एमपी के 8 अस्पतालों की आयुष्मान से संबद्धता रद्द: ICU में रखकर बिल बढ़ाने और पंजीकृत डॉक्टरों की अनुपलब्धता पर हुई कार्रवाई – Bhopal News h3>
मध्यप्रदेश के 8 निजी अस्पतालों की आयुष्मान भारत योजना से संबद्धता समाप्त कर दी गई है। इनमें भोपाल के 6 और ग्वालियर व सीहोर का एक-एक अस्पताल शामिल हैं। इन अस्पतालों में मरीजों से अनावश्यक रूप से आईसीयू में भर्ती रखकर बिल बढ़ाना, पंजीकृत डॉक्टरों की अन
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जांच में पाया कि कुछ अस्पताल मरीजों से इलाज के नाम पर अतिरिक्त पैसे वसूल रहे थे, जबकि आयुष्मान योजना के तहत इलाज पूरी तरह फ्री है। इसके अलावा कुछ अस्पतालों में चिकित्सकीय स्टाफ मौजूद नहीं था या रजिस्ट्रेशन समाप्त हो चुका था, फिर भी इलाज जारी था।
19 टीम प्रदेशभर में कर रही निरीक्षण 22 अप्रैल से शुरू हुए अचानक निरीक्षण में आयुष्मान भारत की 19 टीमों ने पूरे प्रदेश में फिजिकल वेरिफिकेशन शुरू किया। यह निरीक्षण अब मोबाइल ऐप की मदद से हो रहा है, जिसमें अस्पतालों की तस्वीरें और वीडियो अपलोड किए जा रहे हैं और 12 मानकों पर जांच की जा रही है।
प्रमुख रूप से इन मानकों की हो रही जांच
- विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता: संबंधित स्ट्रीम (जैसे एमडी मेडिसिन, गायनिक) में डॉक्टर कार्यरत हैं या नहीं।
- बोर्ड का प्रदर्शन: अस्पताल ने जिस विषय में इंपैनलमेंट कराया है, उसका बोर्ड अस्पताल के बाहर लगा है या नहीं।
- स्वच्छता और हाइजीन: वार्ड, बेड, ऑपरेशन थिएटर व आईसीयू की सफाई।
- डॉक्यूमेंटेशन और सहमति: मरीज की लिखित सहमति और इलाज से जुड़े दस्तावेज पूरे हैं या नहीं।
- शिकायत निवारण व्यवस्था: अस्पताल में शिकायत दर्ज करने और सुलझाने की प्रणाली कार्यशील है या नहीं।
संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो होंगे ब्लैकलिस्ट जिन अस्पतालों की मान्यता रद्द की गई है, उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यदि संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो ब्लैकलिस्ट किया जाएगा और जुर्माना भी लगाया जाएगा। नई SOP के तहत अब हर अस्पताल को विशेषज्ञ डॉक्टर, स्वच्छता, उपकरणों की उपलब्धता और मरीज की सहमति जैसे सभी पहलुओं पर खरा उतरना होगा।
ऑनलाइन ऐप के माध्यम से फिजिकल वैरिफिकेशन पहली बार, आयुष्मान योजना के तहत अस्पतालों का फिजिकल वेरिफिकेशन एक ऑनलाइन ऐप के माध्यम से किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में निरीक्षण टीमों को 12 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर फोटो और वीडियो सबूत एकत्र करने के निर्देश दिए गए हैं।
अस्पतालों को सख्त चेतावनी आयुष्मान योजना मप्र के सीईओ डॉ. योगेश भरसट के अनुसार, मप्र के नागरिकों को आयुष्मान योजना के तहत गुणवत्ता युक्त इलाज मिले। इसके लिए अब गुणवत्ता के मापदंडों पर सख्ती की जा रही है।