सैफई सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में बारिश का पानी टपका: निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल, अखिलेश यादव ने साधा निशाना – Etawah News

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सैफई सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में बारिश का पानी टपका:  निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल, अखिलेश यादव ने साधा निशाना – Etawah News

सैफई सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में बारिश का पानी टपका: निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल, अखिलेश यादव ने साधा निशाना – Etawah News

उवैस चौधरी | इटावा11 मिनट पहले

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इटावा उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई परिसर में निर्मित 500 बेड के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की छत से बारिश के दौरान पानी टपकने की घटना ने निर्माण गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बीते शुक्रवार को हुई बारिश में ओपीडी परिसर में पर्चा काउंटर के ठीक सामने पानी गिरता देखा गया, जिससे वहां रखा जरूरी फर्नीचर और अन्य सामग्री भीग गई। इस घटना का वीडियो वायरल हो रहा है। सपा अध्यक्ष ने X पर वीडियो पोस्ट करते हुए सरकार पर निशाना साधा, वीडियो पोस्ट होते ही अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया है।

सबसे बड़ी बात यह रही कि पानी वहीं से टपकता पाया गया, जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 6 मार्च 2024 को लोकार्पण किया था। लोकार्पण पट्टिका के ऊपर से टपकता पानी न केवल निर्माण की खामियों की ओर इशारा करता है, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही को भी उजागर करता है।

अभी तक नहीं हुआ विधिवत हैंडओवर सूत्रों के अनुसार, अस्पताल का अब तक विश्वविद्यालय को विधिवत हैंडओवर नहीं किया गया है। विश्वविद्यालय की तकनीकी टीम ने पहले ही निरीक्षण में कई खामियां उजागर की थीं, जैसे बिजली की अर्थिंग अधूरी होना, एयर कंडीशनिंग सिस्टम में तकनीकी गड़बड़ियां और अन्य बुनियादी खामियां।

फर्नीचर और जरूरी सामग्री को नुकसान ओपीडी में रखी गई फर्नीचर सामग्री और अन्य उपकरणों को बारिश के पानी से नुकसान पहुंचा है। ये सामग्री अभी तक बड़े बोरों में पैक कर रखी गई थी, जिसे वार्डों में स्थापित किया जाना था।

इस घटना के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करते हुए सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यदि यह अस्पताल समय से शुरू हो गया होता, तो हजारों मरीजों को लखनऊ और दिल्ली रेफर होने की आवश्यकता नहीं पड़ती। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार जानबूझकर इस परियोजना में देरी कर रही है।

राजकीय निर्माण निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर ए.के. सिंह के पास एक साथ कई परियोजनाओं की जिम्मेदारी होने के कारण सैफई अस्पताल का नियमित निरीक्षण नहीं हो पा रहा है। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पी.के. जैन ने निर्माण निगम को सख्त निर्देश दिए हैं कि सभी खामियों को तत्काल प्रभाव से ठीक किया जाए और अस्पताल का विधिवत हैंडओवर जल्द से जल्द सुनिश्चित किया जाए।

गौरतलब है कि इस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, ऑन्कोलॉजी, यूरोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, पल्मोनरी मेडिसिन, पीडियाट्रिक सर्जरी और क्लिनिकल हीमेटोलॉजी समेत 14 विभाग प्रस्तावित हैं, लेकिन अब तक इनमें से कोई भी सेवा शुरू नहीं हो सकी है। आंशिक रूप से ओपीडी सेवा की शुरुआत 2 जनवरी 2025 को हुई थी, मगर मरीजों की भर्ती अब तक शुरू नहीं हो पाई है।

537 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित यह परियोजना राज्य सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की एक बड़ी कोशिश थी। लेकिन बार-बार उजागर हो रही निर्माण खामियां, देरी और प्रशासनिक अनदेखी इसके उद्देश्य पर प्रश्नचिन्ह खड़े कर रही हैं। अब देखना यह है कि क्या सरकार और निर्माण एजेंसियां इन कमियों को समय रहते दूर कर जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतर पाएंगी।

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