बिना सूचना कटौती से उद्योगों को भारी नुकसान हो रहा, रोजाना 3-4 बार कटौती, कारोबारी परेशान – Ludhiana News h3>
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तेज गर्मी के बीच औद्योगिक क्षेत्रों को बिजली संकट ने जकड़ लिया है। फोकल पॉइंट, होजरी रोड, बहादुर के रोड और हैबोवाल समेत कई इलाकों में दिन में 3 से 4 बार बिना किसी पूर्व सूचना के बिजली कटौती हो रही है। इसका असर सीधे तौर पर औद्योगिक उत्पादन पर पड़ रहा है और श्रमिकों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
उद्योगपतियों का कहना है कि अचानक बिजली चले जाने से मशीनें बंद हो जाती हैं, जिन्हें दोबारा चालू करने में आधा घंटा तक लगता है। इससे प्रति घंटे लाखों रुपये का उत्पादन रुक रहा है। वहीं, बिजली विभाग की ओर से कटौती का न तो समय बताया जाता है और न ही सप्लाई बहाल होने की कोई जानकारी मिलती है।
फोकल पॉइंट फेस-4 के उद्योगपति पुनीत गुप्ता ने बताया कि हर दिन औसतन 3 से 4 बार बिजली कट रही है। अगर पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) पहले से शेड्यूल जारी करे, तो श्रमिकों को उसी अनुसार काम पर बुलाया जा सकता है। लेकिन जब अचानक बिजली कटती है, तो उत्पादन प्रभावित होता है और कर्मचारियों को भी परेशानी उठानी पड़ती है।
गर्मी बढ़ते ही पंजाब में बिजली की मांग 10885 मेगावाट तक पहुंच गई है, जो पिछले साल के मुकाबले 1486 मेगावाट अधिक है। ऐसे में पॉवरकॉम द्वारा ट्रांसफार्मर और बिजली लाइनों को अपग्रेड करने के दावे तो किए जा रहे हैं, लेकिन ज़मीनी हालात यह बता रहे हैं कि अगर डिमांड और बढ़ी, तो अघोषित पॉवरकट से राहत नहीं मिल पाएगी।
सूत्रों के मुताबिक, पॉवरकॉम की ओर से नए ट्रांसफार्मर तो लगा दिए गए हैं, लेकिन कई जगहों पर अभी भी पुरानी तारें ही उपयोग में हैं, जो मौजूदा लोड नहीं झेल पा रही हैं। बलोके ग्रिड की बात करें तो यहां से करीब 26 फीडर संचालित होते हैं और मौजूदा समय में यहां 800 मेगावाट तक लोड पहुंच गया है। यदि यह 1000 मेगावाट के पार जाता है, तो पॉवरकट शुरू किए जा सकते हैं। वहीं, पॉवरकॉम के पास पर्याप्त स्टाफ की भी कमी है। एक जेई ने अपने अधिकारी को लिखित में बताया है कि ट्रांसफारमर तो बड़े लगा दिए गए हैं लेकिन पुरानी तारें ही बड़ी समस्या हैं, जिनकी मरम्मत के लिए कई इलाकों में एक-एक दिन बिजली बंद करनी पड़ सकती है।
पॉवरकॉम की कोशिश है कि गर्मी में लोगों को बिना बाधा बिजली मिलती रहे, लेकिन जो तैयारी पहले की जानी चाहिए थी, वह अब गर्मी शुरू होने के बाद की जा रही है। नए ट्रांसफार्मर और बिजली लाइनों के काम कई जगहों पर अभी अधूरे हैं। वहीं, बढ़ते घरेलू व औद्योगिक कनेक्शनों की वजह से डिमांड लगातार बढ़ रही है। पॉवरकॉम के अधिकारी मानते हैं कि यदि तापमान और बढ़ा तो मांग और बढ़ेगी, जिससे सप्लाई में खलल आ सकता है। सबसे बड़ा खतरा केबल और तारों पर अधिक लोड के कारण उनके जलने का बना हुआ है, जिससे तकनीकी खराबी के चलते पॉवरकट तय माने जा रहे हैं।
फोकल पॉइंट के ही उद्योगपति राजन गुप्ता ने कहा कि बिना सूचना बिजली कटौती से मशीनों को बार-बार बंद और चालू करना पड़ रहा है, जिससे न केवल उत्पादन बाधित हो रहा है बल्कि मशीनों के खराब होने का खतरा भी बढ़ गया है।
बहादुर के रोड के कारोबारी भूपिंदर सिंह ने कहा कि जब बिजली कटती है, तो विभाग की तरफ से कोई जानकारी नहीं दी जाती, लेकिन नुकसान कारोबारियों को भुगतना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इस समय गर्मी अपने चरम पर है, ऐसे में लगातार और स्थिर बिजली सप्लाई जरूरी है। हैबोवाल के कारोबारी जसविंदर सिंह ने बताया कि उनके क्षेत्र में भी बार-बार बिजली गायब हो रही है। जब बिजली जाती है तो किसी को नहीं पता होता कि कब वापस आएगी। इससे उनकी होजरी यूनिट को रोजाना नुकसान हो रहा है।
उन्होंने कहा कि जब तक विभाग पुराने ट्रांसफार्मर और जर्जर सिस्टम को बदलकर मजबूत सप्लाई लाइन नहीं देता, तब तक यही हाल बना रहेगा। कारोबारियों ने पीएसपीसीएल से मांग की है कि बिजली कट लगाने से पहले सूचना दी जाए और नियमित सप्लाई सुनिश्चित की जाए, ताकि औद्योगिक उत्पादन और लेबर की उत्पादकता प्रभावित न हो।
