एन. रघुरामन का कॉलम: टी-शर्ट्स के लिए फैशन के क्या नियम हैं?

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एन. रघुरामन का कॉलम:  टी-शर्ट्स के लिए फैशन के क्या नियम हैं?

एन. रघुरामन का कॉलम: टी-शर्ट्स के लिए फैशन के क्या नियम हैं?

7 घंटे पहले

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एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरु

पहलगाम की घटना वाले दिन मैं किसी के साथ मुंबई के कोलाबा में खरीदारी कर रहा था। यह स्थान नौसेना और सेना के बेस से 1 किमी की दूरी पर है। जब मुझे इस भयावह घटना के बारे में पता चला, तो मैंने अपने एक मित्र को मिलने बुलाया।

उन्होंने कहा, नीचे आओ, मैं क्लब में हूं। इस बातचीत के दो मिनट बाद उन्होंने मुझे फिर से कॉल किया और पूछा मैंने क्या पहना है। मैंने कहा, टी शर्ट। उन्होंने पूछा, कॉलर के साथ या उसके बिना? मैंने जवाब दिया, कॉलर वाली टी-शर्ट और उसे भी ट्राउजर पर पहना है, जींस पर नहीं! मुस्कराते हुए उन्होंने पूछा, जूते वगैरा?

मैंने जोर से हंसते हुए कहा, मेरे दोस्त, मेरे जूते इतने चमचमा रहे हैं कि तुम उनमें देखकर अपने बालों को कंघी कर सकते हो, इसलिए चिंता मत करो। वे और जोर से हंसे और बोले, डियर, आर्मी क्लब में कुछ ड्रेस कोड होते हैं, और मुझे पता है कि तुम सभी नियम जानते हो, फिर भी मैं बस यह सुनिश्चित कर रहा था, ताकि हमसे कोई सवाल न पूछे।

वो तमाम लोग- जो हास्य या राजनीतिक बयान या जो कुछ भी वे महसूस करते हैं, उसे व्यक्त करने के लिए ऐसी टी-शर्ट पहनकर बड़े हुए हैं, जिन पर कुछ लिखा होता है, उन्हें मैं बता दूं कि नए फैशन नियम अब उनकी इजाजत नहीं देते।

पिछले रविवार को मेरी एक निजी मेंटरशिप क्लास में एक महिला बिना कॉलर वाली टी-शर्ट पहनकर आई, जिस पर लिखा था- अगर आपको मेरी टी-शर्ट आपत्तिजनक लगती है तो मत देखिए। वैसे भी मुझे परवाह नहीं है।

जहां उसे यह कूल लग रहा था, वहीं उस कमरे में मौजूद अधिकांश लोगों को यह दो कारणों से आपत्तिजनक लगा। एक, जरूरत से ज्यादा उपयोग या खराब धुलाई के चलते उस सफेद टी-शर्ट का रंग हल्का पीला पड़ गया था, और दो- उसे देखने वालों को ऐसा महसूस होता था कि वो बिस्तर से उठकर सीधे मेंटरशिप रूम में चली आई है।

यह सबकी अपनी आजादी है कि वह कैसी स्टाइल अपनाना चाहता है, लेकिन स्लोगन वाली टी-शर्ट जोखिम भरी हो सकती हैं। कई पर्सनल स्टाइलिस्ट वयस्क पुरुषों को शब्दों वाली ग्राफिक टी-शर्ट चुनते समय टी-सोफिस्टिकेशन का ध्यान रखने की सलाह देते हैं।

वे कहते हैं ग्राफिक्स ऐसे होने चाहिए, जिन्हें फ्रेम करके संग्रहालय में लटकाया जा सके। लक्ष्य यह होना चाहिए कि अधिकतम तीन रंगों के साथ कोई साफ-सुथरा दृश्य प्रस्तुत किया जाए। लेकिन वे बड़ी लिखावट से बचने की सलाह देते हैं।

अगर आप वाकई अपनी टी-शर्ट पर कुछ लिखना चाहते हैं, तो क्लासिक स्क्रिप्ट फॉन्ट्स वाली चुनें। लिखी हुई टी-शर्ट हल्के-फुल्के माहौल में ही पहनी जानी चाहिए। औपचारिक रात्रिभोज के लिए ऐसी टी-शर्ट न पहनें। अगर बाहर का मौसम अनुकूल नहीं है- जैसा अभी है- तो आधी आस्तीन की स्मार्ट कैजुअल कमीज पहनें। मेरा मानना है सफेद शर्ट का कोई तोड़ नहीं है।

मैंने जोहान्सबर्ग, पेरिस और न्यूयॉर्क में ओपेरा शो में भाग लिया है और उनमें से प्रत्येक का अपना ड्रेस-शिष्टाचार है। वहां अधिकांश लोग काले रंग की टाई और चेल्सी बूट्स के साथ शानदार काले सूट में आते हैं। पिछले 45 वर्षों से जब से मैंने ऐसे थिएटरों में जाना शुरू किया है, यह सबसे उम्दा सूट रहा है।

दिलचस्प बात यह है कि आज ऐसे पेशेवर भी हैं, जो आपको सलाह देते हैं कि आपसे किसी विशेष स्थान पर कैसी महक आनी चाहिए। थोड़ी स्पाइसी और हल्की चुलबुली खुशबू किसी भी सेटिंग में काम करती है। लेकिन हाल ही में मैंने देखा है कि बॉलीवुड जैसी हाई सोसाइटी पार्टियों में लोग ऐसे परफ्यूम का इस्तेमाल करते हैं, जो तंबाकू और राख की गंध जैसे लगते हैं। ताजी पकी हुई रोटी, पहाड़ी हवा, पहली बारिश और सिगरेट की महक जैसे भी, भले उनका उपयोगकर्ता खुद धूम्रपान नहीं करता हो।

फंडा यह है कि जहां कपड़ों का स्टाइल बहुत ही व्यक्तिगत चयन होता है, जो आम तौर पर पहनने वाले के कम्फर्ट के अनुरूप होता है, वहीं हमें नहीं भूलना चाहिए कि लोगों के अपने ड्रेस कोड हो सकते हैं- चाहे वह क्लब हो या कुछ और। जो भी हो, इतना जरूर याद रखें कि हम कपड़े दूसरों की नजरों के लिए पहनते हैं और भोजन अपने स्वाद के लिए करते हैं।

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