भाइयों के गुप्तांग की जांच से साबित हुआ गैंगरेप: जज बोले- रूह कांप जाएगी, क्रूरता की हदें पार, दी सजा-ए-मौत; भीलवाड़ा भट्ठी केस, आज पार्ट-3 h3>
राजस्थान के भीलवाड़ा जिले का नरसिंहपुरा गांव। तारीख थी 2 अगस्त 2023, शाम के 4 बजे थे। सुनसान खेत में 2 लड़के एक लड़की को टांगों से घसीट कर लाए और खेतों के किनारे बनी एक धधकती भट्ठी में डाल दिया। लड़की के शरीर के निचले हिस्से में कोई कपड़ा नहीं था। लड
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खेत में ऐसी चार और भट्ठियां थीं। इनमें लकड़ी से कोयला बनाया जाता था। लड़कों ने करीब 3 घंटे बाद भट्ठी से अधजली लाश निकाली और फावड़े से सिर अलग करके बाकी शरीर के 20 टुकड़े कर डाले। इन टुकड़ों को बोरी में भरा और ले जाकर नहर में फेंक दिया।
उधर, लड़की की मां और उसका चचेरा भाई उसे तलाशते हुए भट्ठी तक पहुंच गए। भट्ठी से उन्हें कड़ा और जले हुए हाथ का टुकड़ा मिला। गांव के प्रधान ने पुलिस बुला ली।
भीलवाड़ा के थाना कोटड़ी के डीएसपी श्याम सुंदर ने इस मर्डर की जांच शुरू की। उन्होंने भट्ठी किनारे रहने वाले दो भाई कालू, कान्हा सहित 9 लोगों को पकड़ लिया। सख्ती के बाद कालू और कान्हा ने जुर्म कबूल लिया।
कालू ने बताया- ‘साहब… लड़की के पिता उसे लेकर बकरी चराने खेत आए थे। उन्होंने मुझसे कहा कि इसका ध्यान रखना, मैं रिश्तेदारी में जा रहा हूं। इस बात का फायदा उठाकर मैंने और मेरे भाई कान्हा ने बारी-बारी से उसका रेप किया। वो चीख रही थी तो भाई ने उसके सिर पर डंडा मार दिया। वो मर गई, तो उसकी लाश भट्ठी में डालकर आग लगा दी।’
दैनिक NEWS4SOCIALकी सीरीज ‘मृत्युदंड’ में भीलवाड़ा भट्ठी केस के पार्ट-1 और पार्ट-2 में इतनी कहानी तो आप जान ही चुके हैं। आज पार्ट-3 में आगे की कहानी…
कालू और कान्हा ने डीएसपी श्याम सुंदर के सामने जुर्म कबूल कर लिया था। स्केच- संदीप पाल
डीएसपी श्याम सुंदर सोच रहे थे…कालू और कान्हा ने जुर्म कबूल लिया है, लेकिन कोर्ट में मुकर गए तो? न लड़की जिंदा बची न पूरी लाश मिली है, कैसे साबित होगा कि कालू-कान्हा ने ही गैंगरेप किया है? भट्ठी में डालने से पहले लड़की जिंदा है, ये भी तो साबित करना है। पूरी लाश नहीं मिली तो ये भी साबित करना मुश्किल होगा कि इंसानी लाश है या नहीं?
डीएसपी श्याम सुंदर ने गुस्से में कान्हा से पूछा- ‘लाश के बाकी टुकड़े कहां है?’
