पाकिस्तान ने बेतुके बहाने बनाकर भारतीय फिल्मों पर रोक लगाई: मुस्लिम जोया का हिंदू से प्यार, तिरंगा और पैड शब्द के कारण पाकिस्तान ने बैन की फिल्में

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पाकिस्तान ने बेतुके बहाने बनाकर भारतीय फिल्मों पर रोक लगाई:  मुस्लिम जोया का हिंदू से प्यार, तिरंगा और पैड शब्द के कारण पाकिस्तान ने बैन की फिल्में


पाकिस्तान ने बेतुके बहाने बनाकर भारतीय फिल्मों पर रोक लगाई: मुस्लिम जोया का हिंदू से प्यार, तिरंगा और पैड शब्द के कारण पाकिस्तान ने बैन की फिल्में

14 घंटे पहले

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पाकिस्तान में साल 2019 से सभी भारतीय फिल्में बैन कर दी गई हैं।

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को लेकर सख्त रुख अपनाया है। पाकिस्तानी एक्टर फवाद खान बॉलीवुड कमबैक करने वाले थे, लेकिन अब सभी पाकिस्तानी कलाकारों को भारत में पूरी तरह बैन कर दिया गया है।

ये बड़ा फैसला तो आतंकी हमले के बाद हुआ, लेकिन इससे पहले भी हमारा पड़ोसी मुल्क कई बार अटपटी वजहों से भारत की फिल्मों को अपने देश में रिलीज होने से रोक चुका है। इन फिल्मों में रांझणा, फैंटम, जॉली एलएलबी 2, पैडमैन और रेस 3 जैसी 36 फिल्में शामिल हैं।

कई बैन हुई फिल्में ऐसी भी हैं, जिनमें पाकिस्तानियों को हारता दिखाए जाने पर पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड को आपत्ति थी। वहीं कुछ हिंदू-मुस्लिम लव स्टोरी, पैड जैसे शब्द के इस्तेमाल, तो कभी राष्ट्रगान या तिरंगा दिखाने पर बैन कर दी गईं।

हास्यास्पद बात तो ये है कि पाकिस्तान में रईस, तेरे बिन लादेन और ऐ दिल है मुश्किल जैसी फिल्मों पर भी रोक लगाई गई थी, जबकि इन फिल्मों में पाकिस्तानी कलाकार ही लीड रोल में थे।

एक नजर उन भारतीय फिल्मों पर जिन्हें पाकिस्तान में किसी न किसी बहाने से बैन कर दिया गया-

नोट- फरवरी 2019 में हुए पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान में भारत की फिल्मों पर पूर्णतः बैन लग चुका है।

अटपटे कारणों से पाकिस्तान में बैन हुईं फिल्में

रांझणा (2013)- हिंदु-मुस्लिम लव स्टोरी पर एतराज

धनुष और सोनम कपूर स्टारर फिल्म रांझणा को पाकिस्तान में बैन कर दिया गया था। वजह सिर्फ इतनी थी कि फिल्म में जोया नाम की मुस्लिम लड़की का हिंदू लड़के से अफेयर दिखाया गया है। इस फिल्म को पहले पाकिस्तान में रिलीज किया जाने वाला था, हालांकि चंद दिनों पहले ही पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड ने डिस्ट्रीब्यूटर को लेटर लिखकर कहा कि हिंदू-मुस्लिम लव स्टोरी के चलते इससे युवाओं में गलत मैसेज जाएगा।

फिल्म 21 जून 2013 को भारत में रिलीज हुई थी।

दंगल (2017)- तिरंगे और राष्ट्रगान से आपत्ति

आमिर खान की फिल्म दंगल को पाकिस्तान में इसलिए बैन कर दिया गया, क्योंकि फिल्म में इंडियन नेशनल फ्लैग और राष्ट्रगान दिखाया गया था। पाकिस्तान सेंसर बोर्ड ने तिरंगे और राष्ट्रगान के सीन हटाने की मांग की थी, हालांकि आमिर खान ने इससे साफ इनकार कर दिया था।

