7 नाम बदले, 13 लड़कों पर रेप-छेड़छाड़ के झूठे केस: कोर्ट बोला- तृषा खान को उतनी सजा मिले जितनी लड़कों को मिलती h3>
‘एक व्यक्ति को रेप्युटेशन बनाने में पूरी जिंदगी लग जाती है, लेकिन उसे तबाह करने के लिए सिर्फ कुछ झूठ ही काफी हैं। इसलिए मेरे विचार में, जिस व्यक्ति को यौन उत्पीड़न की झूठी कहानी की वजह से किए गए मुकदमे से गुजरना पड़ा, उसके दर्द की भरपाई सिर्फ बरी करन
.
‘इसलिए कोर्ट आदेश देता है कि इस मुकदमे की फाइल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट को भेजी जाए और कोर्ट के सामने झूठी गवाही देने का मुकदमा लड़की पर दर्ज करवाएं। साथ ही ये भी तय किया जाना चाहिए कि लड़की को उतनी ही सजा मिले जितनी उस व्यक्ति को हो सकती थी, जिसे लड़की ने झूठी गवाही के जरिए आरोपी बनाया था।’
ये रिमार्क 4 अप्रैल 2025 को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट नंबर-2 के एडिशनल सेशन जज अनुज अग्रवाल ने दिया। वो संदीप दहिया को रेप के आरोप से बरी कर रहे थे। सोनीपत के रहने वाले संदीप दिल्ली में काम करते हैं। 24 नवंबर, 2019 को दिल्ली के नबी करीम थाने में उनके खिलाफ रेप की FIR दर्ज हुई। 105 दिन की जेल और 6 साल मुकदमे के बाद वे बरी हुए।
केस की इन्वेस्टिगेशन शुरू हुई, तब आरोप लगाने वाली लड़की का जो क्रिमिनल बैकग्राउंड सामने आया, वो बेहद चौंकाने वाला था। लड़की का नाम तृषा खान है। उसने 7 नाम बदले और 5 फेसबुक आईडी बनाई। उसने अलग-अलग थानों में 10 लोगों के खिलाफ झूठा रेप केस और 3 पर छेड़छाड़ का केस दर्ज कराया।
संदीप ने बताया- फेसबुक पर एक मैसेज आया और मैं फंस गया केस में बरी होने वाले संदीप संदीप बताते हैं, ’20 नवंबर, 2019 की बात है। मेरे पास फेसबुक पर एक मैसेज आया- हाय। मैंने रिप्लाई में हैलो कर दिया। ये मैसेज तृषा राठौर की प्रोफाइल से आया था। फेसबुक पर ये मेरी फ्रेंड नहीं थी और न ही इसने कोई रिक्वेस्ट भेजी थी, सीधा मैसेज आया।’
‘हमारे फोन नंबर एक्सचेंज हुए और हमारी बातचीत शुरू हो गई। वो 4 दिन बाद जयपुर से दिल्ली आ गई। उसने कहा- ‘हम मिलेंगे और मस्ती करेंगे। मैं एक दोस्त के साथ उसे लेने दिल्ली रेलवे स्टेशन गया।’
‘उसने कहा कि मेरे संपर्क में मध्य प्रदेश में बड़े अफसर हैं। वो कुछ-कुछ धमकियां देने लगी।’
मैंने बोला- आप चाहती क्या हो मैडम?
