दुनिया की सबसे बड़ी किताब का विमोचन: अजमेर के पंचकल्याणक में रचा नया कीर्तिमान,108 फीट ऊंचा ध्वज भी फहराया – Ajmer News h3>
अजमेर के नाका मदार में श्री जिनशासन तीर्थ क्षेत्र पर चल रहे पंच कल्याणक महोत्सव के पांचवे दिन एक कीर्तिमान रचा। यहां 108 फीट ध्वज फहराया गया। इस दौरान खवगराय सिरोमणी की 36 फिर उंची व 24 फिर चौड़ी पुस्तक का विमोचन हुआ। बता दें कि श्री जिनशासन तीर्थ क्ष
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पुस्तक का लोकार्पण करते वासुदेव देवनानी और मुनि संघ।
इस दौरान बताया कि-“खवगराय शिरोमणि” नामक ग्रंथ 36 फीट लंबा और 24 फीट चौड़ा है, जो जैन संत आचार्य विद्यानंद जी महाराज के जीवन, दर्शन और समाज सेवा पर आधारित है। इस विशाल ग्रंथ के निर्माण में लगभग 1500 स्क्वायर फीट फ्लेक्स, 50 लीटर पेंट और 1000 किलोग्राम लोहे का उपयोग किया गया। इसमें कुल 18 पृष्ठ हैं, जिन्हें 15 से 20 समर्पित कलाकारों और सेवकों ने महज 5 दिनों में तैयार किया।
यह कार्य न केवल जैन समाज के लिए बल्कि समूचे भारतवर्ष के लिए गौरव का विषय है। इस अवसर पर 101वीं जन्म जयंती के उपलक्ष्य में आचार्य विद्यानंद जी को समर्पित यह ग्रंथ समर्पित किया गया। इस दौरान जिनशासन तीर्थ क्षेत्र पर 108 फीट ऊँचा जैन ध्वज फहराया गया। यह ध्वज जैन धर्म के सिद्धांतों, आत्मबल और अहिंसा का प्रतीक बनकर आकाश में लहराता रहा।
कार्यक्रम में मौजूद मुनि संघ।
हुए धार्मिक कार्यक्रम, सहकारिता मंत्री ने शिरकत की
इससे पूर्व सुबह मंत्र आराधना, नित्यमह पूजा एवं तप कल्याणक पूजा, हवन हुआ। आचार्य ने मंगल प्रवचन के दौरान ज्ञान कल्याणक के महत्व को विस्तार से समझाते हुए कहा कि यह वह दिव्य क्षण होता है जब तीर्थंकर को केवलज्ञान की प्राप्ति होती है, जिससे वह समस्त जीवों के कल्याण हेतु उपदेश देने योग्य बनते हैं। उन्होंने भगवान के जन्म से लेकर ज्ञान प्राप्ति तक की सम्पूर्ण आध्यात्मिक यात्रा का वर्णन किया और समाज को धर्म और संयम की राह पर चलने का आह्वान किया। इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में राजस्थान सरकार के सहकारिता मंत्री गौतम दत्त कार्यक्रम में शामिल हुए। उनके साथ अजमेर सरस डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी और जैन समाज के प्रमुख भामाशाह अशोक पाटनी भी उपस्थित रहे। सभी अतिथियों ने आचार्य वसुनंदी जी महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया।
राजस्थान सरकार के सहकारिता मंत्री गौतम कुमार दक ने शिरकत की।
हमारा लक्ष्य मोक्ष प्राप्ती हो-दक
गौतम दक ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम सबका परम लक्ष्य मोक्ष की प्राप्ति हो, और यह तभी संभव है जब हम संतों के वचनों को अपने जीवन में उतारें। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जैन न होते हुए भी नवकार दिवस पर जैन समाज के कार्यक्रम में भाग लेकर इस परंपरा के महत्व को दर्शा चुके हैं। उन्होंने आयोजकों को बधाई देते हुए इस आयोजन को आध्यात्मिक चेतना का जागरण बताया।
जैन नगर नाम दिया जाए-आचार्य
आचार्य वसुनंदी महाराज ने मंत्री गौतम दत्त के समक्ष कुछ महत्वपूर्ण मांगें भी रखीं। उन्होंने आग्रह किया कि इस तीर्थ क्षेत्र को “जैन नगर” नाम दिया जाए और अजमेर विकास प्राधिकरण द्वारा इस क्षेत्र में “जैन नगर” के बोर्ड लगाए जाएं। इसके अतिरिक्त उन्होंने मांग रखी कि तीर्थ क्षेत्र के एक किलोमीटर के दायरे में शराब और मांस की कोई दुकान संचालित न हो।
किताब की विशेषता- एक नजर
- नाम: खवगराय सिरोमणि
- आधार: आचार्य विद्यानंद जी मुनिराज का जीवन
- साइज: 36 फीट ऊँची और 24 फीट चौड़ी
- पृष्ठ की संख्या: 18
- निर्माण सामग्री: 1500 स्क्वायर फीट फ्लेक्स, 50 लीटर पेंट, 1000 किलो लोहे का ढांचा
- निर्माण में सहयोग: लगभग 15 से 20 समर्पित कलाकारों और श्रमिकों ने इस निर्माण को साकार किया।
- समय: महज 5 दिनों में इस अद्वितीय पुस्तक का निर्माण पूर्ण किया गया।
पांचवे दिन भी पंचकल्याणक महोत्सव के तहत विभिन्न कार्यक्रम हुए।
कल समापन, ये होंगे कार्यक्रम
- प्रात : 5.45 बजे -अभिषेक, नित्यमह पूजा, भगवान आदिनाथ का कैलाश पर्वत पर दर्शन, आचार्यश्री के प्रवचन
- प्रात: 7.25 बजे – निर्वाण प्राप्ति, गुणारोपण निर्वाण, कल्याणक की पूजा, विश्व शांति महायज्ञ, शाति हवन
- प्रातः 10.15 बजे- नवीन वेदी में बिम्ब स्थापन, कलशारोहण, ध्वजारोहण, हवन, महामस्तकाभिषेक
पंचकल्याणक में देशभर से धर्मावलम्बी पहुंच रहे हैं। यहां उनके लिए सभी व्यवस्थाएं की गई है।
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