दंगल भारत की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म है।

पैडमैन (2018)- टाइटल में पैड शब्द से दिक्कत

अक्षय कुमार और सोनम कपूर स्टारर फिल्म को पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड ने टाइटल में महज पैड शब्द के इस्तेमाल के चलते बैन कर दिया। सेंसर बोर्ड ने तर्क दिया कि वो पाकिस्तान में ऐसे किसी सब्जेक्ट, स्टोरी को नहीं दिखा सकते, जिसे समाज ने स्वीकार्य नहीं किया है। उन्होंने डिस्ट्रीब्यूटर्स को फिल्म के राइट्स खरीदने से इनकार कर दिया और कहा कि ऐसा करके वो इस्लामिक ट्रेडिशन, इतिहास और कल्चर को बर्बाद कर रहे हैं।

फिल्म पैडमैन सस्ते सैनिटरी पैड बनाने वाले अरुणाचलम मुरुगानंथम की जिंदगी पर आधारित है।

लाहौर (2010)- पाकिस्तानी प्लेयर को हारता देखना मंजूर नहीं

किकबॉक्सिंग पर बनी इस फिल्म को सिर्फ इसलिए बैन कर दिया गया था, क्योंकि इसमें इंडियन प्लेयर को पाकिस्तानी प्लेयर को हराते दिखाया गया था। पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड का तर्क था कि फिल्म में पाकिस्तानियों को नेगेटिव रोल में दिखाया गया था।

2010 में रिलीज हुई फिल्म लाहौर ने 2 नेशनल अवॉर्ड जीते थे।

परी (2018)- काले जादू को बढ़ावा देने का आरोप

अनुष्का शर्मा स्टारर सुपर नेचुरल हॉरर फिल्म परी भी पाकिस्तान में बैन है। सेंसर बोर्ड का कहना था कि फिल्म काले जादू को प्रमोट करती है, जो इस्लामिक वैल्यूज के खिलाफ है। इससे इस्लामिक सेंटिमेंट हर्ट हो सकते हैं। जबकि साल 2013 में पाकिस्तान में सियाह नाम की फिल्म रिलीज हुई थी, जिसमें जादू, टोने और भूत-प्रेत का कॉन्सेप्ट दिखाया गया था।

फिल्म 2 मार्च 2018 को भारत में रिलीज हुई थी।

रेस 3 (2018)- पाकिस्तानी फिल्में फ्लॉप होने का डर

सलमान खान की फिल्म रेस 3 साल 2018 में ईद के मौके पर रिलीज की जाने वाली थी। हालांकि पाकिस्तान में इसे सिर्फ इसलिए बैन कर दिया गया, जिससे ईद के मौके पर पाकिस्तानी फिल्में फ्लॉप न हो जाएं। सेंसर बोर्ड को डर था कि सलमान की फिल्म के आगे पाकिस्तानी फिल्में फ्लॉप हो जाएंगी।

रेस 3 में सलमान खान, अनिल कपूर, बॉबी देओल जैसे कई कलाकार थे।

ट्यूबलाइट (2017)- इसके आगे फ्लॉप हो सकती थीं पाकिस्तानी फिल्में

सलमान की ट्यूबलाइट को भी पाकिस्तान में इसलिए रिलीज नहीं किया गया, जिससे इसके साथ रिलीज होने वाली पाकिस्तानी फिल्में फ्लॉप न हो जाएं।

फिल्म ट्यूबलाइट ने 211 करोड़ रुपए का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन किया था।

ढिशूम (2017)- इंडियन प्लेयर को भारत-पाकिस्तानी मैच से पहले किडनैप होते दिखाया

जॉन अब्राहम और वरुण धवन स्टारर इस फिल्म में इंडिया-पाकिस्तान क्रिकेट मैच से ठीक पहले इंडियन क्रिकेटर की किडनैपिंग दिखाई गई थी। पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड ने इसे पाकिस्तानियों के खिलाफ मानते हुए बैन कर दिया था।