उसने कहा- मुझे वापस स्टेशन ले चलो।
‘हम उसे स्टेशन ले गए। तुरंत वापसी का टिकट भी करा दिया।’
ट्रेन अगले दिन सुबह की थी इसलिए रात में रुकने के लिए एक होटल कराया। उसने मेरा फोन भी ले लिया। सुबह जब हम उसे स्टेशन छोड़ने गए तो उसने टिकट दिखाने को कहा। मैंने उसे टिकट दिया और अपना फोन मांगा।
‘वो सीधे जाकर टीटी के पास बैठ गई और कहने लगी, इस लड़के ने मेरा रेप किया है।’
‘उसने 7 बार 100 नंबर पर कॉल लगाया। इस बीच रेलवे पुलिस आ गई और मुझे दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया। 24 नवंबर को मुझ पर रेप का केस हुआ और मुझे जेल भेज दिया। मैंने किसी तरह पुलिस के जरिए फोन वापस लिया और घर वालों को खबर की। घर वाले आए, लेकिन रेप का मामला था, तो पुलिस ने एक न सुनी।’
संदीप आगे बताते हैं, ‘मैं जेल में ही था, वो लड़की 27 नवंबर को मेरे घर पहुंच गई। उसने मेरी मां से कहा- ‘ऐसे केसेज में 5-7 लाख रुपए लगते हैं। पैसे दे दो, मैं कोर्ट में आपके लड़के के पक्ष में गवाही दे दूंगी। वो छूट जाएगा। अच्छी बात ये रही है कि मेरा एक दोस्त भी उस वक्त वहां मौजूद था। उसने चुपचाप इसका वीडियो बना लिया।’
तृषा खान ने 7 नाम अलग-अलग नामों से लोगों को फंसाया। शिकायतों में उसने पिता के भी दो नाम लिखाए थे- जहांगीर खान और रजनीश सिंह राठौड।
सालों की कमाई इज्जत धूल में मिली, गांव में लोग बातें कर रहे संदीप बताते हैं, ‘मेरी नौकरी छूट गई। दिल्ली छोड़कर गांव आकर रहना पड़ा। रेप के आरोप में जेल काटकर आया था, मुकदमा चल रहा था। इस केस ने हमारी सालों की कमाई इज्जत धूल में मिला दी। इन 6 सालों में गांव के लोग तरह-तरह की बातें करते थे।’
‘उस लड़की ने जब घर आकर मेरी मां से 7 लाख रुपए मांगे। तभी मेरे केस की खबर पूरे गांव में फैल गई थी। मैं बरी हो गया, लेकिन इसकी खबर इतनी जल्दी नहीं पहुंचेगी। एक-एक को पकड़कर तो बता नहीं सकते। सोच रहा हूं भंडारा करूं और उसी के बहाने सबको ये खबर बता दूं, ताकि बाकी का जीवन अपराधी की तरह न गुजारना पड़े।’
बड़ी बात ये है कि जिस कोर्ट ने 2025 में संदीप दहिया को रेप के आरोप से मुक्त किया और आरोप लगाने वाली लड़की पर मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया। उसी कोर्ट ने 2018 में एक और व्यक्ति को रेप के आरोप से बरी किया था। दोनों केस में आरोप लगाने वाली लड़की एक ही थी।
गांव के सरपंच को फोन आया, कहा- संदीप के परिवार से मिलना है संदीप सोनीपत के गढ़ी बाला गांव के रहने वाले हैं। केस के वक्त गांव के सरपंच रहे सुरेश कुमार बताते हैं, ‘मेरे पास एक लड़की का फोन आया था। उसने कहा कि आपके गांव में रहने वाले संदीप के बारे में कुछ बात करनी है। मुझे उसके घरवालों से मिलवा दीजिए।’
सुरेश कहते हैं, ‘मैंने उससे पूछा बात क्या है? उसने बताया- मेरा और संदीप का झगड़ा हो गया था। मैंने उस पर रेप केस लगा दिया, लेकिन अब मैं उसकी मदद करना चाहती हूं। ये कहकर वो रोने लगी। मुझे लगा कि शायद लड़की से सच में कुछ गलती हो गई हो।’
मैंने उसे आने के लिए बोला और वो प्राइवेट टैक्सी करके आ भी गई। वो गाड़ी से उतरी और मुझसे कहा- गाड़ी का किराया दे दो। मुझे कुछ समझ नहीं आया क्योंकि ऐसे कौन कहता है। मैंने 1700-1800 रुपए किराया दिया। फिर उसने गाड़ी वापस भेज दी। मैंने पूछा भी कि वापस कैसे जाओगी?