कान्हा ने घबराते हुए कहा- ‘एक और बोरी है,उसमें भी लाश के टुकड़े हैं, उसी नहर में फेंकी है।’
डीएसपी, कालू-कान्हा को लेकर दोबारा नहर के पास पहुंचे। थोड़ी देर ढूंढने पर दूसरी बोरी भी मिल गई। बोरी में मिले लाश के टुकड़े पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिए गए।
लाश के टुकड़ों से भरी दूसरी बोरी भी पुलिस ने बरामद कर ली। स्केच-संदीप पाल
4 अगस्त 2023, रात के एक बजे। तीन डॉक्टरों की टीम ने लाश के टुकड़ों का पोस्टमॉर्टम करना शुरू किया। उस टीम में शामिल डॉक्टर चेतन जैन बताते हैं- ‘15 हजार से ज्यादा पोस्टमॉर्टम कर चुका हूं। इससे पहले मैंने ऐसी डेड बॉडी नहीं देखी। बोरियों में लाश की जगह मांस के लोथड़े थे। पता ही नहीं चल रहा था कि ये लाश इंसान की है या जानवर की।
पोस्टमॉर्टम हाउस में एक-एक टुकड़े को जोड़ना शुरू किया गया। सिर से लेकर पैर तक, ठीक उसी तरह जैसे कोई कागज पर इंसानी शरीर का ढांचा बनाता है। खोपड़ी को हाथ में उठाकर देखा, तो गर्दन का मांस हाथ में आ गया। जब पूरे टुकड़ों को जोड़ा, तब कन्फर्म हुआ कि यह इंसान की बॉडी है। कुल 20 टुकड़ों में लाश थी।
जले हुए बालों में एक हेयर क्लिप चिपकी हुई थी। झुलसी हुई नाक में नथ थी। लड़की की मां ने पहचान लिया था कि ये उसकी बेटी की ही नथ है। लाश से भरी दोनों बोरियों का वजन सिर्फ 6300 ग्राम यानी 6 किलो 300 ग्राम था।’
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से साफ हो चुका था कि बोरियों में मिली लाश इंसान की ही है। अब पुलिस को ये साबित करना था कि कालू और कान्हा ने गैंगरेप किया है।
पोस्टमॉर्टम के दौरान लाश के एक-एक टुकड़े को जोड़ते हुए डॉक्टर्स। स्केच-संदीप पाल
डीएसपी श्याम सुंदर ने फौरन कालू और कान्हा को पेनाइल स्वैब टेस्ट के लिए भेज दिया। ये टेस्ट रेप की घटना के 48 से 72 घंटे के भीतर किया जाता है। इस टेस्ट में गुप्तांगों में लगे एलिमेंट्स की जांच की जाती है।
जांच में कालू-कान्हा के गुप्तांगों के डीएनए और लड़की की लाश के डीएनए मैच कर गए। यहां तक कि कालू और कान्हा के सैंपल आपस में भी मैच कर गए। इससे साफ हो गया कि कालू और कान्हा ने बारी-बारी से रेप किया था।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में ये भी पता चला कि सिर के पिछले हिस्से में फ्रैक्चर था। खून के दाग से पता चला कि जिंदा लड़की सिर पर वार किया गया।
फोरेंसिक टीम ने लाश का कार्बोक्सीहीमोग्लोबिन टेस्ट किया। इसमें पता किया जाता है कि हिमोग्लोबिन में कार्बन मोनोऑक्साइड है या नहीं। रिपोर्ट पॉजिटिव आई। पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर चेतन बताते हैं, ‘जब लड़की जल रही थी, तो रगों में खून बह रहा था। सांसें चल रही थीं। तभी कार्बोक्सीहीमोग्लोबिन टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आई।’
सिर और कोहनी की हड्डी से पता चला कि यह किसी 17 साल 9 महीने की लड़की की बॉडी है। यानी लड़की नाबालिग थी।
इन सबूतों के आधार पर भीलवाड़ा पॉस्को कोर्ट में दोनों भाई कालू-कान्हा समेत 9 लोगों के खिलाफ गैंगरेप के बाद जिंदा जलाने और सबूत नष्ट करने का मुकदमा शुरू हुआ। सरकार ने लड़की के परिवार की तरफ से महावीर किशनावत को वकील बनाया। किशनावत जयपुर में प्रैक्टिस करते हैं।
