ओएफके ने अधिकारी-कर्मचारियों की छुट्टी की रद्द: इमरजेंसी में भी सिर्फ 2 दिन की छुट्टी मिलेगी; आयुध निर्माणियां हाई अलर्ट पर – Jabalpur News h3>
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पूरे विश्व में खलबली मची हुई है। बाघा बार्डर को बंद कर दिया है। इस बीच दोनों ही देशों की सीमा पर लगातार हालात बदल रहे है। भारतीय सेना की जरूरत को देखते हुए गोला-बारूद निर्माण में लगी इकाइयों को हाई अलर्ट पर रखा है।
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केंद्रीय सुरक्षा संस्थान के अधीन आने वाली मुनिशन्स इंडिया लिमिटेड (MIL) ने सभी उत्पादन इकाइयों को निर्देश जारी कर दिए हैं, जिसके तहत अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दी गई हैं। जबलपुर की आयुध निर्माणी खमरिया में भी अलर्ट है।
उत्पादन को लेकर मिला बड़ा टारगेट
देश की सबसे बड़ी और सेना को सबसे ज्यादा गोला-बारूद सप्लाई करने वाली आयुध निर्माणी खमरिया के कर्मचारियों की छुट्टी रद्द कर दी गई है। प्रबंधन का कहना है कि उत्पादन को लेकर टारगेट बहुत मिला है, इस तरह का आदेश जारी किया है, पर सूत्र बता रहे हैं कि भारतीय सेना द्वारा ज्यादा से ज्यादा बारुद की मांग की जा रही है। जबलपुर की आयुध निर्माणी खमरिया जल, थल और वायु सेना के लिए सबसे ज्यादा और कई महत्वपूर्ण सैन्य सामग्रियां का उत्पादन करती है।
खमरिया फैक्ट्री में 4500 से ज्यादा कर्मचारी
जबलपुर की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री खमरिया में साढ़े चार हजार से ज्यादा कर्मचारी पदस्थ है। शुक्रवार की जारी आदेश में फैक्ट्री प्रबंधन ने सभी कर्मचारियों की छुट्टी रद्द कर दी है। इसके साथ ही बहुत ज्यादा जरूरत पड़ने पर सिर्फ दो दिन की छुट्टी दिए जाने का निर्णय लिया गया है। मुनिशन्स इंडिया लिमिटेड ने सभी फैक्ट्रियों को अलर्ट पर रखा है। जबलपुर की OFK फैक्ट्री में भी आदेश तत्काल लागू हो गया है। उत्पादन लक्ष्य पूरा करने को लेकर फैक्ट्रियां 24 घंटे सातों दिन एक्टिव मोड में रहेगी। अत्याधिक जरूरत पड़ने पर सिर्फ दो दिन की ही छुट्टी दी जाएगी।
कर्मचारी बोले- ऐसा पहली बार हुआ
जबलपुर में आयुध निर्माणी खमरिया के अलावा व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर, गन कैरिज फैक्ट्री जबलपुर के साथ-साथ जीआईएफ, सीओडी डिपो और 506 वर्कशाॅप भी हैं जो कि सेना का अभिन्न अंग है। कर्मचारी नेता अरनब दास गुप्ता ने कहा
अचानक जारी हुए आदेश में कर्मचारियों की छुट्टी रद्द कर दी गई है। इतिहास में पहली बार किया गया है। फैक्ट्री में उत्पादन ज्यादा करना है, इस वजह से यह निर्णय लिया है।