फिल्म में साकिब सलीम ने इंडियन क्रिकेटर विराज की भूमिका निभाई थी।

पाकिस्तानी कलाकारों की बॉलीवुड फिल्मों पर भी लगा पाकिस्तान में बैन

तेरे बिन लादेन (2010)- पाकिस्तानी एक्टर और सिंगर अली जफर स्टारर बॉलीवुड फिल्म तेरे बिन लादेन पाकिस्तान में बैन कर दी गई थी। दरअसल, पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड को फिल्म के टाइटल तेरे बिन लादेन से आपत्ति थी। उनका कहना था कि इस्लामिक एक्स्ट्रीमिस्ट ओसामा बिन लादेन के नाम का इस्तेमाल करना बेहद संवेदनशील है। लोगों में भ्रम फैल सकता है कि फिल्म लादेन पर बनी है।

लंबे विवाद के बाद फिल्म का टाइटल तेरे बिन कर पाकिस्तान में रिलीज किया गया।

रईस (2017)- पाकिस्तानी एक्ट्रेस माहिरा खान ने शाहरुख खान की फिल्म रईस से बॉलीवुड डेब्यू किया था। हालांकि फिल्म को पाकिस्तान में बैन कर दिया गया था। सेंसर बोर्ड का मानना था कि फिल्म में आपत्तिजनक कंटेंट है और साथ ही कई मुस्लिमों को फिल्म में क्रिमिनल, टेररिस्ट और वांटेड दिखाया गया है। ये फिल्म उरी अटैक के बाद भारत में भी विवादों में थी।

फिल्म में शाहरुख खान ने शराब तस्कर रईस आलम का किरदार निभाया था।

ऐ दिल है मुश्किल (2015)- रणबीर कपूर, अनुष्का शर्मा और पाकिस्तानी एक्टर फवाद खान स्टारर फिल्म ऐ दिल है मुश्किल को भारत-पाक के बीच चल रहे बॉर्डर कॉन्फ्लिक्ट के चलते पाकिस्तान में बैन कर दिया गया था। इस समय पाकिस्तानी एक्टर फवाद खान की कास्टिंग के चलते भारत में भी इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग हुई थी।

फवाद खान की कास्टिंग होने पर भारत में भी फिल्म बैन किए जाने की मांग हुई थी।

पाकिस्तानियों की छवि गलत दिखाने पर बैन की गईं फिल्में-

फैंटम (2015)- सैफ अली खान और कटरीना कैफ स्टारर ये फिल्म 26/11 आतंकी हमले पर बनी थी, जो हुसैन जैदी की किताब मुंबई एवेंजर पर आधारित थी। 26/11 आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा ने इस पर बैन लगाने की मांग की थी। नतीजतन लाहौर हाईकोर्ट ने फिल्म पर बैन लगा दिया। लाहौर हाईकोर्ट के जस्टिस शाहिद बिलाल ने सरकार को इस फिल्म की सीडी पर भी रोक लगाने के आदेश दिए थे।

बेबी (2015)- फिल्म में विलेन को मुस्लिम दिखाने पर पाकिस्तान में इस फिल्म को बैन कर दिया गया था।

भाग मिल्खा भाग (2013)- भारतीय एथलीट मिल्खा सिंह पर बनी बायोपिक को भी पाकिस्तान में बैन किया गया था। सेंसर बोर्ड का मानना था कि फिल्म में पाकिस्तानी स्पोर्ट्स एथॉरिटी को पक्षपात करते दिखाया गया है, जिससे पाकिस्तान की छवि धूमिल हो सकती है।

फिल्म भाग मिल्खा भाग ने 2 नेशनल अवॉर्ड जीते थे।

एजेंट विनोद (2012)- सैफ अली खान और करीना कपूर स्टारर स्पाई फिल्म एजेंट विनोद को रिलीज से महज एक दिन पहले पाकिस्तान में बैन कर दिया गया। सेंसर बोर्ड का तर्क था कि फिल्म में पाकिस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसी ISI को गलत तरह से पेश किया गया है।

