गंगोत्री-यमुनोत्री से केदारनाथ-बद्रीनाथ तक के बारे में सब कुछ: जानिए कैसे जाएं, कहां ठहरें और कितना खर्च; 50 लाख श्रद्धालु आने की संभावना

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गंगोत्री-यमुनोत्री से केदारनाथ-बद्रीनाथ तक के बारे में सब कुछ:  जानिए कैसे जाएं, कहां ठहरें और कितना खर्च; 50 लाख श्रद्धालु आने की संभावना

गंगोत्री-यमुनोत्री से केदारनाथ-बद्रीनाथ तक के बारे में सब कुछ: जानिए कैसे जाएं, कहां ठहरें और कितना खर्च; 50 लाख श्रद्धालु आने की संभावना

‘मैं 2004 से चारधाम यात्रा कर रहा हूं। इस बार पिछले साल से ज्यादा एक्साइटमेंट है, क्योंकि हेलिकॉप्टर से केदारनाथ जाऊंगा। 30 अप्रैल से यात्रा शुरू हो रही है। मैंने पूरे परिवार का रजिस्ट्रेशन करवा लिया है। मैं चाहता हूं कि जैसे ही मंदिर के कपाट खुलें,

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हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर मिले गगनदीप दामिर जब ये बात कह रहे थे, तो उनके चेहरे पर अलग सी खुशी नजर आई। गगन उन 20 लाख तीर्थयात्रियों में शामिल हैं, जो इस बार देश के अलग-अलग हिस्सों से चारधाम यात्रा करने उत्तराखंड पहुंच रहे हैं।

अक्षय तृतीया के दिन यानी 30 अप्रैल 2025 को सुबह 10:30 बजे गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर के कपाट खुलते ही चारधाम यात्रा की शुरुआत हो जाएगी। इस बार 50 लाख से ज्यादा यात्रियों के चारधाम पहुंचने की उम्मीद है। 2024 में हुई चारधाम यात्रा में करीब 48,11,279 लाख लोग आए थे।

आप भी चारधाम यात्रा पर जाना चाहते है, तो मन में कई सवाल उठ रहे होंगे, जैसे चारधाम यात्रा कैसे और कहां से शुरू करें, कितने दिन की छुट्टी लें, कहां से बुकिंग करें, यात्रा के लिए बेस्ट रूट क्या होगा, वहां रुकने के इंतजाम और टोटल कितना खर्च होगा, हेलिकॉप्टर कैसे बुक होगा?

हमने यात्रा शुरू होने के पहले उत्तराखंड पहुंचकर चारों धाम गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के रूट देखे। हम उन सभी जगहों पर गए, जहां से यात्रा गुजरती है। साथ ही चारधाम यात्रा की व्यवस्था में शामिल सरकारी अधिकारियों, टूर एंड ट्रैवल ऑपरेटर्स, टैक्सी ड्राइवर्स, होटलर्स और चारधाम यात्रा पर निकलने वाले यात्रियों से बात कर इन सभी सवालों के जवाब जानें।

हमने आपके लिए एक टूरिस्ट फ्रेंडली चारधाम यात्रा गाइड और रूट मैप बनाया है, पढ़िए पूरी रिपोर्ट…

चारधाम यात्रा में शामिल होना है, तो रजिस्ट्रेशन सबसे जरूरी चारधाम यात्रा शुरू करने से पहले आपको registrationandtouristcare.uk.gov.in पर रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है। जो यात्री ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं करा पा रहे हैं, उनके लिए उत्तराखंड सरकार 28 अप्रैल से ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू करेगी। हरिद्वार, देहरादून, ऋषिकेश, चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में 50 से ज्यादा रजिस्ट्रेशन सेंटर बनाए गए हैं। यहां यात्रा शुरू करने से पहले रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।

ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद आपका मोबाइल नंबर यात्री ट्रैकिंग सिस्टम में दर्ज हो जाएगा। इससे इमरजेंसी के वक्त तीर्थयात्रियों की ट्रैकिंग हो सकेगी। रजिस्ट्रेशन के वक्त आपको अपनी मेडिकल हिस्ट्री की डिटेल भी देनी होगी।

चारधाम यात्रा की जिम्मेदारी उत्तराखंड के गढ़वाल रीजन के कमिश्नर विनय शंकर पांडे को मिली है। हमने उनसे बात की। विनय कहते हैं, ‘हमने यात्रा शुरू होने से 45 दिन पहले से ही चारधाम के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रोसेस शुरू कर दी थी। अब तक 20 लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। ये पहली बार है कि रजिस्ट्रेशन को आधार से भी लिंक किया गया है, ताकि हमारे पास यात्रियों की सारी डिटेल हो।‘

‘CM पुष्कर सिंह धामी का निर्देश है कि देवभूमि पहुंच रहे यात्री बिना दर्शन किए न जाएं। इसलिए हमने ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन का कोटा बढ़ाया है। यात्रा शुरू होने के दो दिन पहले 28 अप्रैल को ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन सेंटर पर रजिस्ट्रेशन शुरू हो जाएंगे। हरिद्वार, ऋषिकेश और विकासनगर में तीन मुख्य रजिस्ट्रेशन सेंटर खोले हैं।‘

चारधाम यात्रा के लिए 4 हजार से 2.5 लाख तक के टूर पैकेज हरिद्वार से चारधाम यात्रा के लिए अलग-अलग टूर पैकेज मौजूद हैं। इसमें 9 से 10 दिन में यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्रा कराई जाती है। 1400 किलोमीटर की यात्रा हरिद्वार से शुरू होकर आखिरी धाम बद्रीनाथ मंदिर तक जाती है। फिर वहां से लौटते हुए यात्री जोशीमठ के रास्ते ऋषिकेश और हरिद्वार आते हैं।

हरिद्वार टूर एंड ट्रैवल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय शर्मा कहते हैं, ‘चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालु हरिद्वार में रजिस्ट्रेशन के बाद यात्रा शुरू कर सकते हैं। यात्री अपनी सुविधा के मुताबिक, 4 हजार से 2.5 लाख रुपए तक के टूर पैकेज ले सकते हैं।‘

‘हरिद्वार से सरकारी बसें सीधे धाम तक नहीं जाती हैं। ये आपको मंदिर के पास तक छोड़ देंगी। बद्रीनाथ जाने वाले यात्री हरिद्वार से जोशीमठ तक की बस यात्रा कर सकते हैं। इसका किराया 800 रुपए है। इसी तरह केदारनाथ जाने के लिए सोनप्रयाग तक बस ली जा सकती है। इसका किराया 600 से 700 रुपए है।‘

‘गंगोत्री जाने के लिए हर्षिल तक का बस का टिकट 600 रुपए का है। यमुनोत्री के लिए हरिद्वार से सरकारी बस का किराया 400 से 500 रुपए है। ये बस आपको धरासू तक छोड़ेगी। वहां से टैक्सी के जरिए यमुनोत्री धाम पहुंचा जा सकता है।‘

चारधाम यात्रा में IRCTC की मदद से 150 से ज्यादा यात्रियों के लिए हेलिकॉप्टर बुकिंग करा चुके टूर एडवाइजर सनी कहते हैं, ‘चारधाम यात्रा के लिए हेलिकॉप्टर शटल सेवा की बुकिंग सिर्फ GMVN और IRCTC की वेबसाइट पर होती है। इसके अलावा अगर कोई और ट्रैवल एजेंट आपको हेलिकॉप्टर राइड बुकिंग के लिए बोलता है, तो वो 100% फ्रॉड है।‘

