कनाडा में मंदिर की दीवार पर खालिस्तानी नारे लिखे: नगर कीर्तन से पहले की गई हरकत; सरे पुलिस बोली- हिंसा भड़काने की साजिश – Amritsar News h3>
कनाडा में लक्ष्मी नारायण मंदिर पर लिखे गए खालिस्तानी नारे।
कनाडा के सरे शहर स्थित प्रतिष्ठित लक्ष्मी नारायण मंदिर की दीवारों पर खालिस्तान समर्थक नारे लिखे गए हैं। यह घटना ऐसे समय पर हुई जब सरे में वार्षिक नगर कीर्तन का आयोजन होना था। मंदिर की बाहरी दीवारों पर स्प्रे पेंट से ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ और ‘फ्री पंजा
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घटना के तुरंत बाद मंदिर प्रशासन ने पुलिस को सूचित किया और FIR दर्ज कराई। पुलिस विभाग ने घटना को संभावित घृणा अपराध मानते हुए जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि यह एक साजिश हो सकती है, जिसका मकसद धार्मिक आयोजन से पहले माहौल को अस्थिर करना है।
बड़ी बात यह है कि सरे में निकाले गए नगर कीर्तन में भी खालिस्तान समर्थक शामिल हुए। उन्होंने खालिस्तानी झंडे लहराए और मारे गए आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की स्टेज भी सजाई।
लक्ष्मी नारायण मंदिर की दीवारों पर लिखे गए खालिस्तानी नारे।
रात में लिखे, सुबह पता चला, नगर कीर्तन शांतिपूर्ण ढंग से निकला मामला 19 अप्रैल का है। मंदिर प्रशासन के अनुसार, सुबह देखा गया कि मंदिर की बाहरी दीवारों खालिस्तानी नारे लिखे गए थे। इस काम को रात के समय अंजाम दिया गया था। इसका सूचना पुलिस को दे दी थी। अब पुलिस मामले की जांच कर रही है।
पुलिस के अनुसार, लक्ष्मी नारायण मंदिर पर खालिस्तानी नारे लिखना इसलिए भी चिंताजनक था क्योंकि 20 अप्रैल को ही वार्षिक नगर कीर्तन का आयोजन होना था। इस दौरान दोनों धार्मिक समुदायों के बीच तनाव होने की आशंका थी। हालांकि, नगर कीर्तन शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।
वैंकूवर में गुरुद्वारे पर भी ग्रैफिटी लक्ष्मी नारायण मंदिर के अलावा, वैंकूवर के रॉस स्ट्रीट गुरुद्वारे की दीवार पर भी इसी तरह की खालिस्तान समर्थक बातें लिखी गई हैं। गुरुद्वारा प्रशासन ने कहा कि वह जांच में पूरा सहयोग करेंगे। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि दोनों घटनाएं आपस में जुड़ी हैं या नहीं, लेकिन समय और एक जैसी हरकत को देखते हुए पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है। कनाडा के हिंदू और सिख समुदाय के नेताओं ने इन घटनाओं की निंदा की। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों का सम्मान बरकरार रहना चाहिए।
5 लाख के करीब सिख श्रद्धालु पहुंचे 20 अप्रैल को सरे में 2025 बैसाखी का नगर कीर्तन निकाला गया। यह धार्मिक श्रद्धा और सांस्कृतिक उत्सव का प्रतीक बना। इसमें 5 लाख के करीब सिख शामिल हुए। गुरुद्वारा साहिब दशमेश दरबार के नेतृत्व में निकाले गए इस नगर कीर्तन में पारंपरिक पंजाबी लोक संस्कृति, सेवा भाव और सिख परंपरा की झलक हर कदम पर देखने को मिली।
सजे-धजे फ्लोट्स, बच्चों और युवाओं की रंगारंग प्रस्तुतियां, और जगह-जगह पर लगाए गए लंगर इस आयोजन को सिख समुदाय की एकता और सेवा भावना का प्रतीक बनाती हैं।
नगर कीर्तन में मौजूद सिख श्रद्धालु खालिस्तानी झंडे लेकर चले।
खालिस्तानी की मौजूदगी ने उठाए सवाल नगर कीर्तन में कई स्थानों पर खालिस्तान समर्थक झंडे, भारत विरोधी नारे और अलगाववादी झांकियां प्रदर्शित की गईं। इनमें से कुछ फ्लोट्स पर सिख अलगाववाद से जुड़े विवादास्पद चेहरों और नारों का खुला प्रदर्शन किया गया। मौके पर मौजूद कुछ लोगों का कहना था कि इस तरह की हरकतों से कनाडा व भारत के संबंधों में अनावश्यक तनाव हो सकता है।
दो साल पहले मारे गए आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के समर्थक व खालिस्तानी समर्थकों की तरफ से लगाई गई स्टेज।
पहले भी निशाना बने हैं हिंदू मंदिर यह कोई पहली घटना नहीं है, जब कनाडा में किसी हिंदू मंदिर को निशाना बनाया गया हो। पिछले 2 वर्षों में इस तरह की कई घटनाएं हो चुकी हैं:
- सितंबर 2023: ब्रैम्पटन के एक मंदिर की दीवार पर “खालिस्तान रेफरेंडम 2020” लिखा गया था।
- जनवरी 2024: मिशन शहर के एक अन्य मंदिर में खालिस्तानी पोस्टर चिपकाए गए थे।
- जून 2024: वैंकूवर में एक मंदिर पर तोड़फोड़ और भड़काऊ ग्रैफिटी की सूचना मिली थी।
इन घटनाओं में अधिकतर मामलों में आरोपियों की पहचान नहीं हो सकी हैं, जिससे हिंदू समुदाय के भीतर असुरक्षा की भावना बढ़ी है।
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