जोमैटो का मुनाफा चौथी तिमाही में 78% कम हुआ: ₹175 करोड़ से ₹39 करोड़ हुआ, कमाई 63% बढ़कर ₹6,201 करोड़; एक साल में 20% चढ़ा शेयर h3>
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मुंबई1 घंटे पहले
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दीपिंदर ने 2008 में बनाई थी फूडीबे, फिर नाम बदल कर जोमैटो किया, अब इसका नाम इटर्नल है।
ऑनलाइन फूड डिलिवरी कंपनी जोमैटो ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही (Q4FY25) में 6,201 करोड़ रुपए की कुल कमाई की है। यह पिछले साल के मुकाबले 63% ज्यादा है। पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी ने 3,797 करोड़ रुपए की कमाई की थी।
कुल कमाई में से कर्मचारियों की सैलरी और टैक्स जैसे खर्चे निकाल दें तो कंपनी के पास 39 करोड़ रुपए शुद्ध मुनाफे (कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट) के रूप में बचे। सालाना आधार (2024 के जनवरी-मार्च) पर यह 77.71% कम हुआ है। वहीं, पिछली तिमाही यानी अक्टूबर-दिसंबर के मुकाबले यह 33.90% घटा है।
रेवेन्यू 64% बढ़कर ₹5,833 करोड़
चौथी तिमाही (Q4FY25) में जोमैटो ने संचालन (प्रोडक्ट-सर्विस बेचकर) 5,833 करोड़ रुपए का राजस्व यानी रेवेन्यू जनरेट किया। पिछले साल के जनवरी-मार्च के मुकाबले यह 63.76% बढ़ा है। जनवरी-मार्च 2024 में कंपनी ने 3,562 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था।
6 महीने में 5% गिरा जोमैटो का शेयर
जोमैटो ने आज यानी 1 मई को चौथी तिमाही के नतीजे जारी किए हैं। आज शेयर बाजार बंद है। इससे पहले कल यानी 30 अप्रैल को कंपनी का शेयर फ्लैट 231 रुपए पर बंद हुआ था।
एक हफ्ते में यह 2.38% और 6 महीने में 4.86% गिरा है। बीते एक महीने में जोमैटो ने 14.70% और एक साल में 20.10% का रिटर्न दिया है। कंपनी का मार्केट कैप 2.11 लाख करोड़ रुपए है।
कंसॉलिडेटेड मुनाफा मतलब पूरे ग्रुप का प्रदर्शन
कंपनियों के रिजल्ट दो भाग में आते हैं- स्टैंडअलोन और कंसॉलिडेटेड। स्टैंडअलोन में केवल एक यूनिट का वित्तीय प्रदर्शन दिखाया जाता है, जबकि कंसॉलिडेटेड या समेकित फाइनेंशियल रिपोर्ट में पूरी कंपनी की रिपोर्ट दी जाती है।
यहां, जोमैटो की ब्लिंकिट समेत 28 सब्सिडियरी, 1 ट्रस्ट और 1 एसोसिएट कंपनी हैं। इन सभी के फाइनेंशियल रिपोर्ट को मिलाकर कंसॉलिडेटेड कहा जाएगा। वहीं, अगर ब्लिंकिट के अलग रिजल्ट को स्टैंडअलोन कहा जाएगा।
मार्केट के उम्मीद के मुताबिक रेवेन्यू लेकिन मुनाफा खराब
मार्केट एनालिस्ट को उम्मीद थी कि चौथी तिमाही में कंपनी का मुनाफा पिछले साल के 175.30 करोड़ रुपए से गिरकर 70 करोड़ रुपए रह सकती है। लेकिन यह 39 करोड़ रुपए ही रहा।
यानी कंपनी का मुनाफा मार्केट के उम्मीद से काफी नीचे रहा है। वहीं, जोमैटो का रेवेन्यू 5,721 करोड़ रुपए रहने का अनुमान था। जो 5833 करोड़ रुपए रही। यानी यह मार्केट के उम्मीद के मुताबिक रहा।
जोमैटो ने 15 मिनट में डिलीवरी सर्विस बंद की