पुलिस को दो बोरियों में लाश के टुकड़े मिले। इन्हीं टुकड़ों के पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला था कि लड़की साथ गैंगरेप हुआ है।
अब भीलवाड़ा पॉस्को कोर्ट में दोनों तरफ से जिरह शुरू हुई। महावीर किशनावत ने कोर्ट में कहा- ‘माय लॉर्ड… एक नाबालिग लड़की के साथ, दोनों भाइयों ने बारी-बारी रेप किया। उसके सिर पर डंडा मारा और जिंदा ही धधकती भट्ठी में डाल दिया।
फोरेंसिक रिपोर्ट और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट इस बात को साबित कर रही है कि लड़की की मौत जलने से हुई है। जिंदा लड़की को इन दोनों ने पेट्रोल छिड़कर जला दिया। क्राइम सीन से पेट्रोल की बॉटल, फावड़ा और दो बोरियों में लाश बरामद हुई है। एक पिता ने जिस इंसान को अपनी बेटी का ध्यान रखने के लिए बोला, उसी ने उसकी बेटी का बलात्कार करके मर्डर कर दिया।
इनके बयानों और सबूतों से साफ है कि इन्होंने प्लांड तरीके से रेप किया, फिर हत्या की और सबूत मिटाने के लिए लाश के टुकड़े करके फेंक दिया।’
माय लॉर्ड…ये दरिंदे समाज में जिंदा रहने लायक नहीं हैं। ये बच गए तो फिर किसी न किसी को अपना शिकार बनाएंगे। इन्हें मृत्युदंड दिया जाए।’
इसके बाद कालू-कान्हा का बचाव करते हुए उनके वकील ने कहा- ‘जिस रोज ये घटना घटी, एक दाढ़ी वाला व्यक्ति भट्ठी के पास घूम रहा था। इन लोगों ने तो ये भट्ठियां कुछ महीने पहले ही किराए पर पीड़ित परिवार से ली थी। इससे पहले ये भट्ठियां दाढ़ी वाले व्यक्ति के पास थीं।
इसका पीड़ित परिवार के साथ झगड़ा था। हो सकता है दाढ़ी वाले ने ही लड़की के साथ गलत किया हो और कालू-कान्हा को फंसाने के लिए भट्ठी में डालकर जिंदा जला दिया। पुलिस ने दबाव डालकर कालू-कान्हा का बयान दर्ज किया है। ये बेगुनाह हैं।’
एडवोकेट किशनावत ने उन्हें टोकते हुए कहा, ‘मान लीजिए कि पुलिस के दबाव में दोनों झूठ बोल रहे हैं, लेकिन क्या पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी झूठ बोल रही है? क्या फोरेंसिक रिपोर्ट झूठी है? क्या पीड़ित परिवार झूठ बोल रहा है? कालू-कान्हा के फोन कॉल्स की डिटेल्स से साफ है कि 2 अगस्त 2023 को 4 बजे के बाद उस जंगल में ये सब हुआ। और कालू-कान्हा और उनके साथ मौजूद लोगों ने पूरी घटना को अंजाम दिया।’
जज के सामने एडवोकेट किशनावत ने कहा- दोनों लड़कों ने पहले गैंगरेप किया, फिर लड़की को जिंदा जला दिया। स्केच: संदीप पाल
थोड़ा ठहरकर एडवोकेट किशनावत ने फिर से बोलना शुरू किया- आखिरी बार लड़की को उसके पिता ने खेत में देखा था और सामने कालू-कान्हा अपने तंबू में बैठे हुए थे। कानून की ‘Last Seen Theory’ के मुताबिक ये दोनों ही जिम्मेदार हैं।
इतना ही नहीं, पेट्रोल वाले ने भी गवाही दी है कि कालू-कान्हा ने कुछ दिन पहले ही एक बॉटल में पेट्रोल भरवाया था। 473 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में पेश की गई है, उसका एक-एक पन्ना इस बात की गवाही दे रहा है कि इन दोनों ने लड़की के साथ गैंगरेप किया और उसे भट्ठी में जिंदा जला दिया।’