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तेज गर्मी के बीच औद्योगिक क्षेत्रों को बिजली संकट ने जकड़ लिया है। फोकल पॉइंट, होजरी रोड, बहादुर के रोड और हैबोवाल समेत कई इलाकों में दिन में 3 से 4 बार बिना किसी पूर्व सूचना के बिजली कटौती हो रही है। इसका असर सीधे तौर पर औद्योगिक उत्पादन पर पड़ रहा है और श्रमिकों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
उद्योगपतियों का कहना है कि अचानक बिजली चले जाने से मशीनें बंद हो जाती हैं, जिन्हें दोबारा चालू करने में आधा घंटा तक लगता है। इससे प्रति घंटे लाखों रुपये का उत्पादन रुक रहा है। वहीं, बिजली विभाग की ओर से कटौती का न तो समय बताया जाता है और न ही सप्लाई बहाल होने की कोई जानकारी मिलती है।
फोकल पॉइंट फेस-4 के उद्योगपति पुनीत गुप्ता ने बताया कि हर दिन औसतन 3 से 4 बार बिजली कट रही है। अगर पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) पहले से शेड्यूल जारी करे, तो श्रमिकों को उसी अनुसार काम पर बुलाया जा सकता है। लेकिन जब अचानक बिजली कटती है, तो उत्पादन प्रभावित होता है और कर्मचारियों को भी परेशानी उठानी पड़ती है।
गर्मी बढ़ते ही पंजाब में बिजली की मांग 10885 मेगावाट तक पहुंच गई है, जो पिछले साल के मुकाबले 1486 मेगावाट अधिक है। ऐसे में पॉवरकॉम द्वारा ट्रांसफार्मर और बिजली लाइनों को अपग्रेड करने के दावे तो किए जा रहे हैं, लेकिन ज़मीनी हालात यह बता रहे हैं कि अगर डिमांड और बढ़ी, तो अघोषित पॉवरकट से राहत नहीं मिल पाएगी।
सूत्रों के मुताबिक, पॉवरकॉम की ओर से नए ट्रांसफार्मर तो लगा दिए गए हैं, लेकिन कई जगहों पर अभी भी पुरानी तारें ही उपयोग में हैं, जो मौजूदा लोड नहीं झेल पा रही हैं। बलोके ग्रिड की बात करें तो यहां से करीब 26 फीडर संचालित होते हैं और मौजूदा समय में यहां 800 मेगावाट तक लोड पहुंच गया है। यदि यह 1000 मेगावाट के पार जाता है, तो पॉवरकट शुरू किए जा सकते हैं। वहीं, पॉवरकॉम के पास पर्याप्त स्टाफ की भी कमी है। एक जेई ने अपने अधिकारी को लिखित में बताया है कि ट्रांसफारमर तो बड़े लगा दिए गए हैं लेकिन पुरानी तारें ही बड़ी समस्या हैं, जिनकी मरम्मत के लिए कई इलाकों में एक-एक दिन बिजली बंद करनी पड़ सकती है।
पॉवरकॉम की कोशिश है कि गर्मी में लोगों को बिना बाधा बिजली मिलती रहे, लेकिन जो तैयारी पहले की जानी चाहिए थी, वह अब गर्मी शुरू होने के बाद की जा रही है। नए ट्रांसफार्मर और बिजली लाइनों के काम कई जगहों पर अभी अधूरे हैं। वहीं, बढ़ते घरेलू व औद्योगिक कनेक्शनों की वजह से डिमांड लगातार बढ़ रही है। पॉवरकॉम के अधिकारी मानते हैं कि यदि तापमान और बढ़ा तो मांग और बढ़ेगी, जिससे सप्लाई में खलल आ सकता है। सबसे बड़ा खतरा केबल और तारों पर अधिक लोड के कारण उनके जलने का बना हुआ है, जिससे तकनीकी खराबी के चलते पॉवरकट तय माने जा रहे हैं।
फोकल पॉइंट के ही उद्योगपति राजन गुप्ता ने कहा कि बिना सूचना बिजली कटौती से मशीनों को बार-बार बंद और चालू करना पड़ रहा है, जिससे न केवल उत्पादन बाधित हो रहा है बल्कि मशीनों के खराब होने का खतरा भी बढ़ गया है।
बहादुर के रोड के कारोबारी भूपिंदर सिंह ने कहा कि जब बिजली कटती है, तो विभाग की तरफ से कोई जानकारी नहीं दी जाती, लेकिन नुकसान कारोबारियों को भुगतना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इस समय गर्मी अपने चरम पर है, ऐसे में लगातार और स्थिर बिजली सप्लाई जरूरी है। हैबोवाल के कारोबारी जसविंदर सिंह ने बताया कि उनके क्षेत्र में भी बार-बार बिजली गायब हो रही है। जब बिजली जाती है तो किसी को नहीं पता होता कि कब वापस आएगी। इससे उनकी होजरी यूनिट को रोजाना नुकसान हो रहा है।
उन्होंने कहा कि जब तक विभाग पुराने ट्रांसफार्मर और जर्जर सिस्टम को बदलकर मजबूत सप्लाई लाइन नहीं देता, तब तक यही हाल बना रहेगा। कारोबारियों ने पीएसपीसीएल से मांग की है कि बिजली कट लगाने से पहले सूचना दी जाए और नियमित सप्लाई सुनिश्चित की जाए, ताकि औद्योगिक उत्पादन और लेबर की उत्पादकता प्रभावित न हो।