सैफ अली खान ने इस पर कहा था, फिल्म में हमने दिखाया है कि पाकिस्तान में भारत के प्रति कुछ नेगेटिव एलिमेंट हैं, लेकिन सेंसर बोर्ड को इससे आपत्ति है। हमने मोस्ट वांटेड अपराधियों को दिखाया है, जो पाकिस्तान की शरण में हैं और ये एक फैक्ट है।

एक था टाइगर (2012)- फिल्म में पाकिस्तानियों की छवि नेगेटिव दिखाए जाने पर इसे पाकिस्तान में बैन कर दिया गया था।

बैंगिस्तान (2015)- रितेश देशमुख और पुलकित सम्राट स्टारर ये फिल्म दो सुसाइड बॉम्बर की कहानी थी। हालांकि सुसाइड बॉम्बर दिखाने पर फिल्म को पाकिस्तान में रिलीज होने पर रोक लगा दी गई थी।

नीरजा (2016)- कराची में हाईजैक हुई इंडियन फ्लाइट की कहानी दिखाने वाली फिल्म नीरजा को पाकिस्तान में बैन कर दिया गया था। हालांकि बाद में पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड ने ये तर्क दिया कि फिल्म को बैन नहीं किया गया था। ये फिल्म कभी स्क्रीनिंग के लिए पाकिस्तान पहुंची ही नहीं।

फिल्म में सोनम कपूर ने अशोक चक्र से सम्मानित नीरजा भनोट की भूमिका निभाई थी।

नाम शबाना (2017)- तापसी पन्नू स्टारर फिल्म नाम शबाना को पाकिस्तान के खिलाफ और टेररिस्ट के कुछ सीन्स को कट कर रिलीज किया गया था। हालांकि छवि धूमिल होने के डर से इसे एक दिन बाद ही पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड ने बैन कर दिया।

टाइगर जिंदा है (2017)- सलमान खान की फिल्म टाइगर जिंदा है को पाकिस्तानी एजेंसी और कानून की छवि गलत तरीके से दिखाए जाने पर बैन कर दिया गया था।

राजी (2018)- आलिया भट्ट स्टारर स्पाई फिल्म राजी को पाकिस्तान में इसलिए बैन किया गया क्योंकि उसमें इंटेलिजेंस एजेंट को पाकिस्तान की जासूसी करते दिखाया गया था।

मुल्क (2018)- पाकिस्तान से ताल्लुक रखने पर देशद्रोह का आरोप झेलने वाले परिवार की कहानी दिखाने वाली फिल्म मुल्क को पाकिस्तान में बैन कर दिया गया था। फिल्म ही नहीं, सेंसर बोर्ड ने फिल्म के ट्रेलर पर भी पूरी तरह रोक लगा दी थी।

गोल्ड (2018)- फिल्म में 1947 में हुए भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के कुछ सीन दिखाए गए थे, जिसके चलते इसे पाकिस्तान में रिलीज होने से रोक दिया गया था।

अय्यारी (2018)- सिद्धार्थ मल्होत्रा और रकुल प्रीत सिंह स्टारर फिल्म अय्यारी को पाकिस्तानियों की छवि गलत दिखाने पर पाकिस्तान में बैन किया गया था।

परमाणु (2018)– पोकरण में हुए सफल न्यूक्लियर टेस्ट पर बनी फिल्म के एक हिस्से में पाकिस्तान के न्यूक्लियर टेस्ट का रेफरेंस दिए जाने पर फिल्म को पाकिस्तान में बैन कर दिया गया था।

पाकिस्तान में ये इंडियन फिल्में भी हैं बैन

जॉली एल एल बी 2- जम्मू कश्मीर में टेररिज्म का मुद्दा दिखाए जाने पर फिल्म को पाकिस्तान में बैन किया गया था।

वीरे दी वेडिंग (2018)- करीना कपूर, सोनम कपूर और स्वरा भास्कर स्टारर फिल्म वीरे दी वेडिंग को फिल्म में महिलाओं द्वारा इस्तेमाल की गई अभद्र भाषा के कारण पाकिस्तान में बैन किया गया था।