कोर्ट में करीब 9 महीने तक ये मामला चला। 43 गवाह पेश किए। 18 मई 2024 को भीलवाड़ा पॉस्को कोर्ट के जज अनिल कुमार गुप्ता ने 100 पन्नों के जजमेंट में फैसला सुनाते हुए कहा- ‘बचाव पक्ष में जो तर्क दिया गया, उसका कोई आधार नहीं है। पुलिस जांच, फोरेंसिक रिपोर्ट और गवाहों के बयानों से साफ है कि इन दोनों ने ही लड़की के साथ गैंगरेप किया।
भट्ठी में डाले जाने से पहले लड़की जिंदा थी। ये कल्पना कर पाना मुश्किल है कि बेबस लड़की भट्ठी में किस कदर तड़प रही होगी। हमारे शरीर में कहीं थोड़ी भी आग छू जाती है, तो हम चीखने लगते हैं।
अगर ये बच गए, तो समाज में गलत संदेश जाएगा। अब वो लड़की सिर्फ पीड़ित परिवार की बेटी नहीं, समाज की बेटी है। जिस इंसान को एक पिता ने बेटी का ध्यान रखने के लिए कहा, उसी ने रेप करके नृशंस तरीके से उसकी हत्या कर दी।
इन दोनों को जीने का कोई हक नहीं है। दोनों को मरते दम तक फांसी के फंदे पर लटकाए जाने की सजा सुनाई जाती है।
कोर्ट में कालू और कान्हा को फांसी की सजा सुनाते जज। स्केच: संदीप पाल
सबूतों के अभाव में कोर्ट ने कालू और कान्हा की बीवियों, संजय समेत 7 लोगों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। कालू-कान्हा ने फैसले के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में अपील की है। उनका कहना है कि दोनों की पत्नी-बच्चे हैं। उन्हें कम-से-कम सजा दी जाए। फिलहाल कालू-कान्हा जयपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। पुलिस ने भी बरी हुए बाकी 7 लोगों के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की है।
(नोट- ये पूरी कहानी कोर्ट जजमेंट, भीलवाड़ा के एडिशनल एसपी श्याम सुंदर, एडवोकेट महावीर किशनावत और पीड़िता की मां, भाई और चाचा से बातचीत पर आधारित है। नेहा पीड़िता का काल्पनिक नाम है।)
‘मृत्युदंड’ सीरीज में अगले हफ्ते पढ़िए एक और सच्ची कहानी…
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भीलवाड़ा भट्ठी केस की पहली और दूसरी कड़ी भी पढ़िए…
1. लड़की को टांगों से घसीटकर लाए और भट्ठी में डाला:अधजली लाश निकालकर फावड़े से 20 टुकड़े किए; भीलवाड़ा भट्ठी केस, पार्ट-1
राजस्थान के भीलवाड़ा जिले का नरसिंहपुरा गांव। शाम के 4 बज रहे थे। सुनसान खेत में 2 लड़के एक लड़की को टांगों से घसीटते हुए ले जा रहे थे। उसके शरीर के निचले हिस्से में कोई कपड़ा नहीं था। शरीर से खून रिस रहा था। खेत के किनारे पर लकड़ी से कोयला बनाने वाली 5 भट्ठियां थीं। दोनों ने लड़की को घसीटते हुए भट्ठी में डाला, पेट्रोल छिड़का और आग लगा दी। इन लड़कों साथ एक औरत भी थी। पढ़िए पूरी कहानी…
2. मैंने दो बार रेप किया, छोटे भाई ने एक बार:लड़की बेहोश हुई तो बीवी बोली- इसे भट्ठी में डाल दो; भीलवाड़ा भट्ठी केस, पार्ट-2
मुझे पता चल गया था कि नेहा अकेली है। मैंने दौड़कर उसे पकड़ना चाहा, तो वो भागने लगी। फिर लड़-खड़ाकर गिर गई। मैंने दुपट्टे से उसका मुंह बांध दिया और खेत के किनारे ले गया। वहां मैंने उसके साथ रेप करने लगा। कुछ ही देर में कान्हा वहां आ गया। उसने मुझे हटाया और खुद नेहा के साथ रेप करने लगा। मैं खड़े होकर देखता रहा कि कोई आ तो नहीं रहा। पढ़िए पूरी कहानी…