सीताफल एक्सीलेंस सेंटर में बदलाव: राजाराम सुखवाल हुए रिटायर, शंकरलाल जाट को मिला अतिरिक्त कार्यभार – Chittorgarh News h3>
उप निदेशक शंकर लाल जाट जी ने सीताफल एक्सीलेंस सेंटर का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है (लेफ्ट), उपनिदेशक राजा राम सुखवाल जो सीताफल एक्सीलेंस सेंटर पर कार्यरत और बुधवार को ही रिटायर्ड हुए (राइट)।
चित्तौड़गढ़ के सीताफल एक्सीलेंस सेंटर में लंबे समय से सेवा दे रहे अधिकारी राजाराम सुखवाल अब रिटायर हो गए हैं। वे केन्द्र में उप निदेशक के पद पर कार्यरत थे। बुधवार दोपहर को उन्हें राजकीय सेवा से विदाई दी गई। उनके रिटायर होने के बाद अब उद्यान विभाग ने
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वित्तीय अधिकार भी किए गए हस्तांतरित
सरकार चाहती है कि किसी भी तरह से केन्द्र का कामकाज प्रभावित न हो। इसलिए बिना देरी किए शंकरलाल जाट को यह नया जिम्मा सौंपा गया है। सरकार की ओर से जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि शंकरलाल जाट को सीताफल उत्कृष्टता केन्द्र से जुड़े वित्तीय अधिकार भी दिए जा रहे हैं। यानी अब केन्द्र के खर्च, भुगतान, बिल पास करने जैसे सभी काम वही देखेंगे। यह अधिकार उन्हें GF & AR नियमों के तहत दिए गए हैं।
यह आदेश कृषि विभाग के गुप्त शाखा-1 के शासन उप सचिव द्वारा जारी किया गया है, जिस पर उद्यान आयुक्त सुरेश कुमार ओला ने हस्ताक्षर किए हैं।
क्या है सीताफल उत्कृष्टता केन्द्र?
सीताफल उत्कृष्टता केन्द्र, चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित एक विशेष केन्द्र है। इसका मकसद किसानों को सीताफल की खेती के बारे में जागरूक करना, उन्हें आधुनिक तकनीकों से प्रशिक्षित करना और अच्छी गुणवत्ता के पौधे देना है। यह केन्द्र किसानों को वैज्ञानिक तरीके से खेती करने की सलाह देता है, जिससे उनकी फसल की पैदावार और आमदनी दोनों बढ़ सके।
यह केन्द्र राजस्थान सरकार की उन योजनाओं का हिस्सा है जो किसानों की मदद के लिए शुरू की गई हैं। यहां समय-समय पर प्रशिक्षण शिविर, फील्ड विजिट, प्रदर्शन परियोजनाएं और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
राजाराम सुखवाल को दी गई शुभकामनाएं
राजकीय सेवा से विदाई लेने पर विभाग की ओर से राजाराम सुखवाल को सम्मान और शुभकामनाएं दी गई हैं। उनके साथियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने उनके कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने किसानों के हित में पूरी लगन से काम किया। राजाराम सुखवाल ने अपने सेवाकाल में किसानों के लिए कई उपयोगी काम किए। सीताफल की खेती को बढ़ावा देने, किसानों को नई तकनीक सिखाने और उन्नत किस्म के पौधे उपलब्ध कराने में उनका योगदान उल्लेखनीय रहा है।
शंकरलाल जाट पर अब दोहरी जिम्मेदारी
अब शंकरलाल जाट पर दोहरी जिम्मेदारी आ गई है। उन्हें चित्तौड़गढ़ जिले में उद्यान विभाग का काम भी देखना है और साथ ही सीताफल केन्द्र का भी। ऐसे में उनकी भूमिका और भी जरूरी हो गई है।