‘लिहाजा हेलिकॉप्टर बुकिंग के वक्त काफी सतर्क रहें। फिलहाल केदारनाथ के लिए एक दिन की हेलिकॉप्टर सेवा गुप्तकाशी, फाटा और सिरसी से मिलती है। गुप्तकाशी से आने-जाने का किराया 8,100 रुपए, फाटा से 6,400 रुपए और सिरसी से 6000 रुपए है।’

यमुनोत्री धाम के लिए 6 किलोमीटर तक पैदल चलना होगा यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के दिन 30 अप्रैल की सुबह 10:30 बजे खुलेंगे। सड़क के रास्ते यहां तक पहुंचने के लिए हरिद्वार और ऋषिकेश से 2 रूट हैं। हरिद्वार से देहरादून होकर मसूरी और बड़कोट के रास्ते यमुनोत्री पहुंचा जा सकता है।

दूसरा रूट ऋषिकेश से शुरू होता है। इसके लिए ऋषिकेश से नरेंद्र नगर, चंबा, धरासू, बड़कोट के रास्ते यमुनोत्री पहुंचा जा सकता है। हरिद्वार से यमुनोत्री की दूरी 230 किमी है। 6 से 7 घंटे में यहां पहुंचा जा सकता है।

यमुनोत्री धाम की यात्रा में हर यात्री को कम से कम 5 किमी पैदल चलना होगा। ट्रैक जानकी चट्टी से शुरू होता है, जो सीधे यमुनोत्री धाम जाता है। जानकी चट्टी तक सीधे गाड़ी से पहुंचा जा सकता है। बुजुर्ग यात्री जानकी चट्टी से पैदल, खच्चर और पालकी के जरिए यमुनोत्री धाम पहुंच सकते हैं।

गंगोत्री धाम तक पहुंचना सबसे आसान, सीधे मंदिर तक आती हैं गाड़ियां गंगोत्री धाम के कपाट यमुनोत्री की तरह ही 30 अप्रैल की सुबह 10:30 बजे खुलेंगे। बस, कार और प्राइवेट टैक्सी करके गंगोत्री तक पहुंचा जा सकता है। यहां आने के 2 रूट हैं। एक, हरिद्वार से उत्तरकाशी होते हुए गंगोत्री तक पहुंचते हैं। दूसरा, देहरादून, मसूरी के रास्ते गंगोत्री तक पहुंचता है।

देहरादून से गंगोत्री वाला रूट लेना ज्यादा बेहतर रहेगा। 240 किमी की यात्रा में आपको धाम तक पहुंचने के लिए 8 घंटे लगेंगे।

गंगोत्री मंदिर समिति के मुताबिक, 29 अप्रैल को मां गंगा की पवित्र डोली दोपहर 12 बजे अपने शीतकालीन निवास मुखबा गांव से गंगोत्री धाम के लिए निकलेगी। उस दिन ये डोली भैरो घाटी में भैरव मंदिर में आराम करेगी। अगले दिन 30 अप्रैल को सुबह 9 बजे डोली गंगोत्री धाम पहुंचेगी। वहां विधिवत पूजा-अर्चना और हवन के बाद सुबह 10:30 बजे मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे।

चारधाम का सेंटर पॉइंट केदारनाथ, जहां 20 किमी पैदल चलना होगा भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को सुबह 7 बजे खुलेंगे। केदारनाथ आने के लिए चारधाम यात्री हरिद्वार और ऋषिकेश से सीधे बस ले सकते हैं। बसें सिर्फ सोनप्रयाग तक ही जाती हैं। किराया 600 से 700 रुपए है। यहां से आपको 8 किलोमीटर दूर गौरीकुंड तक आना होगा। गौरीकुंड में ठहरने और खाने की सुविधा है। यहीं से केदारनाथ धाम के लिए 20 किमी का मुश्किल ट्रैक शुरू होता है।

