बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघिन टी-250 बाड़े में शिफ्ट: ग्रामीणों और वनकर्मी पर किए थे हमले; मवेशियों का भी कर रही थी शिकार – Umaria News h3>
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की बाघिन टी-250 को बहेरहा इंक्लोजर में स्थानांतरित कर दिया गया है। 2 मई को जंगल से रेस्क्यू कर बाघिन को बाड़े में रखा गया। बताया जा रहा है कि बाघिन ने ग्रामीणों पर हमले और मवेशियों का शिकार किया था। इस वजह से वन प्रबंधन ने ये फै
.
जानकारी के मुताबिक, करीब 10 वर्षीय यह बाघिन पहले पनपथा कोर पतौर कोर परिक्षेत्र में रहती थी। इसके बाद में दूसरी बाघिन के साथ संघर्ष के कारण इसने पनपथा बफर और पतौर की सीमा में अपना क्षेत्र बना लिया। संघर्ष में इसकी आंख के पास चोट लगी और शरीर के अन्य हिस्सों में भी निशान पड़े।
हाथी पर बैठकर वनकर्मी गश्त करते हुए। बाघिन ने एक वनकर्मी को भी घायल किया था।
एक महीने से बाघिन पर निगरानी रखी जा रही थी
21 अप्रैल को बाघिन ने दो ग्रामीणों पर हमला किया। 28 अप्रैल को पैदल गश्त के दौरान एक वनकर्मी को भी घायल कर दिया। पिछले एक महीने से बाघिन पर निगरानी रखी जा रही थी। विशेष रूप से पिछले 10 दिनों में हाथियों और गाड़ियों के साथ पैदल गश्त की जा रही थी।
बाघिन की पहचान उसके शरीर पर बने निशानों से की गई है। बढ़ती उम्र के कारण शिकार में कठिनाई और सुरक्षा को लेकर बाघिन अधिक सतर्क हो गई थी। वर्तमान में बाघिन स्वस्थ है। उसके पूर्व क्षेत्र में अब एक अन्य बाघिन अपने शावक के साथ दिखाई दे रही है।
बाड़े में कैद हुई बाघिन।
बाघिन की आंख के पास चोट के निशान मिले
बाघिन को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मगधी परिक्षेत्र के बहेरहा इंक्लोजर के छोटे बाड़े में रखा गया गया है। जिसका एरिया लगभग 3 एकड़ हैं। बाड़े में छोड़कर बाघिन टी-250 के व्यवहार पर निगरानी रखी जा रही हैं। बाघिन को एंटीबायोटिक दवाएं साथ ही आंख के पास और शरीर पर चोट के निशान की भी निगरानी रखी जा रही है।
वनकर्मी बाघ को रेस्क्यू करते हए।
क्षेत्र संचालक बोले- बाड़े में स्वस्थ है बाघिन
बाघिन को लेकर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक अनुपम सहाय ने बताया कि बाघिन का इलाज किया जा रहा है। अभी इस बात की जांच की जा रही है कि बाघिन वन्य प्राणियों का शिकार कर पा रही है या नहीं। बाघिन बाड़े में स्वस्थ है।
बाघिन को इलाज भी किया जा रहा है, साथ ही निगरानी की जा रही है। छोटे बाड़े में रखने का फैसला इसलिए लिया गया है। बाघिन का इलाज और निगरानी आसानी से हो सके और बाघिन को देखा जा सके। बाघिन के क्षेत्र में दूसरी बाघिन दिखाई दी है। इस वजह से इसने अपना क्षेत्र छोड़ा है।