जोमैटो (इटर्नल) ने 15 मिनट में क्विक डिलीवरी सर्विस को बंद कर दिया है। यह फीचर चार महीने पहले ही लॉन्च किया गया था। इसे बेंगलुरु, गुरुग्राम, हैदराबाद, मुंबई जैसी मेट्रो सिटी में हैवी एडवर्टाइजमेंट के साथ पेश किया गया था। जोमैटो क्विक, यूजर्स को 2 किलोमीटर के दायरे में 15 मिनट के अंदर रेडी-टू-ईट फूड ऑप्शन देता था।
दीपिंदर ने 2008 में बनाई थी फूडीबे
- दीपिंदर गोयल और पंकज चड्ढा ने मिलकर साल 2008 में फूडीबे नाम से अपनी फूड डायरेक्टरी वेबसाइट लॉन्च की थी। केवल नौ महीनों में, FoodieBay दिल्ली एनसीआर में सबसे बड़ी रेस्टोरेंट डायरेक्टरी बन गई।
- दो साल के बाद 2010 में, कंपनी का नाम बदलकर जोमैटो कर दिया गया। दिल्ली-एनसीआर में अपनी सफलता के तुरंत बाद कंपनी ने पुणे, अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद जैसे शहरों में ब्रांच फैलानी शुरू कर दी।
- 2012 तक जोमैटो ने श्रीलंका, यूएई, कतर, दक्षिण अफ्रीका, यूके और फिलीपींस में अपनी सर्विसेज बढ़ाकर विदेशों में विस्तार करना शुरू कर दिया था। 2013 में न्यूजीलैंड, तुर्की और ब्राजील को इस लिस्ट में जोड़ा गया।
- जोमैटो देश का पहला फूड-टेक यूनिकॉर्न है। 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा वैल्यू वाले स्टार्टअप को यूनिकॉर्न कहा जाता है। जोमैटो ने पहली बार फाइनेंशियल ईयर 2024 की पहली तिमाही में 2 करोड़ रुपए का मुनाफा दर्ज किया था।
- जोमैटो एक टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म है जो ग्राहकों, रेस्टोरेंट पार्टनर्स और डिलीवरी पार्टनर्स को जोड़ता है। फूड डिलीवरी के अलावा ग्रॉसरी डिलीवरी के लिए जोमैटो के फाउंडर दीपिंदर गोयल ने अगस्त 2022 में ब्लिंकिट खरीदा था।
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दीपिंदर ने 2008 में बनाई थी फूडीबे, फिर नाम बदल कर जोमैटो किया, अब इसका नाम इटर्नल है।
ऑनलाइन फूड डिलिवरी कंपनी जोमैटो ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही (Q4FY25) में 6,201 करोड़ रुपए की कुल कमाई की है। यह पिछले साल के मुकाबले 63% ज्यादा है। पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी ने 3,797 करोड़ रुपए की कमाई की थी।
कुल कमाई में से कर्मचारियों की सैलरी और टैक्स जैसे खर्चे निकाल दें तो कंपनी के पास 39 करोड़ रुपए शुद्ध मुनाफे (कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट) के रूप में बचे। सालाना आधार (2024 के जनवरी-मार्च) पर यह 77.71% कम हुआ है। वहीं, पिछली तिमाही यानी अक्टूबर-दिसंबर के मुकाबले यह 33.90% घटा है।
रेवेन्यू 64% बढ़कर ₹5,833 करोड़
चौथी तिमाही (Q4FY25) में जोमैटो ने संचालन (प्रोडक्ट-सर्विस बेचकर) 5,833 करोड़ रुपए का राजस्व यानी रेवेन्यू जनरेट किया। पिछले साल के जनवरी-मार्च के मुकाबले यह 63.76% बढ़ा है। जनवरी-मार्च 2024 में कंपनी ने 3,562 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था।
6 महीने में 5% गिरा जोमैटो का शेयर
जोमैटो ने आज यानी 1 मई को चौथी तिमाही के नतीजे जारी किए हैं। आज शेयर बाजार बंद है। इससे पहले कल यानी 30 अप्रैल को कंपनी का शेयर फ्लैट 231 रुपए पर बंद हुआ था।