केदार-बद्री मंदिर समिति के अनुसार, केदारनाथ मंदिर के कपाट 2 मई को खुलेंगे, लेकिन भगवान की पंचमुखी डोली यात्रा 28 अप्रैल से ही शुरू हो जाएगी। डोली यात्रा की शुरुआत उखीमठ में ओंकारेश्वर मंदिर से होगी। यात्रा उसी दिन गुप्तकाशी में विश्वनाथ मंदिर पहुंचेगी और रात वहीं रुकेगी। अगली सुबह 29 अप्रैल को डोली यात्रा गुप्तकाशी से फाटा और 30 अप्रैल को फाटा से गौरीकुंड पहुंचेगी।

1 मई को यात्रा गौरीकुंड से जंगलछत्ती, भीमबाली, रामबाड़ा और रुद्र पॉइंट से होकर केदारनाथ धाम पहुंचेगी। 2 मई की सुबह 7 बजे केदारनाथ धाम के कपाट भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिए जाएंगे। जून से अगस्त के बीच अगर मौसम सही रहता है, तो इस बार 30 लाख से ज्यादा लोगों के केदारनाथ धाम पहुंचने का अनुमान है।

बद्रीनाथ धाम तक जाती है सड़क, गाड़ी से उतरकर मिनटों में दर्शन यमुनोत्री, गंगोत्री और केदारनाथ धामों की यात्रा और दर्शन के बाद आखिरी में बद्रीनाथ धाम की बारी आती है। बद्रीनाथ का रास्ता जोशीमठ से होकर गुजरता है और केदारनाथ से लौटकर जोशीमठ में रुक भी सकते हैं। बद्रीनाथ धाम चीन बॉर्डर से सिर्फ 3-4 किमी की दूरी पर है। यहां से भारत का आखिरी गांव माणा पास में ही है। आप चारधाम यात्रा पूरी करके माणा गांव भी घूमने जा सकते हैं।

बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई की सुबह 6 बजे खुलेंगे। यहां आने के लिए चारधाम यात्री हरिद्वार से सीधे जोशीमठ तक बस से सफर कर सकते हैं। किराया 800 से 900 रुपए है। जोशीमठ से 40 किलोमीटर की दूरी पर बद्रीनाथ धाम पड़ता है। बद्रीनाथ धाम के लिए हेलिकॉप्टर सुविधा भी है। ये केदार-बद्री टूर पैकेज में शामिल है, जिसका रेट 1 लाख 31 हजार रुपए है।

137 सेक्टर-37 सुपर जोन में बटी यात्रा, चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे कहते हैं, ‘हम लोगों ने पिछली यात्राओं से सबक लेते हुए होल्‍डिंग पॉइंट भी बनाए हैं। यात्रा के दौरान कई बार मौसम खराब होता है। कई बार लैंडस्लाइड भी होती है और यात्री जत्थों को रोकना पड़ता है।‘

हर कोई पैसे खर्च करके चारधाम की यात्रा नहीं कर सकता है इसलिए हमने नि:शुल्क भोजन और रुकने की व्यवस्था भी की है।

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‘ये शिकायत आती है कि यात्रा रूट पर पानी की बोतल 100 रुपए में बिक रही है। ओवरचार्जिंग की दिक्कत से निपटने के लिए हमने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं, इसकी मॉनिटरिंग करते रहें। हमने पूरे यात्रा रूट को 137 सेक्टर में बांटा है। इसमें 57 जोन और 37 सुपर जोन बनाए हैं।‘

‘यात्रा में ट्रैफिक से लेकर यात्रियों की हेल्थ तक कोई दिक्कत आती है, तो तुरंत इसका समाधान निकाला जाएगा। घोड़ों से लेकर बाकी एसोसिएशन के रेट फिक्स हैं। खच्चरों पर RFID कार्ड लगाए गए हैं, इससे हम उनकी मूवमेंट को भी ट्रैक कर सकेंगे। खच्चरों को एक साथ नहीं छोड़ा जाएगा, ताकि धामों पर जाम की समस्या ना हो।‘

