सहारनपुर में रिश्वतखोरी का बोलबाला: दो साल में 11 से ज्यादा सरकारी कर्मचारी रंगे हाथ पकड़े गए – Saharanpur News

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सहारनपुर में रिश्वतखोरी का बोलबाला:  दो साल में 11 से ज्यादा सरकारी कर्मचारी रंगे हाथ पकड़े गए – Saharanpur News

सहारनपुर में रिश्वतखोरी का बोलबाला: दो साल में 11 से ज्यादा सरकारी कर्मचारी रंगे हाथ पकड़े गए – Saharanpur News

28 अप्रैल को पकड़े गए रामपुर मनिहारान के बड़े बाबू दुर्गा प्रसाद।

सहारनपुर। जिले में सरकारी महकमे में भ्रष्टाचार लगातार गहराता जा रहा है। पिछले दो सालों में एंटी करप्शन और विजिलेंस टीम ने 11 से ज्यादा सरकारी कर्मचारी, अधिकारी और पुलिसकर्मी रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किए हैं। पकड़े गए कर्मचारियों में तीन लेखप

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रिश्वतखोरी का अड्डा बनता सहारनपुर

एंटी करप्शन मेडिकल को ले जाती हुई पुलिस।

छोटी-मोटी सरकारी सेवाओं के बदले में रिश्वत मांगने का चलन इतना बढ़ गया है कि सहारनपुर अब भ्रष्टाचार का पर्याय बनता जा रहा है। किसान, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, और मृत आश्रितों को उनके कामों के लिए रिश्वत देनी पड़ती है। समाधान दिवसों में शिकायतों के बावजूद कोई हल नहीं निकलता, जिससे पीड़ित अंततः एंटी करप्शन कार्यालय का दरवाजा खटखटाते हैं।

बडे़ बाबू दुर्गा प्रसाद 5 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

28 अप्रैल 2025 को रामपुर मनिहारान तहसील के बड़े बाबू दुर्गा प्रसाद कपिल को एंटी करप्शन टीम ने 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। मामला किसान रामवीर के बेटे अरुण कुमार से जुड़ा है, जो कर्जमुक्ति के बाद खतौनी से कर्ज हटवाने के लिए तहसील पहुंचा था।

दरोगा जसवीर सिंह 20 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा गया

20 दिसंबर 2024 को दरोगा जसवीर सिंह को सरकारी कर्मचारी टेशन लाल का एफआईआर से नाम निकालने के लिए 20 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए अरेस्ट किया गया। टेशन लाल से पहले 5 हजार लिए जा चुके थे और 25 हजार में सौदा तय हुआ था।

जिला चकबंदी अधिकारी धर्मदेव 50 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार

सितंबर 2024 में देवबंद में तैनात जिला चकबंदी अधिकारी धर्मदेव को भूमिधरी आदेश दिलाने के नाम पर किसान मोहर्रम अली से 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए विजिलेंस ने पकड़ा।

ऑनलाइन सिस्टम भी नाकाम

भ्रष्टाचार रोकने के लिए बनाए गए ऑनलाइन सिस्टम कई विभागों में नाकाम साबित हो रहे हैं। कुछ काम आज भी बिना कार्यालय के चक्कर लगाए संभव नहीं, जिससे भ्रष्टाचार बढ़ रहा है। किसानों से खतौनी चढ़वाने और मुआवजे के नाम पर सबसे ज्यादा रिश्वत मांगी जाती है।

दो साल में ये बड़े मामले सामने आए

  • होमगार्ड क्लर्क दिनेश कुमार:4 मई 2024 को 1.50 लाख रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार। अनिल कुमार की बहाली के एवज में रिश्वत ली गई थी।
  • जेई सुमित:4 जुलाई 2024 को किसान कमल कुमार की शिकायत पर बिजली कनेक्शन पास करने के लिए 10 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा गया।
  • डॉक्टर और अकाउंटेंट:3 अगस्त 2024 को पुवारंका सीएचसी में संविदा कर्मियों से 10% कमीशन लेते हुए पकड़े गए। डॉक्टर के सरकारी आवास से 21 लाख रुपए भी बरामद हुए।
  • अमीन ऋषिपाल और कंप्यूटर ऑपरेटर सुमित:8 जनवरी 2024 को कलेक्ट्रेट परिसर से पेड़ के मुआवजे के लिए 15 हजार की रिश्वत मांगने पर अरेस्ट।
  • दरोगा हरपाल:11 अगस्त 2023 को नकुड़ सीओ कार्यालय में एससी-एसटी एक्ट केस में फाइनल रिपोर्ट लगाने के लिए 50 हजार रिश्वत लेते पकड़ा गया।
  • लेखपाल नेत्रपाल:21 फरवरी 2021 को दतौली मुगल गांव में अवैध कब्जा हटाने के बदले 5 हजार रुपए मांगते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया।
  • लेखपाल रियासत अली:26 नवंबर 2021 को दाखिल खारिज के नाम पर किसान से 5 हजार रिश्वत मांगते हुए गिरफ्तार।
  • चिकित्सा अधीक्षक डॉ. नितिन कंडवाल:6 जनवरी 2023 को सीएचसी बेहट में सीएचओ से 9 हजार रुपए की रिश्वत मांगते हुए रंगे हाथ पकड़े गए।
  • प्रधान लिपिक गुरु प्रताप और होमगार्ड रहीस:12 जनवरी 2023 को मृतक कर्मचारी की बेटी से पेंशन फाइल पास करने के लिए 3 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़े गए।

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