एक हफ्ते में यह 2.38% और 6 महीने में 4.86% गिरा है। बीते एक महीने में जोमैटो ने 14.70% और एक साल में 20.10% का रिटर्न दिया है। कंपनी का मार्केट कैप 2.11 लाख करोड़ रुपए है।
कंसॉलिडेटेड मुनाफा मतलब पूरे ग्रुप का प्रदर्शन
कंपनियों के रिजल्ट दो भाग में आते हैं- स्टैंडअलोन और कंसॉलिडेटेड। स्टैंडअलोन में केवल एक यूनिट का वित्तीय प्रदर्शन दिखाया जाता है, जबकि कंसॉलिडेटेड या समेकित फाइनेंशियल रिपोर्ट में पूरी कंपनी की रिपोर्ट दी जाती है।
यहां, जोमैटो की ब्लिंकिट समेत 28 सब्सिडियरी, 1 ट्रस्ट और 1 एसोसिएट कंपनी हैं। इन सभी के फाइनेंशियल रिपोर्ट को मिलाकर कंसॉलिडेटेड कहा जाएगा। वहीं, अगर ब्लिंकिट के अलग रिजल्ट को स्टैंडअलोन कहा जाएगा।
मार्केट के उम्मीद के मुताबिक रेवेन्यू लेकिन मुनाफा खराब
मार्केट एनालिस्ट को उम्मीद थी कि चौथी तिमाही में कंपनी का मुनाफा पिछले साल के 175.30 करोड़ रुपए से गिरकर 70 करोड़ रुपए रह सकती है। लेकिन यह 39 करोड़ रुपए ही रहा।
यानी कंपनी का मुनाफा मार्केट के उम्मीद से काफी नीचे रहा है। वहीं, जोमैटो का रेवेन्यू 5,721 करोड़ रुपए रहने का अनुमान था। जो 5833 करोड़ रुपए रही। यानी यह मार्केट के उम्मीद के मुताबिक रहा।
जोमैटो ने 15 मिनट में डिलीवरी सर्विस बंद की
जोमैटो (इटर्नल) ने 15 मिनट में क्विक डिलीवरी सर्विस को बंद कर दिया है। यह फीचर चार महीने पहले ही लॉन्च किया गया था। इसे बेंगलुरु, गुरुग्राम, हैदराबाद, मुंबई जैसी मेट्रो सिटी में हैवी एडवर्टाइजमेंट के साथ पेश किया गया था। जोमैटो क्विक, यूजर्स को 2 किलोमीटर के दायरे में 15 मिनट के अंदर रेडी-टू-ईट फूड ऑप्शन देता था।
दीपिंदर ने 2008 में बनाई थी फूडीबे
- दीपिंदर गोयल और पंकज चड्ढा ने मिलकर साल 2008 में फूडीबे नाम से अपनी फूड डायरेक्टरी वेबसाइट लॉन्च की थी। केवल नौ महीनों में, FoodieBay दिल्ली एनसीआर में सबसे बड़ी रेस्टोरेंट डायरेक्टरी बन गई।
- दो साल के बाद 2010 में, कंपनी का नाम बदलकर जोमैटो कर दिया गया। दिल्ली-एनसीआर में अपनी सफलता के तुरंत बाद कंपनी ने पुणे, अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद जैसे शहरों में ब्रांच फैलानी शुरू कर दी।
- 2012 तक जोमैटो ने श्रीलंका, यूएई, कतर, दक्षिण अफ्रीका, यूके और फिलीपींस में अपनी सर्विसेज बढ़ाकर विदेशों में विस्तार करना शुरू कर दिया था। 2013 में न्यूजीलैंड, तुर्की और ब्राजील को इस लिस्ट में जोड़ा गया।
- जोमैटो देश का पहला फूड-टेक यूनिकॉर्न है। 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा वैल्यू वाले स्टार्टअप को यूनिकॉर्न कहा जाता है। जोमैटो ने पहली बार फाइनेंशियल ईयर 2024 की पहली तिमाही में 2 करोड़ रुपए का मुनाफा दर्ज किया था।
- जोमैटो एक टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म है जो ग्राहकों, रेस्टोरेंट पार्टनर्स और डिलीवरी पार्टनर्स को जोड़ता है। फूड डिलीवरी के अलावा ग्रॉसरी डिलीवरी के लिए जोमैटो के फाउंडर दीपिंदर गोयल ने अगस्त 2022 में ब्लिंकिट खरीदा था।
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