अंबरसरिया (2016)- फिल्म में इंडियन इंटेलिजेंस एजेंसी RAW का जिक्र होने पर फिल्म को पाकिस्तान में रिलीज नहीं होने दिया गया।

उड़ता पंजाब (2015)- फिल्म में गाली-गलौज का इस्तेमाल किए जाने पर इसे पाकिस्तान में बैन किया गया था।

कैलेंडर गर्ल (2015)- फिल्म के एक आपत्तिजनक डायलॉग के चलते इसे पाकिस्तान में रिलीज नहीं होने दिया गया था।

शिवाय (2015)- इंडिया-पाकिस्तान के बीच चल रहे बॉर्डर कॉन्फ्लिक्ट के चलते इसे पाकिस्तान में रिलीज होने से रोक दिया गया था।

हैदर (2014)- शाहिद कपूर और श्रद्धा कपूर स्टारर हैदर में कश्मीर के उग्रवाद की कहानी दिखाई गई थी। सेंसिटिव मुद्दा होने के चलते सेंसर बोर्ड ने इसे सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया था।

खिलाड़ी 786 (2012)- अक्षय कुमार की फिल्म खिलाड़ी 786 को सिर्फ टाइटल के चलते पाकिस्तान में बैन किया जा रहा था। हालांकि बाद में फिल्म के टाइटल से 786 हटा दिया गया था। जिसके बाद फिल्म खिलाड़ी टाइटल के साथ पाकिस्तान में रिलीज हुई थी।

बैन के बावजूद पाकिस्तान में इंडियन फिल्मों का क्रेज, गैरकानूनी ढंग से रिलीज कर दी थी पठान

2019 के बाद से ही सभी भारतीय फिल्मों को पाकिस्तान में रिलीज करने पर प्रतिबंध है। हालांकि इसके बावजूद बीते साल शाहरुख खान की फिल्म पठान का क्रेज ऐसा था कि इसे पाकिस्तान के कराची के एक निजी थिएटर में रिलीज कर दिया गया। जानकारी मिलते ही पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड ने स्ट्रिक्ट एक्शन लेते हुए स्क्रीनिंग रुकवाई थी।

पाकिस्तानी कलाकारों पर भारत में लगा बैन

साल 2016 में हुए उरी अटैक के बाद सभी पाकिस्तानी कलाकारों के भारत में काम करने पर बैन लगा दिया गया था। यही वजह रही कि माहिरा खान, फवाद खान जैसे कलाकारों को भारत की कई फिल्में छोड़नी पड़ी थीं। साल 2023 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने पाकिस्तानी कलाकारों पर बैन लगाए जाने की याचिका खारिज करते हुए कहा कि कलाकारों को पॉलिटिकल टेंशन के चलते सजा नहीं दी जा सकती।

यही वजह रही कि पाकिस्तानी कलाकारों को फिर हिंदी सिनेमा में काम दिया जाने लगा। हानिया आमिर को दिलजीत दोसांझ के साथ फिल्म सरदार 3 में काम मिला, वहीं फवाद खान फिल्म अबीर गुलाल से बॉलीवुड कमबैक करने वाले थे। हालांकि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद एक बार फिर पाकिस्तानी कलाकारों पर बैन लगा दिया गया है।

FWICE (फिल्म फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न सिने एम्प्लॉयज) ने हाल ही में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को लेटर लिखकर साफ किया है कि अगर कोई भी भारतीय पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम करेगा, तो उस पर देशद्रोह का केस होगा। साथ ही पाक कलाकारों के साथ काम करने वाले शख्स को इंडियन इंडस्ट्री से बैन कर दिया जाएगा।

विवादों के बीच जाहिर तौर पर फवाद खान की फिल्म अबीर गुलाल अब भारत में रिलीज नहीं होगी। वहीं हानिया आमिर को भी फिल्म सरदार 3 से रिप्लेस किया जा रहा है।

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