100 से ज्यादा हिमालयन ट्रेंड ड्राइवर, गाइड 24×7 मौजूद चारधाम टैक्सी एसोसिएशन श्रद्धालुओं के रजिस्ट्रेशन से लेकर यात्रा रूट की प्लानिंग में मदद कर रहा है। एसोसिएशन के पास हिमालय में गाड़ी चलाने वाले 100 से ज्यादा ट्रेंड ड्राइवर और गाइड हैं। ये यात्रियों की मदद के लिए मौजूद हैं।

एसोसिएशन के प्रेसिडेंट हरीश बिष्ट कहते हैं, ‘चारधाम यात्रा पर आने वाला हर यात्री हमारे भरोसे पर 1000 किमी पहाड़ियों पर सफर करता है। उसकी सुरक्षा से लेकर दर्शन तक की जिम्मेदारी हमारी होती है। हमारे पास ट्रैवलर, बोलेरो और कार मिलाकर 90 गाड़ियां हैं। सभी गाड़ियों को चारों धामों के लिए ग्रीन कार्ड मिल चुका है।‘

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चारधाम यात्रा के लिए हमारा रूट हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून, मसूरी से होकर यमुनोत्री के लिए रहता है। यमुनोत्री दर्शन के बाद गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ का दर्शन करवाकर 9 से 10 दिन में यात्रा पूरी होती है।

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‘चारधाम यात्रा में जाम की समस्या सबसे ज्यादा ऋषिकेश, हर्षिल, हनुमान चट्टी और बद्रीनाथ में रहती है।‘

चारधाम यात्रा पर जाते वक्त किन बातों का ध्यान रखें यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करवाते समय आपको मेडिकल हिस्ट्री बतानी जरूरी है। चारों धाम बेहद ऊंचाई वाले इलाकों में हैं, जिनकी यात्रा मुश्किल भरी है। यहां जाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। गर्म कपड़े, दस्ताने और टोपी जरूर साथ ले जाएं। पहाड़ी रास्तों में फिसलन से बचने के लिए मजबूत ट्रैकिंग शूज पहनें।

हमेशा अपने साथ आधार या कोई दूसरा पहचान पत्र रखें। यात्रा के दौरान पानी पीते रहें। अगर आप अपनी गाड़ी से चारधाम यात्रा पर जाना चाहते हैं, तो पहले आपको हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून RTO ऑफिस में इसकी डिटेल देनी होगी।

चारधाम यात्रा के दौरान क्या करने से बचें जल्दी दर्शन करने की होड़ में शरीर पर ज्यादा प्रेशर न डालें। ऊंचाई वाले रास्तों पर दौड़े नहीं, आराम से चलें। यात्रा के वक्त रास्तों पर खाली प्लास्टिक के बोतलें, खाली पैकेट और कचरा न फेकें। नदियों में नहाते वक्त साबुन का इस्तेमाल न करें।

यात्रा के दौरान शराब पीने या फिर धूम्रपान करने पर पाबंदी है। रास्ते में बंदरों और दूसरे वन्यजीवों को खाने की चीजें न दें। बिना जानकारी दिए ऊंचाई वाले इलाकों में रात न बिताएं, खासकर बुजुर्गों या बीमार लोगों के लिए ये खतरनाक हो सकता है।

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चार धाम यात्रा की तैयारी अंतिम दौर में है। 30 अप्रैल से गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही यात्रा शुरू हो जाएगी। 28 अप्रैल से यात्रियों के आने का सिलसिला भी शुरू हो जाएगा। ऐसे में अगर आप चार धाम यात्रा पर जाने की तैयारी कर रहे हैं तो श्रद्धा के साथ-साथ सतर्कता भी जरूरी है। कहीं ऐसा न हो कि आस्था की राह पर ठगी की कोई साया पड़ जाए। पढ़िए पूरी रिपोर्ट…