सुरेश आगे बताते हैं, ‘जब मैं उसे संदीप के घर लेकर गया, तो वो अपनी बात से बिल्कुल पलट गई। मैं समझ गया कि मामला गड़बड़ है। मैंने कहा आप यहां नहीं रुक सकतीं, तो वो कहने लगी कि मैं रात में कहां जाऊं। मेरे लिए होटल कर दो।’
‘हमने उसे होटल में छोड़ा। कमरे का 6 हजार रुपए किराया लगा। अगले दिन उसने होटल से ही फोन करके पुलिस बुला ली। हमने पुलिस को पूरा मामला बताया, तब जैसे-तैसे उसे रवाना किया।’
संदीप की मां बोली- 3 महीने से रोटी नहीं खाई, गोली खाकर जिंदा हूं हमने संदीप की मां रामरती से भी बात की। वे बताती हैं, ‘गांव के लोग संदीप के बारे में बहुत बातें करते थे। कहते थे कि उसी लड़की से शादी करवा दो। मुझे यकीन था कि मेरा बेटा छूटेगा। मैंने 3 महीने तक रोटी भी नहीं खाई। बस गोली खाकर जिंदा रही। जिसका बेटा जेल में हो, भला उसकी मां से रोटी कहां खाई जाती है।’
वो लड़की आपके घर आई थी? ‘हां, आई थी और 2-3 घंटे घर पर रही। उसने कहा कि मैं आपके लड़के को छुड़वा दूंगी। कोर्ट में गवाही दे दूंगी, शपथ पत्र भी जमा कर दूंगी कि उसने मेरे साथ कुछ नहीं किया। मुझे अच्छा नहीं लगता कि किसी की मां-बहन रोए। वो छूट जाएगा। फिर वो कहने लगी कि आज मैं यहीं रुकूंगी, लेकिन उसके हाव-भाव ठीक नहीं थे।’
इस मामले में रामरती ने 9 दिसंबर 2019 को सोनीपत के कुण्डली थाने में रिपोर्ट भी दर्ज करवाई।
ऐसे खुला लड़की का क्रिमिनल रिकॉर्ड, सामने आए पुराने केस संदीप के एडवोकेट नीतेश धनखड़ बताते हैं, ‘नवंबर 2019 में केस हुआ। 2020 की शुरुआत में पुलिस ने इन्वेस्टिगेशन और सबूत जुटाने शुरू किए। संदीप को मार्च में बेल मिली। इसके बाद कोर्ट में गवाहियों का सिलसिला शुरू हुआ। करीब 11-12 गवाही हुई। सारे सबूतों और गवाहों की रिपोर्ट बनने के बाद कोर्ट ने लड़की को गवाही के लिए कई बार बुलाया, लेकिन वो हाजिर नहीं हुई।’
‘2022 के आसपास की बात है। पुलिस FSL रिपोर्ट के लिए लड़की का ब्लड सैंपल लेने जयपुर गई। वहां पुलिस को पता चला कि लड़की जयपुर की एक जेल में है। जयपुर की जेल से छूटने के बाद लड़की दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में आई।’
‘उसकी गवाही के दौरान मैंने उसे कई बार क्रॉस किया। मेरी नजर इसके हाथ पर पड़ी। हाथ में ब्लेड से काटने के गहरे निशान थे। साफ पता चल रहा था कि उसने सुसाइड की कोशिश की थी। कोशिश की होगी तो किसी न किसी थाने में कोई न कोई मुकदमा जरूर दर्ज हुआ होगा। हमें यहीं से लड़की की क्रिमिनल हिस्ट्री का पहला क्लू मिला। ये मुकदमा 2014 का था और जयपुर के जवाहर सर्किल में दर्ज कराया गया था।’
तृषा खान पर जयपुर के अलग-अलग थानों में कुल 13 केस दर्ज हैं। ये चोरी, वसूली और सुसाइड के हैं।
RTI के जरिए और डॉक्यूमेंट्स इकट्ठे करने शुरू किए हमने सुसाइड का ये मामला अपने सोर्सेज से पता कर लिया था। हमें जयपुर के वैशाली नगर पुलिस थाना की 28 अगस्त 2024 की एक प्रेस रिलीज मिली। इसका टॉपिक था- ‘राह चलते लोगों से कार में लिफ्ट लेकर छेड़छाड़ और रेप के झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर ठगी करने वाली शातिर महिला अरेस्ट’।
उसी दिन पुलिस ने इस मामले की पूरी जांच रिपोर्ट मीडिया से शेयर की। इस रिपोर्ट में लिखा था- ‘जयपुर में एक महिला के छेड़छाड़ और रेप के एक दर्जन से ज्यादा झूठे केस दर्ज पाए गए। पुलिस ने इसमें सारे मुकदमों की लिस्ट भी लगाई। लड़की ने अलग-अलग थानों में 10 पर रेप केस और 3 पर छेड़छाड़ का झूठा केस दर्ज कराया था। दो आरोपी बरी थे, बाकी केस में भी लड़की के खिलाफ चालान हुआ था।’
तृषा खान ने अलग-अलग थानों में 10 पर रेप केस और 3 पर छेड़छाड़ का केस दर्ज कराया था।
