बाद कुछ महीने तक प्रिंटिंग पूरी तरह बंद रही। हाल ही में विभाग ने अपने स्तर पर
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अमृतसर जिले में ही करीब 54 हजार लोग आरसी और लाइसेंस का इंतजार कर रहे हैं। प्रिंटिंग धीमी होने से ये दस्तावेज लोगों तक पहुंच नहीं पा रहे। ऐसे में जिनका लाइसेंस अप्रूव हो चुका है, वे बिना हार्ड कॉपी के सड़क पर उतरने से कतरा रहे हैं, क्योंकि चालान का खतरा सिर पर मंडरा रहा है। हालांकि पंजाब सरकार ने डिजी लॉकर में दस्तावेज मान्य करने का आदेश जारी किया है, लेकिन पंजाब पुलिस के अधिकतर कर्मचारी डिजी लॉकर को मान्यता नहीं देते, क्योंकि या तो उन्हें इसकी जानकारी नहीं या वे जांच से साफ इनकार कर देते हैं।
ट्रांसपोर्ट विभाग ने प्रिंटिंग शुरू कर देने का दावा किया है, लेकिन सिस्टम स्थायी नहीं, न ही यह स्पष्ट है कि मौजूदा स्पीड से कितने दिन में लंबित प्रिंटिंग पूरी होगी। विभाग ने प्रिंटिंग शुरू की है। जो पेंडेंसी है, उसे जल्द खत्म किया जाएगा। पंजाब सरकार लोगों की परेशानी को समझती है, लेकिन अब लोग परेशान नहीं होंगे। आने वाले दिनों में जितने भी लोगों की आरसी व ड्राइविंग लाइसेंस नहीं आए है, वह उन्हें मिल जाएंगे।
खुशदिल सिंह, सेक्रेटरी , रीजनल ट्रांसपोर्ट विभाग, अमृतसर पूरे पंजाब में करीब 10 लाख डॉक्यूमेंट रुके पड़े हैं, जबकि अब तक महज 10 हजार दस्तावेज ही छापे जा सके हैं। लोगों का कहना है कि अगर यही हाल रहा तो न तो कागज़ जल्दी मिलेंगे, और न ही पुलिस चालान से राहत मिलेगी। स्थायी हल निकाले बिना यह दिक्कत हर महीने और बढ़ेगी।
पंजाब सरकार की तरफ से अपने दस्तावेज डिजी लॉकर में रखने के आदेश दिए गए हैं, लेकिन पंजाब पुलिस के अधिकतर कर्मचारी ऐसे हैं, जिन्हें डिजी लॉकर की कोई जानकारी तक नहीं है। वह डिजी लॉकर में इन दस्तावेजों को देखने से ही साफ तौर पर इंकार कर देते हैं। यह सरकार और विभाग की लापरवाही ही है कि ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी लोगों को नहीं पहुंचा पा रही है।
बता दें कि 23 दिसंबर 2024 में ट्रांसपोर्ट विभाग में ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी की प्रिंटिंग करने का काम देख रही स्मार्ट चिप कंपनी का टेंडर खत्म हो गया था। इस दौरान कंपनी ने जहां अपने कर्मचारियों को निकाल दिया था, वहीं प्रिंटिंग भी बंद कर दी थी। कंपनी का टेंडर खत्म हो जाने के बाद आटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक करीब एक महीने से अधिक बंद रहा था।
इसके बाद जब ट्रैक शुरू हुआ तो ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी की प्रिंटिंग न हो सकी। जिससे आवेदकों की मुश्किलें और बढ़ गईं। इस्लामाबाद के रहने वाली सचिन कुमार का कहना है कि उसने अपना हैवी ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया है। इसकी सारी प्रक्रियाएं भी पूरी कर दी गई है। पहले तो अप्रूवल में ही काफी परेशानी हुई। किसी तरह से अप्रूवल करवाई तो अभी तक उनका ड्राइविंग लाइसेंस ही उन्हें नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि 26 नवंबर 2024 को उन्होंने हैवी ड्राइविंग लाईसेंस की अप्वाइंटमेंट थी।
लाइसेंस के लिए उन्होंने तस्वीर भी खिचवाई और उसके बाद एमवीआई द्वारा पासिंग भी की गई। उसके बाद अप्रूवल हो गई। अब वह सिर्फ लाइसेंस का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उसने विदेश जाना है और जिस कंपनी के माध्यम से उसने विदेश जाना है, उन्हें सिर्फ लाइसेंस के आने का हवाला दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार की लापरवाही ही है कि इतने महीने बीत जाने के बावजूद लोगों को लाइसेंस की प्रिंटिंग ही नहीं करवा पाई है।