RTI में सामने आई असली पहचान RTI में तृषा खान पर लगे मुकदमों का हवाला देते हुए लोक सूचना अधिकारी एवं अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त मुख्यालय जयपुर से 3 मई 2024 को सूचना मांगी। इसका जवाब 10 मई 2024 को आया। इसी से तृषा खान की पहचान सामने आई।
तृषा खान ने कैमरे के सामने कोर्ट में गुनाह कबूले तृषा से 28 मार्च 2024 को कोर्ट में पूछताछ हुई। लड़की से सवाल किए गए और उसने जवाब दिए
वकील: आपने पहले कभी किसी के खिलाफ रेप केस किया है? लड़की: हां, मैंने पहले 3 अलग-अलग लोगों के खिलाफ 3 रेप केस किए हैं।
वकील: आप कभी जेल में रही हैं ? लड़की: हां, पंजाब और राजस्थान की जेल में रही हूं।
वकील: तृषा को दिल्ली के दरियागंज में किए हुए पुराने केस का कागज दिखाया गया। FIR नंबर 489/15, पुलिस स्टेशन दरियागंज। लड़की: हां, मैंने ही FIR कराई थी। ये शिकायतकर्ता मैं ही हूं।
वकील: क्या दरियागंज में जिस व्यक्ति के खिलाफ रेप का केस किया था, वो बरी हो गया है? लड़की: मुझे नहीं पता कि आरोपी इस केस में बरी हो गया है।
लड़की ने खुद आरटीआई की कॉपी और जयपुर पुलिस की प्रेस रिलीज में सामने आए मुकदमों के होने की बात कन्फर्म की।
ये तस्वीर तृषा खान की है। जयपुर पुलिस ने 28 अगस्त 2024 को ये प्रेस नोट के साथ जारी की थी।
रेप के बाकी आरोपियों से भी कॉन्टैक्ट करने की कोशिश की हमने उन लोगों से भी संपर्क करने की कोशिश की, जिन पर तृषा ने पहले रेप के आरोप लगाए थे। इन्होंने संदीप के केस का डॉक्युमेंटेंशन और सबूत खोजने में मदद की।
एडवोकेट नीतेश ने बताया, ‘तृषा खान का शिकार बने कई लोगों ने हमें सबूत खोजने की दिशा दी। कुछ ने डॉक्यूमेंट्स भी सौंपे।’
दिल्ली के बक्काउल्लाह खान का केस हमने उस केस की पड़ताल की जिस केस का हवाला कोर्ट ने संदीप को बरी करने के जजमेंट में दिया है। दिल्ली के रहने वाले बक्काउल्लाह खान पर भी तृषा खान ने 24 मई 2018 को दरियागंज थाने में रेप का केस किया था।
जो कहानी हमें पता चली, वो कुछ ऐसी थी, ‘मैं (बक्काउल्लाह) जिस रेस्टोरेंट में काम करता था, लड़की उस रेस्टोरेंट में आई थी। वो वहां किसी से होटल में रूम के लिए बात कर रही थी। मैंने सुना तो उसे पहाड़गंज के एक होटल का पता बता दिया। मैंने बताया- वहां सस्ता और बेहतर कमरा मिल जाएगा। उसने मेरा नंबर ले लिया।’
‘होटल के कमरे में पहुंचते ही उसने मुझे कॉल किया और अपने पास बुलाया। हम मिले और जो कुछ हुआ मर्जी से हुआ। लड़की ने होटल में हम दोनों के लिए खुद खाना भी ऑर्डर किया। हमने साथ खाना खाया और वाइन पी। फिर मैं निकल गया। फिर उसने मुझे कॉल किया और पैसे मांगे। मैंने मना कर दिया, लेकिन वो फोर्स करने लगी।’
इस केस का जजमेंट तीस हजारी कोर्ट की कोर्ट नंबर 2 में ही 2018 में हुआ था। इस मामले में बक्काउल्लाह को आरोप से बरी कर दिया गया था।
तृषा जैसी महिलाएं ‘सीरियल रेप केस फाइलर’ सोशल एक्टिविस्ट और एकम न्याय फाउंडेशन की डायरेक्टर दीपिका नारायण भारद्वाज कई मामले उजागर कर चुकी हैं। वो कहती हैं ‘रेप को लेकर बने कानूनों का खुलकर गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। तृषा की तरह कई ऐसे केसेज सामने आए, जहां महिलाएं पैसों की उगाही के लिए कई पुरुषों पर रेप के केस दर्ज करा चुकी हैं। जबकि सामने आने वाले मामलों की संख्या बहुत कम है।’
‘इन्हें मैं सीरियल रेप केस फाइलर कहती हूं। अफसोस है कि ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे पता चल सके कि एक महिला ने कितने मुकदमे दर्ज कराएं हैं। बलात्कार के कानून का दुरुपयोग वैसे ही हो रहा है, जैसे दहेज के कानून का होता है। सरकार को जल्द ही संज्ञान लेना चाहिए।’
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